भारत से प्रभावित पूर्वी एशिया और अन्य देशों से व्यवसाय से सांस्कृतिक संबंधों की स्थापना हुई। परिणामस्वरूप अनेक हिंदू देवताओं की तरह गणेश भी विदेशी भूमि पर पहुंचे। इससे यह भी साबित होता है कि हिंदू धर्म प्राचीन है और पूरे विश्व में इसका प्रसार है। दरअसल हिंदू नाम इसे बाद में मिला, पुरातन नाम है 'सनातन धर्म'। हिंदू विचारों की स्वीकार्यता प्राचीन काल से लेकर आज तक वैश्विक रूप से सभी धर्मों में है। आप कहीं भी उत्खनन करें, भारतीय देवताओं की मूर्तियां वहां मिल जाती हैं, जिससे यह साबित होता है कि कुछ हजार साल पहले सनातन धर्म पूरे विश्व में व्याप्त था। अपने विशेष रूप और आकार की तरह ही भगवान गणेश की विकास यात्रा समस्त सृष्टि की तरह व्यापक और समुद्र के समान अथाह है। कला सामग्री दुकानों में प्रदर्शित खूबसूरत नमूनों से लेकर, पंडालों में प्रदर्शित भव्य महाकाय मूर्तियों में प्रदर्शित गणपति हर शुरुआत के लिए एक अनिवार्य शर्त हैं।
उनके स्मरण के बिना कोई शुभ काम शुरू नहीं होता। ऋग्वेद में भी लिखा है कि गणेश जी का आह्वान हमेशा शुभ कार्य के प्रारम्भ में किया जाता है। यह गणपति से जुड़ा सबसे पुराना प्रमाण है। दूसरी तरफ यजुर्वेद के गद्यात्मक मंत्रों को इकट्ठा किया गया। इसमें भी उन्हें गणपति या गणों का देवता कह कर संबोधित किया गया है। गणेश जी का तांत्रिक संबंध भी बताया जाता है। 320 BC के लगभग गुप्तकाल में गणेश जी की क्रोधी और हिंसक रूप में व्याख्या मिलती है। 17वीं शताब्दी के संत कवि समर्थ रामदास, जिन्होंने युवाओं का आव्हान आक्रमणकारियों से संघर्ष के लिए किया था, उन्होंने पूरे भारत में हनुमान मंदिरों और व्यायाम शालाओं की स्थापना की। उन्होंने गांव वालों को प्रेरित किया कि गणेश की मूर्तियों को हनुमान मंदिरों में रखें और मंदिरों में स्थापित होते ही गणेश जी की पूजा ब्राह्मणी पद्धति से धूप, मिठाई और फूलों से होने लगी।
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में सर्व मंगल दायक गणपति की प्रतिमा को दिखाया गया है। (Wallpaperflare)
दूसरे चित्र में सनातन धर्म में सिद्धिदाता गणपति की सिन्दूर प्रतिमा को दिखाया गया है। (Publicdomainpictures)
तीसरे चित्र में भगवान् गणपति की प्रतिमा को पवित्रता के प्रतीक जल के साथ अभिभूत दिखाया गया है। (Prarang)
चौथे चित्र में जैन धर्म में गणेश भगवान् को दिखाया गया है। (wikimedia)
पांचवें चित्र में बौद्ध धर्म से प्राप्त गणपति का चित्र दिखाया गया है। (wikimedia)
छठे चित्र में जापान में व्याप्त कांगी मुद्रा में प्रतिमा (जो गणपति की परिचायक हैं।) को दिखाया गया है। (Flickr)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.