भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों में बहुत लोकप्रिय है खिचडी

जौनपुर

 19-08-2020 03:10 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

खिचड़ी एक ऐसा व्यंजन है, जिससे भारत में शायद ही कोई अपरिचित हो। यह मुख्यतः दाल, चावल और अन्य सामग्रियों का मिश्रण होती है, जिसे एक बर्तन में पकाया जाता है। भारत में खिचड़ी का इतिहास बहुत ही पुराना है तथा इसके कई संदर्भ विभिन्न लेखों में मिलते हैं। ग्रीक (Greek) राजा सेल्यूकस (Seleucus) ने भारत में अपने अभियान (305-303 ईसा पूर्व) के दौरान उल्लेख किया कि दाल के साथ चावल भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों में बहुत लोकप्रिय है। मोरक्को (Morocco) के यात्री इब्न बतूता (Ibn Battuta) ने 1350 के आसपास अपने प्रवास के दौरान भारत में चावल और मूंग से बने पकवान के रूप में खिचड़ी (किशरी) का उल्लेख किया है। खिचड़ी का वर्णन एक रूसी साहसी अफानासी निकितिन (Afanasy Nikitin) के लेखन में भी किया गया है, जिसने 15वीं शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा की थी।
खिचड़ी मुगलों, विशेषकर जहाँगीर को बहुत लोकप्रिय थी। अकबर के वजीर, अबू-फ़ज़ल इब्न मुबारक, द्वारा लिखा गया 16वीं सदी का दस्तावेज ऐन-ए-अकबरी (Ain-i-Akbari) खिचड़ी बनाने की विधि का उल्लेख करता है, जिसमें 7 विविधताएँ हैं। एक उपाख्यानात्मक किस्सा अकबर, बीरबल और खिचड़ी की विशेषता का उल्लेख करता है। माना जाता है कि एंग्लो-इंडियन (Anglo-Indian) व्यंजन केडगेरे (Kedgeree) की उत्पत्ति भी खिचड़ी से ही हुई है। खिचड़ी चावल और दाल से बने दक्षिण एशियाई व्यंजनों में से एक है, लेकिन इसकी अन्य विविधताओं में बाजरे और मूंग दाल की खिचड़ी भी शामिल है। भारतीय संस्कृति में, यह उन पहले ठोस खाद्य पदार्थों में से एक मानी जाती है, जिन्हें छोटे बच्चे खाते हैं। हिंदू, उपवास के दौरान अनाज का सेवन नहीं करते लेकिन साबूदाना से बानी खिचड़ी को बनाकर खाते हैं, जो कि एक नमकीन दलिया है। खिचड़ी एंग्लो-इंडियन व्यंजन केडगेरे और मिस्र के पकवान कोशारी (Koshari) के लिए प्रेरणा थी।
खिचड़ी भारतीय उपमहाद्वीप में एक बहुत लोकप्रिय व्यंजन है, जिसमें बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान भी शामिल हैं। यह व्यंजन कई भारतीय राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र में व्यापक रूप से तैयार की जाती है, जिसे आमतौर पर फूलगोभी, आलू और हरी मटर जैसी सब्जियों के साथ भी बनाया जाता है। तटीय महाराष्ट्र में इसका एक लोकप्रिय संस्करण झींगे के साथ बनाया गया है। इतिहासकार मोहसिना मुकदम के अनुसार, खिचड़ी भारत के सबसे प्राचीन खाद्य पदार्थों में से एक है, फिर भी शायद ही कोई इसे बदल पाया है। इसका नाम संस्कृत शब्द खिचका (Khiccā) से लिया गया है, जो चावल और दालों से बने पकवान को संदर्भित करता है। प्राचीन भारत के गैस्ट्रोनॉमिक (Gastronomic) साहित्य में भी खिचड़ी के कई उल्लेख हैं, खिचड़ी की शुरुआती सामग्रियां दही और तिल जैसे तत्व थे। मुगलों को भी इस चावल-दाल के व्यंजन से प्यार हो गया और उन्होंने इसे मध्यकालीन भारत के शाही मेनू (Menus) में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया। खिचड़ी के लिए अकबर की रूचि के कई ऐतिहासिक संदर्भ हैं। वास्तव में, अबू फ़ज़ल के ऐन-ए-अकबरी में शाही रसोई में तैयार खिचड़ी के कई संस्करणों का उल्लेख है, जिसमें केसर, खड़े मसाले और सूखे मेवे शामिल हैं। जहाँगीर मसालेदार खिचड़ी 'अनुकूलन' (पिस्ता और किशमिश से समृद्ध) का इतना शौकीन था कि उसने इसे "लज़ीज़ान" (स्वादिष्ट) नाम दिया।
खिचड़ी को लोकप्रिय बनाने में जहाँगीर की भूमिका का उल्लेख रूसी व्यापारी अफानासी निकितिन ने किया, जो 15वीं शताब्दी में भारत आया था। इसके अलावा, फ्रांसीसी यात्री जीन-बैप्टिस्ट टेवर्नियर (Jean-Baptiste Tavernier), जो 1600 के दौरान छह बार भारत आए थे, ने भी खिचड़ी (हरी दाल, चावल और घी) के बारे में लिखा। यहां तक कि औरंगज़ेब, जो शायद ही कभी भोजन पर ध्यान देते थे भी खिचड़ी के शौकीन थे, जो मछली और उबले हुए अंडे से बनायी जाती थी। बाद में, औपनिवेशिक युग के दौरान, खिचड़ी का यह संस्करण अंग्रेजों द्वारा केडगेरे कहा गया। 19वीं शताब्दी तक, इंग्लैंड में केडगेरे एक परिष्कृत नाश्ता बन गया था, जो अब भी लोकप्रिय बना हुआ है। हाल में ही खिचड़ी को भारत के राष्ट्रीय व्यंजन के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसने एक आश्चर्यजनक विवाद पैदा कर दिया। मिस्र ने खिचड़ी के एक संस्करण कोशारी को अपने वास्तविक राष्ट्रीय व्यंजन के रूप में स्वीकार किया। कोशारी हूबहू खिचड़ी की तरह नहीं दिखती। इसे बनाने के लिए पके चावल को पके पास्ता, दाल और एक मसालेदार टमाटर सॉस (Sauce) के साथ मिलाया जाता है और अंत में कुरकुरा तले हुए प्याज के साथ आवरित किया जाता है।
कोशारी ब्रिटिश भारतीय सेना के साथ उत्पन्न हुई, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मिस्र की सेना के लिए खाद्य पदार्थ के रूप में बनायी गयी। खिचड़ी के सस्ते, संतुलित और बहुत संतोषजनक भोजन के संयोजन को नियमित रूप से मिस्रवासियों ने अपनाया। खिचड़ी ने बगदादी यहूदियों के साथ भी यात्रा की। कोशारी अब मिस्र का राष्ट्रीय व्यंजन है, जोकि व्यापक रूप से लोकप्रिय स्ट्रीट फूड (Street food) है। यह व्यंजन 19वीं शताब्दी के मध्य में उत्पन्न हुआ, जिसने इतालवी, भारतीय और मध्य पूर्वी पाक तत्वों को जोड़ा। कोशारी चावल, मैक्रोनी और दाल के साथ मिश्रित की जाती है, तथा एक मसालेदार टमाटर सॉस, लहसुन के सिरके और तले हुए प्याज के साथ गार्निश (Garnish) की जाती है।

संदर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Khichdi
https://www.thebetterindia.com/119823/khichdi-history-brand-india-food/
https://www.livehistoryindia.com/history-in-a-dish/2017/04/26/the-story-of-khichdi
https://bit.ly/37tDaIF
https://en.wikipedia.org/wiki/Kushari

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में खिचड़ी का चित्र दिखाया गया है। (Flickr)
दूसरे चित्र में दही के साथ खिचड़ी चित्रित की गई है। (Youtube)
तीसरे चित्र में खिचड़ी को चित्रित किया गया है। (Wikimedia)



RECENT POST

  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के खेतों की सिंचाई में, नहरों की महत्वपूर्ण भूमिका
    नदियाँ

     18-12-2024 09:21 AM


  • विभिन्न प्रकार के पक्षी प्रजातियों का घर है हमारा शहर जौनपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:23 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id