संगीत की दुनिया भी अलग अलग कालों में विभाजित की गई है तथा इनका विभाजन संगीत शैली के आधार पर किया गया है| जैसे रोमांटिक काल (Romantic Period) के दौरान, शास्त्रीय युग के संगीत की तुलना में संगीतों की अलग तरह से रचना की गई थी। जहाँ शास्त्रीय युग में संगीतों में संतुलन और संयम के सख्त कानून थे वहीं रोमांटिक युग ऐसे संगीत को प्रदर्शित करता है, जो अधिक अभिव्यंजक हो, अर्थात कलात्मक स्वतंत्रता, नए प्रयोग और रचनात्मकता के लिए संगीतकारों को अनुमति दी गई। कई रोमांटिक संगीतकारों ने अपनी सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्रवाद को व्यक्त करने के लिए लोक संगीत के तत्वों का भी उपयोग किया। चैकोव्स्की(Tchaikovsky) ने अपने संगीत को एक भावपूर्ण तरीके से संगीतबद्ध किया, जिसमें इसके राग पर विशेष ध्यान आकर्षित होता है।
उन्होंने एक नए उपकरण सेलेस्टा(Celesta) का उपयोग करके एक अभिव्यंजक, विशद कृति की रचना की, जिसने नृत्य में विशेष जादू प्रदान किया। इसी श्रृंखला का शुगर प्लम फेयरी (Sugar Plum Fairy) नृत्य आज भी काफी प्रतिष्ठित है और लोकप्रिय संस्कृति के कई भावों में इसका उपयोग होता है। आइए एक उदाहरण देखें।© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.