शाही किला जौनपुर मध्यकालीन इतिहास का एक उत्कृष्ट नमूना है। इस किले के मुख्य द्वार के बाहर मौजूद छह फीट ऊंचे स्तंभ पर सन 1376 की तिथि अंकित है और इसमें शारिकों के वंशजों के लिए भत्ते को जारी रखने के लिए किले के सभी हिंदू और मुस्लिम कोतवाल से अपील की गई है। इस पट पर फारसी भाषा में एक लेख उकेरा गया है, जिसमें यह लिखा है कि, “मैं अल्लाह और उनके नबी के नाम पर एक मुसलमान को शपथ दिलाता हूँ; और अगर वह हिंदू है तो मैं उसे राम, गंगा और त्रिवेणी के नाम की शपथ दिलाता हूं कि यदि वह इस लेख पर अमल नहीं करता है तो वह भगवान अथवा पैगंबर द्वारा शापित हो जाएगा और यदि उन्होंने चाहा तो उसके चेहरे को पुनरुत्थान के दिन काला कर दिया जाएगा और वह नर्क में जाएगा।”
इस लेख में कुल 17 पंक्तियाँ हैं, जो कि हिन्दू और मुस्लिम कोतवालों को शर्की वंशजों का प्रवेश भत्ता जारी रखने का परामर्श देता है, परन्तु इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं उपलब्ध हैं। सुल्तान फ़िरोज़ शाह तुगलक ने राठौर राजाओं (कन्नौज) के मंदिरों और महलों की भौतिकवादी सामग्री का उपयोग करके इस किले को बनवाया था। किला पहले से मौजूद एक टीले पर बना था। मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान किले का जीर्णोद्धार और विकास किया गया था। किले में एक विशाल प्रवेश द्वार है, जो 14 मीटर ऊँचा है, इसके दोनों ओर कक्ष हैं। मुगल साम्राज्य के दौरान, अकबर के गवर्नर मुनीम खान ने पूर्वी प्रवेश द्वार की ओर एक अतिरिक्त प्रांगण बनवाया था, जिसमें 11 फीट ऊंचा प्रवेश द्वार है। किला एक अनियमित चतुर्भुज के रूप में है, जिसके पूर्व में मुख्य प्रवेश द्वार है और पश्चिम में एक अतिरिक्त निकास द्वार है। इसके द्वार, दीवारें और अन्य संरचनाएं राख के चौकोर पत्थर से बनी हैं। इस किले में कुछ अत्यंत ही महत्वपूर्ण इमारतें भी स्थित हैं, जिनमें से हमाम या भूलभुलैया, बंगाल शैली की मस्जिद (जिसमें तीन गुम्बद हैं) और सामने एक मीनार भी स्थित है, जिसपर कुरान की आयतें लिखी हुई हैं। भूलाभुलैया की संरचना तुर्की स्नान या हमाम का एक आदर्श प्रतिरूप है। यह ठोस संरचना आंशिक रूप से भूमिगत है, जिसमें प्रवेश और निर्गम प्रणाली, गर्म और ठंडे पानी और शौचालय जैसी अन्य जरूरतों की व्यवस्था है। वहीं विशिष्ट बंगाल शैली में निर्मित किले के भीतर की मस्जिद 39.40 x 6.65 मीटर की ऊँची इमारत है, जिसमें तीन छोटे गुंबद हैं।© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.