इस महीने न केवल भारत के स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ है, बल्कि भारत छोड़ो आंदोलन का 79वां वर्ष भी है

आधुनिक राज्य : 1947 ई. से वर्तमान तक
15-08-2020 01:38 PM
इस महीने न केवल भारत के स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ है, बल्कि भारत छोड़ो आंदोलन का 79वां वर्ष भी है
अगस्त 1942 को गोवलिया टैंक मैदान से ध्वजारोहण के बाद की अनदेखी छवियाँ।
आंसू गैस का उपयोग करके लोगों की इच्छाशक्ति को तोड़ने के विफल प्रयास के बाद पुलिस ने लाठियां और रिवाल्वर (Revolver) उठा लिया।

स्वयंसेवकों को गर्दन से पकड़ा गया और लात मार कर किनारे कर दिया गया।

शारीरिक रूप से प्रत्येक स्वयंसेवक को पकड़ने के बाद, पुलिस ध्वज-चौकी तक पहुंच गई।

निहत्थे स्वयंसेवकों से आंसू गैस और बल के साथ निपटने के बाद, पुलिस अधिकारियों ने झंडे को नीचे उतार दिया।

सफ़ेद टोपी में मौज़ूद वहाँ हर एक व्यक्ति खतरे में था, लेकिन स्वयंसेवकों ने दृढ़ता से वहाँ से जाने से मना कर दिया और वहीं पर अनशन पर बैठ गए।

चित्र सन्दर्भ:
1942 की ज्वाला (The flames of 1942 book)