लॉकडाउन (Lockdown) के चलते सड़कों के खाली होने के कारण लोग रफ्तार पकड़ रहे हैं। वहीं सड़कों पर लगाई गई, स्पीड गन (Speed Guns), अनुमेय गति सीमा से ऊपर चलने वाले वाहन की जानकारी अंकित कर लेती है, जो स्वचालित रूप से एक चालान उत्पन्न कर देती है। ये प्रत्येक चालान वाहन की तस्वीर के साथ आता है, जिसे चौराहों पर स्थापित कैमरे (Camera) द्वारा खींचा जाता है। यदि मौके पर कैमरे द्वारा खींची गई वाहन की तस्वीर है, तो यह एक वैध प्रमाण होता है कि चालक ने नियमों का उल्लंघन किया है। ये सभी इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) चालान होते हैं, जो मशीन (Machine) आधारित हैं। इन चालानों को किसी कार्मिक द्वारा नहीं जारी किया जाता है।
अब तक, लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी, आगरा, बरेली, प्रयागराज और कानपुर सहित राज्य के केवल 10 शहरों में यह सुविधा है। वहीं एक एकीकृत ई-चालान (E-Challan) प्रणाली से मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों के अभियोजन में अधिक पारदर्शिता लाने की उम्मीद है। ई-चालान जारी होते ही वाहन के मालिक को एक संदेश मिल जाता है। ई-चालान का उद्देश्य बार-बार मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने वाले अपराधियों को पकड़ना है, जो उच्च जुर्माना का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।
वहीं पिछले ही वर्ष संशोधित मोटर वाहन अधिनियम ने ट्रैफिक (Traffic) जुर्मानों में काफी उच्च वृद्धि की थी। जिसके संबंध में केंद्र सरकार का कहना है कि चालान में वृद्धि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि लोग यातायात नियमों का पालन करें और सुरक्षा के साथ वाहन को चलाएं। क्योंकि भारत में प्रत्येक सेकंड कहीं न कहीं वाहन दुर्घटना होती है, जिसमें कई लोगों की मृत्यु हो जाती है या घायल हो जाते हैं। इन दुर्घटनाओं में से अधिकांश साफ मौसम के दिन, एक खुले क्षेत्र में एक सीधी सड़क पर होते हैं। दरअसल इनमें से अधिकांश दुर्घटनाएँ तेज गति के कारण होती हैं। आठ दुर्घटनाओं में से दो राष्ट्रीय राजमार्ग पर होती हैं और कम से कम तीन में एक दोपहिया वाहन शामिल होते हैं। वहीं इन सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों में से 86% पुरुष होते हैं और ज्यादातर मामलों में परिवार के मुख्य कमाने वाले होते हैं। मृतकों (पुरुषों और महिलाओं) का बहुमत (72%) 18-45 वर्ष के आयु वर्ग में होता है, जो जनसंख्या सबसे अधिक उत्पादक है और भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में प्रतिष्ठित है।
हाल ही में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा मार्च - अप्रैल के महीने में तेज गति के लिए 4,54,438 चालान जारी किए गए हैं, जिनकी राशि लगभग 90 करोड़ रुपये है, लेकिन कई कथित चालान धारियों का दावा है कि यह उनके कारण नहीं हो सकता क्योंकि लॉकडाउन के चलते उन्होंने अपने घरों से बाहर कदम नहीं रखा था। लाखों रुपये के चालान प्राप्त करने वाले कई मोटर चालकों द्वारा दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को चिंताजनक मेल (Mail) भेजकर सहायता मांगी थी। कई लोगों ने यह भी शिकायत की कि वे चालान के साथ संलग्न क्लिप (Clip) को नहीं खोल पा रहे हैं, जो उनके अपराध के प्रमाण के रूप में कार्य करता है।
हालांकि लॉकडाउन के चलते न्यायालय बंद हो रखे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि जुर्माना और शुल्क का भुगतान माफ कर दिया जाएगा। न्यायाधीश वारंट (Warrant) भी जारी कर सकता है या किसी प्रतिवादी को अदालत में उपस्थित होने के लिए आदेश जारी कर सकता है, यदि वे इन लागतों का भुगतान करने में विफल रहते हैं, साथ में किसी भी संबद्ध ब्याज और फीस (Fees) के भुगतान में देरी करते हैं तो, उन्हें भुगतान करने में विफल होने का एक ठोस कारण प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा एक प्रतिवादी गंभीर प्रतिकूल परिणाम भुगत सकता है, जैसे कि मजदूरी ऋणानुबंध और ड्राइवर के लाइसेंस (Driver License) का रद्द होना। हालांकि, कोरोनोवायरस आपातकाल स्थिति में उत्पन्न चुनौतियों को पहचानते हुए, कुछ अदालतें ऐसे लोगों को अस्थायी राहत दे रही हैं, जो जुर्माना और फीस भुगतने में असमर्थ हैं।
संदर्भ :-
https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/only-e-challan-for-flouting-traffic-rules-across-uttar-pradesh/articleshow/76240818.cms
https://www.indiatoday.in/india/story/motor-vehicles-act-increased-traffic-fines-road-accidents-data-1598533-2019-09-13
https://www.team-bhp.com/forum/indian-car-scene/71456-catching-speed-violators-inside-delhi-traffic-police-interceptor.html
https://theprint.in/india/cant-lock-down-delhis-speed-devils-police-issue-4-5-lakh-speeding-challans-in-lockdown/411462/
https://www.justia.com/covid-19/impact-of-covid-19-on-criminal-cases/payment-of-fines-and-fees-during-the-covid-19-outbreak/
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में गति सीमा और तेज गति से गुज़रती हुई कार को दिखाया गया है। (Prarang)
दूसरे चित्र में ई-चालान को दिखाया गया है। (Flickr)
तीसरे चित्र में ट्रैफिक कैमरों को दिखाया गया है। (Unsplash)
चौथे चित्र में एक स्कूटर और एक कार की टक्कर के बाद का दृश्य है। (Pexels)
पांचवें चित्र में एक यातायात अधिकारी, सुरक्षा कैमरे और निगरानी केंद्र का सम्मिलित चित्रण है। (Prarang)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.