3D प्रिंटिंग या एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (Additive Manufacturing) का मतलब है, एक त्रि-आयामी वस्तु का CAD मॉडल (CAD Model) या 3D मॉडल से निर्माण। ‘3D प्रिंटिंग’ का संदर्भ बहुत सारी प्रक्रियाओं में इस्तेमाल होता है, जिनमें सामग्री जमा होती है, जुड़ती है या ठोस रूप कंप्यूटर के नियंत्रण में लेती है और उससे त्रि-आयामी वस्तु तैयार हो जाती है। इस प्रक्रिया में परत दर परत सामग्री आपस में जुड़ जाती है(जैसे कि द्रव पदार्थ या पाउडर के दाने आपस में जुड़ जाते हैं)। 1980 के दौर में, 3D प्रिंटिंग तकनीक का प्रयोग सिर्फ क्रियाशील या सौंदर्य मॉडल के लिए होता था। 2019 में 3D प्रिंटिंग की शुद्धता, पुनरावर्तनीयता और सामग्री की विविधता इतनी बढ़ गई कि कुछ 3D प्रिंटिंग प्रणालियां औद्योगिक उत्पादन तकनीक के समकक्ष पहुंच गई। तब से 3D प्रिंटिंग को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग भी कहा जाने लगा। सबसे महत्वपूर्ण लाभ 3D प्रिंटिंग का यह है कि इससे बहुत ही जटिल आकार या ज्यामिति डिजाइन का निर्माण हो जाता है, जो कि हाथ से करना असंभव था। 2018 में फ्यूज्ड डिपोजिशन मॉडलिंग (Fused Deposition Modeling) या एफडीएम (FDM) का इस्तेमाल 3D प्रिंटिंग का सबसे सामान्य उपयोग हुआ।
3D प्रिंटिंग तकनीक का विकास और भविष्य
पूरे विश्व में 3D प्रिंटिंग उद्योग के विकास से 2018 में 12.8 बिलियन डॉलर राजस्व प्राप्त हुआ और 2020 में इसके बढ़कर 21 बिलियन डॉलर होने की संभावना है.। क्षेत्र जिनमें 3D प्रिंटिंग से अपार लाभ मिले हैं-
चिकित्सा उद्योग
इसमें इस तकनीक का बहुत तेजी से उपयोग बड़ा है। पूरी दुनिया के मरीजों को बेहतर गुणवत्ता के प्रत्यारोपण और कृत्रिम अंग मिलने से बहुत लाभ पहुंचा है। 1990 में मानवीय ऊतकों की 3D प्रिंटिंग होती थी, अब वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर प्रयास करने के कारण ऊतकों की छोटी-छोटी 3D शीट्स बनाने की जगह पूरे 3D अंग बनाने का काम हो जा रहा है। जीवित कोशिकाओं की तरह एक जेल माध्यम पर जमा करके, धीरे-धीरे उनसे त्रि-आयामी आकृति इंकजेट (Inkjet) तकनीक के प्रयोग से बनाई जा रही है।
एरोस्पेस (Aerospace) और विमानन उद्योग
धातु योजक (मेटल एडिटिव (Metal Additive)) निर्माण क्षेत्र में हुए भारी विकास में बड़े पैमाने पर 3D प्रिंटिंग तकनीक का प्रयोग वायु आकाश और विमानन उद्योग में हुआ है।। उदाहरण के लिए नासा (NASA) ने 2015 में जी ई एविएशन (GE Aviation) के पहले 3D प्रिंटेड जेट इंजन को उड़ान की अनुमति दी।
मोटर वाहन उद्योग
इस तथ्य के बावजूद कि मोटर वाहन उद्योग में सबसे पहले 3D प्रिंटिंग का उपयोग हुआ, दशकों तक 3D प्रिंटिंग तकनीक से मिलती जुलती तकनीक से बहुत कम प्रोटोटाइप (Prototype) का उपयोग किया गया। आजकल वाहनों की दुरुस्ती और पूर्णता की जांच के लिए 3D प्रिंटिंग का प्रयोग वाहनों, इंजन और प्लेटफार्म (Platform) में होता है। 2019 के लिए ऐसी उम्मीद की गई थी कि वाहन उद्योग 1.1 बिलियन डॉलर का राजस्व अर्जित करेगा।
औद्योगिक प्रिंटिंग
3D प्रिंटिंग का प्रयोग पारंपरिक उत्पादन और शोध के उद्देश्य से प्रोटोटाइप डिजाइन बनाने में किया जाता है, जिसे रैपिड प्रोटोटाइपिंग (Rapid Prototyping) कहते हैं। 3D प्रिंटिंग से नए नए विचार पहले से तेजी से बन रहे हैं। इससे कंपनियां मुकाबलों में एक कदम आगे चल रही है। प्रोटोटाइपिंग के औजार महंगे होते हैं और उत्पादन में काफी लागत भी लगती है। 3D प्रिंटिंग के जरिए योजक उत्पादन से काफी कम दर पर औजार बनाए जा सकते हैं। अधिक उत्पादन के लिए कंपनियां 3D प्रिंटर्स का प्रयोग करती हैं।
स्थापत्य
3D प्रिंटिंग में कल्पना को साकार करने की अपार क्षमता है। डिजिटल कलर डिजाइन में जबरदस्त उछाल देने के बाद, वर्चुअल तौर पर कोई भी डिजाइन बनाकर उसे 3D प्रिंट तैयार कर सकते हैं। निकट भविष्य में इस तरह 3D प्रिंटिंग का सुचिंतित ढंग से प्रयोग बहुत से क्षेत्रों को अपने कब्जे में ले लेगा । बहुत से स्टार्ट-अप (Start-up) और उद्योग भारत में 3D प्रिंटिंग तकनीक में अपार क्षमता देख रहे हैं।
कोविड-19 में 3D प्रिंटर का कमाल
कोविड-19 महामारी के दौर में 3D प्रिंटर इस समय सबसे आगे चल रहे हैं। अमेरिका में इसकी मदद से आपातकाल में मास्क (Mask) तैयार करके उपलब्ध कराए गए। धीरे-धीरे तमाम लोग चौकसी के अभियान में जुड़ गए हैं। चौकसी का मानना है कि कोरोनावायरस के इस समय में हमारी मास्क निर्माता समुदाय एकजुट होने पर गर्व करता है। वक्त पर हमने अपने दिमाग और कौशल का सही उपयोग किया। शुरुआत में 19000 चेहरे के कवर बनाकर 50 संस्थानों को उपलब्ध कराए, जिनमें अस्पताल , मेडिकल स्टोर ,फायर ब्रिगेड ऑफिस भी शामिल थे।
चौकसी एक लाइब्रेरियन (Librarian) हैं और रिसर्च और एजुकेशनल टेक्नोलॉजी (Research and Educational Technology) में स्पेशलाइज़ेशन कर रहे हैं। उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के कार्डियोलॉजी (Columbia University Medical Center Cardiology) फेलो (Fellow) का ईमेल आया, जो उन्हें रात के समय मिला। वे कोविड-19 मरीजों की देखभाल करने वाले हॉस्पिटल स्टाफ के लिए प्रोटेक्टिव गियर (Protective Gear) चाहते थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि चौकसी जो उस वक्त कोलंबिया यूनिवर्सिटी की 3D प्रिंटिंग लाइफ की एडमिनिस्ट्रेटर थी, इस दिशा में जरूर सहायता कर पाएंगे। उस समय चौकसी के पास प्रिंटर नहीं था । कोलंबिया ने अपने प्रिंटर दिए। चौकसी ने अपने अपार्टमेंट में 6 प्रोटोटाइप से फील्ड बनाए और अगले दिन को दिए। उन्होंने सीधे अस्पताल ले जाकर उनका परीक्षण किया और वापस आकर बोले,’क्या हमें 1000 और मिल सकते हैं?'
सन्दर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/3D_printing
http://www.iamwire.com/2015/08/3d-printing-technology-scope/121210
https://www.quora.com/Is-3D-printing-a-good-career-in-India
https://www.theverge.com/2020/5/25/21264243/face-shields-diy-ppe-3d-printing-coronavirus-covid-maker-response
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में आधुनिक तकनीक युक्त 3D प्रिंटर को दिखाया गया है। (Pexels)
दूसरे चित्र में कम्प्यूटर आधारित कैड (CAD) डिज़ाइन को दिखाया गया है। (Flickr)
तीसरे चित्र में चिकित्सा पद्धति में 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग दिखाया गया है। (Prarang)
चौथे चित्र में एरोस्पेस (Aerospace) और विमानन उद्योग में 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग दिखाया गया है। (Freepik)
पांचवें चित्र में मोटर वाहन उद्योग में 3D प्रिंटिंग तकनीक को दिखाया गया है। (Youtube)
छठे चित्र में औद्योगिक इकाइयों में 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग दिखाया गया है। (Pngtree)
सांतवें चित्र में रैपिड प्रोटोटाइपिंग (Rapid Prototyping) का उदाहरण दिखाया गया है। (Unsplash)
आठवें चित्र में कोविड-19 के दौरान सुरक्षा मास्क का कम्प्यूटर आधारित डिज़ाइन दिखाया गया है। (Flickr)
अंतिम चित्र में सुरक्षा मास्क की डिज़ाइन और 3D प्रिंट से तैयार उत्पाद को दिखाया गया है। (Flickr)