जौनपुर की क्रान्ती

औपनिवेशिक काल और विश्व युद्ध : 1780 ई. से 1947 ई.
15-04-2017 12:00 AM
जौनपुर की क्रान्ती
अंग्रेजो के भारत मे आने के उपरान्त उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार वृहद रूप से शुरू कर दिया था| उत्तर प्रदेश जो की उस समय यूनाइटेड प्रोविंस के नाम से जाना जाता था, अंग्रेजो के लिए बहुमूल्य स्थान था| मेरठ लखनऊ कानपुर आदि स्थानों को अंग्रेजो ने अपने आधीन कर लिया था या फिर उनके अपने स्त्रोत यहाँ की राजनीति मे काफी अन्दर तक पहुँच गए थे| जौनपुर मे अंग्रजों ने अपना प्रभुत्व पूर्णरूप से सन् 1779 ई. मे स्थापित कर लिया तब से यहाँ पर जमींदारी व्यवस्था व जमीन के कर का दौर चला| 1857 की क्रांति मे जौनपुर का एक अहम योगदान रहा था| सिख सेना ने जौनपुर आकर यहाँ के भारतीय बागी सेना के साथ मिलकर अंग्रेजों के विरुद्ध लडांई की तथा जौनपुर को आजादी दिलाई परन्तु पुनः नेपाल कि गुरखा सेना द्वारा जौनपुर अंग्रजों के अधीन चला गया| जौनपुर कोतवाली और आस-पास के क्षेत्रों मे अंग्रेजी वास्तु कला कि इमारते तथा जेल आज भी कार्यरत व मौजूद है।