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कोविड-19 के कहर से जहां पूरा विश्व परेशान है, वहीं भारत के पश्चिम बंगाल और उड़ीसा को इस कठिन परिस्थिति में प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दीर्घ उष्णकटिबंधीय चक्रवात अम्फान (Amphan), समुद्र के ऊपर एक दीर्घ चक्रवात (Super Cyclone) में बदलने के लिए काफी है। तूफान अब अपना दम भर चुका है लेकिन इसने अपने मार्ग में विनाश को छोड दिया है। पूर्वी भारतीय तट पर प्राकृतिक आपदाओं का एक लंबा इतिहास रहा है, तथा बंगाल की खाड़ी मानसून के मौसम के दौरान आने वाले सभी तूफानों का केंद्र या गर्भ है। पिछले साल, फानी (Fani) चक्रवात ने ओडिशा को अपना निशाना बनाया, जिससे व्यापक तबाही हुई। यह 100 से अधिक वर्षों के बाद था कि एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात ने अप्रैल के दौरान पूर्वी मुख्य भूमि पर अपना कहर बरपाया। इस साल अम्फान के साथ, गर्मियों का यह डरावना हिस्सा एक वार्षिक पैटर्न (Pattern) में बदलता हुआ प्रतीत होता है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों के लिए, यह एक दोहरी मार है।
बंगाल की खाडी दुनिया में सबसे बड़ी खाड़ी है, जिसके तटीय किनारे पर लगभग 50 करोड लोग निवास करते हैं। यह विश्व इतिहास के सबसे घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक का क्षेत्र भी है। वेदर अंडरग्राउंड (Weather Underground) द्वारा तैयार की गयी एक सूची के अनुसार, दर्ज किए गए 35 सबसे घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से 26 चक्रवात यहां हुए हैं जिनमें चक्रवात अम्फान नवीनतम हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि, चक्रवात के लिए बंगाल की खाड़ी के घातक होने का मुख्य कारण इसका छिछला या सतही तथा अवतल होना है, जहां पानी को, एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात की तेज हवाओं द्वारा धकेल दिया जाता है। जैसे ही तूफान खाडी की ओर बढ़ता है, खाडी और अधिक संकेंद्रित हो जाती है। बंगाल की खाड़ी इस प्रकार की भौगोलिक संरचना का मुख्य उदाहरण है। यहां उच्च समुद्री सतह का तापमान, एक अन्य कारण है जो बेहद मजबूत चक्रवातों को अंजाम दे सकता है, क्योंकि यह बेहद गर्म समुद्र है। दुनिया भर में एक अन्य समुद्र तट हैं जो बढ़ते तूफान के लिए संवेदनशील है, और वह है लुइसियाना (Louisiana) का खाड़ी तट। लेकिन बंगाल की खाड़ी का उत्तरी तट, खतरे के लिए पृथ्वी पर किसी अन्य स्थान से सर्वाधिक संवेदनशील है।
अम्फान को एक दीर्घ चक्रवात (Super cyclone) के रूप में नामित किया गया है, क्योंकि इसमें हवायें 220 किमी प्रति घंटे (137 मीटर प्रति घंटा) की गति से बहती है। इससे चक्रवात कई भयावह घटनाओं को अंजाम देता है - जैसे तेज हवाएं शारीरिक क्षति का कारण बनती हैं, और ज्वार की लहरें और भारी बारिश बाढ़ का कारण बनती है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में केवल कुछ ही तूफान - लगभग हर 10 साल में - सुपर चक्रवात के स्तर को प्राप्त करते हैं। भारत को क्षति पहुंचाने वाला अंतिम दीर्घ चक्रवात 1999 में हुआ था जिससे उड़ीसा राज्य में लगभग 10,000 मौतें हुईं थी। वर्तमान स्थिति को और भी अधिक बदतर बनाते हुए, अब मुंबई भी इतिहास में पहली बार चक्रवात का सामना करने के लिए तैयार है। मुंबई कभी भी एक चक्रवात की चपेट में नहीं आया यहाँ तक कि 1882 के मुंबई चक्रवात की एक कहानी जिसमें 100,000 लोगों के मरने का अनुमान था, को वैज्ञानिक एडम सोबेल ने एक शहरी किंवदंती के रूप में दिखाया था। चक्रवात निसारगा (Nisarga) के लिए मुंबई को रेड अलर्ट (Red alert) पर किया गया, जो हाल के इतिहास में वर्ष के इस समय इसका पहला चक्रवात है।
चक्रवात निसारगा अरब सागर में विकसित हुआ जो अम्फान के बाद भारत के निकट बनने वाला दूसरा चक्रवात है। मुंबई के कम जोखिम का कारण अरब सागर के मौसम की गतिशीलता में निहित है। औसतन, समुद्र को हर साल एक या दो चक्रवाती संरचनाओं का सामना करना पडता है जोकि बंगाल की खाड़ी की तुलना में बहुत कम है। यहां जब चक्रवात बनते हैं तो वे पश्चिम की ओर ओमान और अदन की खाड़ी की ओर जाते हैं या वे 1998 के चक्रवात या पिछले साल के चक्रवात वायु के साथ उत्तर में गुजरात की ओर जाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, अनियोजित शहरी विकास और मैंग्रोव (Mangroves) वनों के विनाश ने जलवायु परिवर्तन में योगदान दिया है, जिससे चक्रवात अधिक तीव्र और लगातार होते हैं। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि तेजी से गर्म हो रहे हिंद महासागर के साथ, भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट पर गंभीर चक्रवातों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। जलवायु परिवर्तन से समुद्र की सतह का तापमान बढ़ रहा है जो चक्रवातों को और अधिक शक्तिशाली बना सकता है। यह तूफान के दौरान बारिश की तीव्रता और समुद्र के बढ़ते स्तर को और अधिक बढ़ाता है, जिससे अंतर्देशीय तूफान (Inland Storm) बढ़ जाते हैं।
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में चक्रवात के कारण समुद्र के किनारे पर उठती हुई भयावह लहरें दिखाई गयी हैं। (Youtube)
दूसरे चित्र में चक्रवात के कारण बने भयावाह मौसम को दर्शाया गया है। (Prarang, unsplash)
तीसरे चित्र में क्रमश: अम्फान और निसारग के सेटेलाइट चित्रण हैं। (Wikimedia)
अंतिम चित्रण में चक्रवात के पीछे की तबाही का चित्रण है। (Flickr)
संदर्भ:
1. https://bit.ly/36Z3eMe
2. https://bit.ly/2zRmHCF
3. https://www.bbc.com/news/world-asia-india-52718531