कोरोना वायरस बीमारी बदल रही है, अंतिम संस्कार के रिवाजों को

जौनपुर

 21-04-2020 04:00 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

कोरोना वायरस (coronavirus) बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए अपनाए गए व्यवहार और सामाजिक हस्तक्षेपों से मृतक लोगों के मरने के तरीके पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है, क्योंकि भारत में इससे प्रभावित होने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं इस बढ़ती संख्या ने अपने करीबी लोगों को गंवाने वालों के दर्द को और बढ़ा दिया है, क्योंकि वे अपने परिजनों को ठीक से अंतिम विदाई भी नहीं दे पा रहे हैं। जहां रीति रिवाजों के साथ और सभी रिश्तेदारों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया जाता है, वहीं इस कोरोना वायरस की बीमारी के चलते अंतिम संस्कार में दो से अधिक लोगों के इकठ्ठा होने पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।

वहीं अमेरिका में अंतिम संस्कार के बड़े आयोजनों, पारिवारिक समूहों में गले मिलने और मृतक की याद में होने वाले कार्यक्रमों की जगह, केवल दो लोगों की मौजूदगी में या किसी अनजान व्यक्ति द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। साथ ही मृतक के शरीर को किसी भी प्रकार से छूने, चूमने और गले लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि कोरोना वायरस के फैलने पर रोक लगाई जा सके। वहीं सामाजिक दूरी के नियम के चलते अंतिम संस्कारों में भीड़ इकठ्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिसके चलते एक बढ़ा कार्यक्रम रखना असंभव है।

वहीं इस बदलाव का असर मृतकों के करीबियों पर देखने को मिल रहा है, जिन्हें शोक के इस दर्दनाक, तनावपूर्ण और कठिन यात्रा को अकेले ही पूरा करना पड़ रहा है। क्योंकि वे मित्रों और परिवार से व्यक्तित्व समर्थन प्राप्त करने में कम सक्षम हो गए हैं, जिसके चलते उनमें अलगाव और अकेलेपन की भावना उत्पन्न होने की अधिक संभावनाएं हैं। दूसरी ओर गतिविधि के स्तर में कमी के कारण मन को दूसरी ओर आकर्षित करने में बाधाएं एक व्यक्ति को तनावपूर्ण चीजों के बारे में सोचने में विवश कर रही हैं।

इस महामारी के दौरान तनावग्रस्त व्यक्ति को संभालने के लिए प्रत्येक व्यक्ति निम्न सुझावों को अपना सकता हैं:
• स्वयं को इस कठिन समय में सांत्वना और सहारा दें, साथ ही ये याद रखें कि इस संकट का सामना करना काफी चुनौतीपूर्ण है। इस तनाव से लड़ने के लिए खुद को मजबूत बनाएं।
• दूसरों से संपर्क बनाएं रखें और उनसे फोन या वीडियो कॉल के जरिये बात करें और अपने तनाव के बारे में बताएं।
• समाचार तनाव को बढ़ाता है तो कोशिश करें कि केवल महत्वपूर्ण समाचारों (जैसे सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दी गई कोई प्रमुख घोषणाओं) को देखें और जितना कम हो सकता है उतना कम समय समाचारों को देखने में बिताएं।

वहीं हाल ही में राजधानी दिल्ली में जब पहले कोरोनोवायरस पीड़ित की मृत्यु हुई थी तो सर्वोच्च भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और इस भ्रम के चलते उनके पार्थिव शरीर को यमुना नदी के किनारे स्थित निगंबोध घाट श्मशान में परिवार के सदस्यों के साथ कई घंटों तक इंतजार करवाया गया था और तब आखिर में उन्हें विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के लिए निर्देशित कर दिया था। विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमित शवों का दाह संस्कार करने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय की विस्तृत दिशानिर्देशों का उपयोग करना जरूरी है। यहां तक कि कई बार, इन दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कई त्याग करने की आवश्यकता है।

इस महामारी के फैलने के तीन महीने बाद चीन के स्वास्थ्य विभाग की संक्रमण नियंत्रण शाखा ने शवों को संभालने और उनके निपटान के लिए 24-पृष्ठ का दिशानिर्देश जारी किया था। इन दिशानिर्देशों को अब वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया, जिसमें यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि मृतक के शरीर को रिसाव रहित मोटे प्लास्टिक (plastic) के बेग (bag) में रखकर परिवार वालों के साथ जल्द ही अंतिम संस्कार करना अवश्य है। दिशानिर्देशों के अनुसार, मृतक के शरीर को 150 माइक्रोन (micron) से कम के बेग में नहीं रखा जाना चाहिए और मोर्चरी शीट (Morchery sheet) या अपारदर्शी बैग की एक और परत के साथ अंतिम संस्कार के लिए सौंपी जानी चाहिए।

वहीं कुछ बातों का ध्यान आवश्य रखना चाहिए जैसे मृतक के शरीर के प्रबंधन करते समय मौजूदा व्यक्ति को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे कि डिस्पोजेबल (disposable), लंबी आस्तीन, कलाई बंद वाले गाउन (gown) का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही अंतिम संस्कार को विद्युत या गैस श्मशान में करना आवश्य है और साथ ही वहाँ की स्वच्छता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। भारत में, परिवार के धार्मिक विचारों को ध्यान में रखते हुए, यदि शरीर के दफनाने का अनुरोध किया जाता है, तो यह आश्वासन दिया जाना चाहिए कि मृतक के शरीर को एक मोटी, वायुरोधी ताबूत में जमीन से 4-6 फीट की गहराई पर दफन किया गया है और साथ ही दफनाने के तुरंत बाद सीमेंट से बंद कर देना चाहिए।

चित्र (सन्दर्भ):
1.
इस लेख का मुख्य चित्र स्वजन की मौत पर मानसिक पीड़ा से ग्रस्त व्यक्ति का चित्र (प्रारंग द्वारा स्वनिर्मित) है।
2. दूसरे चित्र में एकांत कब्र (रोशनीमय), सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रही है। , Pxfuel
3. तीसरा और अंतिम चित्र एक सुनसान कब्रगाह का चित्र है, जो कोरोना के प्रति संवेदनशीलता और इसके प्रति जागरूकता का प्रयास करने के लिए दिया जा रहा है।, Pexels
संदर्भ :-
1. https://bit.ly/3bq8qKE
2. https://bit.ly/2XNIwMV
3. https://bit.ly/2XS7n2g
4. https://bit.ly/2Vm5Tvs
5. https://bit.ly/3cvM8Y3



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