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जौनपुर शहर का विकास शहरी जनसंख्या, शहरीकरण के नए तरीकों, कृषि का आधुनिकीकरण और औद्योगिक विकास पर आधारित होने के कारण एक नियमित गति से हुआ है। लेकिन सोचने की बात यह है कि शहरीकरण का आखिरी लक्ष्य क्या है? यह हमें किस दिशा में ले जा रहा है? शहर और महानगरों के शहरीकरण का शिखर क्या है? एक नजर में तो यह शहरीकरण अतिरंजित बौद्धिक बहस मात्र लगती है, लेकिन अर्थ पूर्ण उपलब्धियों और सपनों को साकार करने के लिए हमें अपनी समस्या को निष्पक्ष होकर जहां तक संभव हो उद्देश्य पूर्ण ढंग से सुलझाना चाहिए। आवास नगर (Ecumenopolis) में दर्शाए गए आज के शहरों पर विचार करते समय सभी संभावित चुनौतियों का सामना करना होगा। शुरुआती नतीजों से लगता है कि अभी हम ऐसे समाज से 150 वर्ष दूर हैं। आवास नगर ग्रहवार शहर की एक काल्पनिक परिकल्पना है।
आवास नगर (Ecumenopolis)
1967 में ग्रीक शहरी योजनाकार कांस्टेंटिनॉस डॉक्सीडीस (Constantinos Doxiadis) ने 'आवास नगर' शब्द की खोज की थी। उनका मानना था कि आगे चलकर महानगर और शहरी इलाके आपस में जोड़कर एक विश्व स्तर का शहर निर्मित करेंगे और यह वर्तमान शहरीकरण के विकास और जनसंख्या वृद्धि की दर पर आधारित होगा। आवास नगर की अवधारणा से पहले, अमेरिकी धार्मिक नेता थॉमस हैरिस (Thomas Harris) ने शहरी ग्रहों का जिक्र अपनी कविताओं में किया था। विज्ञान कथा लेखक इसाक असिमोव (Isaac Asimov) ने शहरी ग्रह ट्रांटर (Trantor) का प्रयोग अपने कुछ उपन्यासों में किया है।
कैसा होगा जीवन आवास नगर में?
इस कल्पना के लिए हमें एक पीढ़ी आगे और जितनी दूर की सोच सके उतनी दूर सोचना होगा। यह पहली शताब्दी से शुरू होगा। सारी गलियां ऐसी ही होंगी, पर सारी इमारतें नहीं। अगली कुछ शताब्दियों में गलियों का नमूना भी बदल जाएगा । भावी शहरों की वास्तविक दशा को समझने के लिए हमें उन के आयाम, उनकी जनसंख्या और फिर उनकी भौतिक सीमाओं को जानना होगा। इन शहरों के आयाम अति मानवीय( एक्स्ट्रा ह्यूमन (Extra Human)) होंगे तथा आज के मनुष्य के नियंत्रण के बाहर भी। इससे अमानवीय परिस्थितियां भी पैदा हो सकती हैं। शहरों के आकार से जनसंख्या की गणना नहीं हो सकती। औसतन जनसंख्या 4% की दर से हर साल बढ़ती है। भावी शहर की जनसंख्या की गणना के लिए हमें विश्व की कई शहरी आबादी को लेना होगा। इसके लिए हमें पहले पूरी विश्व जनसंख्या के सामान्य विकास को भी समझना होगा। अभी अंदाजन आबादी 3,500,000,000 है और 2% सालाना की दर से बढ़ती है। 22वीं शताब्दी में यह 50,000 ,000,000 हो जाएगी। दूसरे महत्वपूर्ण आर्थिक और भौगोलिक दबाव भी भावी शहर का निर्माण करेंगे।
सबको आवास और रोजगार के उपयुक्त अवसर मिलेंगे। घरों में निजता की पूरी व्यवस्था होगी। शिक्षा और खाली समय का उपयोग सब को एक समान मिलेगा। लोगों को प्राकृतिक और प्राथमिक ऊर्जा के स्रोत उपलब्ध होंगे। सारी सुविधाएं स्वचालित ढंग से मिलेंगी।
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में ट्रांटर (Trantor) शहरी गृह की कलात्मक अभिव्यक्ति को दिखाया गया है। (Wikimedia)
दूसरे चित्र में एक्युमेनोपॉलिस (Ecumenopolis, आवास नगर) की कलात्मक अभिव्यक्ति है। (Wikkimedia)
तीसरे चित्र में ट्रांटर की एक अन्य अभिव्यक्ति को दिखाया गया है। (Flickr)
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