दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण वस्तु यदि कुछ है तो वह है भोजन, यह एक ऐसा साधन है जो कि हम मनुष्यों को चलने से लेकर कार्य करने तथा जीवित रहने की शक्ति प्रदान करते हैं। विभिन्न प्रकार के भारतीय व्यंजन और पाक कला स्वाद की एक पराकाष्ठा को बताने का कार्य करती है। भोजन ग्रहण करने के उपरांत यदि कुछ मीठा मिल जाए तो कहने ही क्या हैं।
भारत में प्राचीन काल से ही कई ऐसे व्यंजन (मिष्ठान) बनाए जाते जा रहे है जो कि मुख्य भोजन के उपरांत खाए जाते हैं। उन्हीं भोजनों में से या मिष्ठानों में से एक है ज़र्दा। ज़र्दा एक प्राचीन पारंपरिक उबले हुए मीठे चावल का व्यंजन है जो कि दूध, चीनी, इलायची, किशमिश, केसर, पिस्ता बादाम आदि के संयोग से बनाया जाता है। ज़र्दा शब्द फ़ारसी शब्द ज़र्द से मिलकर बना है जिसका अर्थ है पीला। अब यदि इस व्यंजन को भी हम देखें तो यह पीले रंग के प्रयोग से ही बनाया जाता है। अपने रंग के कारण देखने में यह बहुत हद तक बूंदी की तरह दिखाई देता है। खाने में यह पकवान भोजन के बाद ही खाया जाता है। भारत में चावल के कई मीठे पकवान बनाए जाते हैं जो कि भोजन के उपरान्त खाए जाते हैं। ज़र्दा भारत में एक लोकप्रिय मिठाई के रूप में जानी जाती है। मुग़ल काल में यह एक अत्यंत ही प्रसिद्द मिष्ठान था तथा यह मुग़ल बादशाह शाहजहाँ का पसंदीदा मिष्ठान था।
भारत में सदैव से मीठा भात एक अत्यंत ही प्रसिद्द भोज रहा है इसके अलावा गुड़ भात भी पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण मिष्ठान रहा है। अबुल फजल की आईने अकबरी में मीठे चावल ज़र्दा का जिक्र किया गया है जिसे चावल, चीनी, अखरोट, केसर, दालचीनी और अदरक आदि के द्वारा बनाया जाता था। ज़र्दा बनाने के लिए 10 कलछे चावल, 5 कलछे चीनी, 2 कलछे घी, किशमिश, बादाम, पिस्ता के आधे आधे कलछे, ताजा अदरक का 1/8 वां हिस्सा, केसर दालचीनी आदि से स्वादिष्ट ज़र्दा बनाया जा सकता है। ज़र्दा हिन्दीभाषी क्षेत्रों में मीठवाल के नाम से जाना जाता है। जगराज सिंह द्वारा लिखित किताब में ज़र्दा को सिखों के पसंदीदा मीठे भोजनों में वर्णित किया गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सड़क के किनारे पुलाव व बिरियानी बेचने वाले लोग बिरियानी में कम मात्रा में ज़र्दा मिलाते हैं जो की एक मीठा और विशेष स्वाद प्रदान करने का कार्य करता है। आज भी उत्तर ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में विभिन्न समारोहों पर यह मिठाई अत्यंत ही लोकप्रिय है। पाकिस्तान में भी यह खाद्य बड़े पैमाने पर विभिन्न समारोहों में बनाया जाता है, जहाँ पर इसे प्रमुख मिष्ठान के रूप में देखा जाता है। जौनपुर शहर में भी आज भी कई लोग इस पकवान को बनाने का कार्य करते हैं।
चित्र (सन्दर्भ):
1. मुख्य चित्र ज़र्दा (मीठे चावल)का चित्र है।, Pexels
2. मीठे चावल भात का चित्र है।, Youtube
3. ज़र्दा (मीठे चावल)का चित्र है।, Youtube
4. ज़र्दा (मीठे चावल)का चित्र है।, Wikimedia commons
सन्दर्भ :
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Zarda_(food)
2. http://www.tawarikhkhwani.com/zarda-story-of-an-exotic-mughal-dessert/
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