भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड (North Sentinel Island) को दुनिया में 'सबसे अलग-थलग जनजाति का घर' वाला द्वीप माना जाता है। वैसे तो दुनिया के कई हिस्सों में ऐसी जनजातियां हैं, जो बाहरी लोगों से दूर ही रहती हैं। किन्तु सेंटिनल जनजाति की मुख्य विशेषता यह है कि अन्य अधिकांश जनजातियों के विपरीत, वे भौगोलिक स्थिति के कारण नहीं, बल्कि इसलिए सबसे अलग रहते हैं क्योंकि वे सक्रिय रूप से किसी अन्य से मिलना ही नहीं स्वीकार करते और यहां तक कि उन लोगों के खिलाफ हिंसा भी करते हैं, जो इनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश करते हैं। हाल के शोध के अनुसार, सेंटिनल जनजाति की भाषा और संस्कृति आसपास के क्षेत्र की किसी भी अन्य जनजाति के समान नहीं है, इसका मुख्यतः कारण यही हो सकता है कि संभवतः वे हजारों वर्षों से बाहरी दुनिया से संपर्क के बिना ही रह रहे हैं।
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