क्या है, ईस्टर पर अंडों का महत्व और प्रतीकवाद ?

जौनपुर

 12-04-2020 08:00 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

अंडे: नए जीवन के प्रतीक
अंडे लंबे समय से ईस्टर के इस ईसाई त्यौहार के साथ जुड़े हुए हैं, जो गिरिजाघरों के शुरुआती दिनों से मसीह के पुनरुत्थान के दिन से सम्बंधित हैं।

मिस्र की पौराणिक कथाओं में, फ़ीनिक्स (Pheonix) अपने घोंसले के साथ बचे हुए अंडे से पुनर्जन्म लेने के लिए जला देता है; हिंदू धर्म ग्रंथों का मत है कि दुनिया एक अंडे से विकसित हुई थी, हिरण्यगर्भ (शाब्दिक रूप से 'स्वर्ण गर्भ' या 'गोल्डन एग (Golden Egg), जिसे 'सार्वभौमिक रत्न' के रूप में अनुवादित किया गया है) वैदिक दर्शन में व्यक्त ब्रह्मांड के निर्माण का स्त्रोत है। ईसाई धर्म के उदय के साथ, गिरिजाघरों ने कई बुतपरस्त रीति-रिवाजों को अपनाया और अंडे नए जीवन के प्रतीक के रूप में, पुनरुत्थान का प्रतिनिधित्व करने के लिए आए। कुछ ईसाइयों ने अंडे को सेपुलचर (sepulcher, चट्टान या पत्थर से निर्मित एक कमरा या स्मारक, जिसमें एक मृत व्यक्ति को रखा या दफनाया गया है।) से लुढ़के हुए पत्थर का प्रतीक माना।

मैरी मैग्डलीन और द रेड एग (Mary Magdalene And The Red Egg)
एक प्रारंभिक ईसाई अंडे की कहानी मैरी मैग्डलीन के बारे में प्रसारित हुई। जॉन के ईसामसीह द्वारा मानवता को दिए गए उपदेश में, मैरी यीशु के पुनरुत्थान की पहली गवाह है, और परंपरा के अनुसार उसने अपना शेष जीवन मसीह की खुशखबरी सुनाते हुए बिताया। जैसे ही कहानी आगे बढ़ती है, मैरी मैग्डलीन ने रोमन सम्राट टिबेरियस (Tiberias) को भी संबोधित किया। उसके हाथ में एक अंडा पकड़ाते हुए उसने घोषणा की, "मसीह उठ गया है!" सम्राट ने हँसते हुए कहा कि मसीह के पास मृत्यु से उठने की उतनी ही संभावना है जितनी उस अंडे के लाल होने की थी। तुरंत, मैरी के हाथ में अंडा चमकीला लाल हो गया।

लेंट (Lent) का अंत
अंडे भी ईसाइयों को लेंटेन (Lenten) के उपवास की समाप्ति और ईस्टर पर उस अनुशासन के आनंदपूर्ण निष्कर्ष की याद दिलाते हैं। आइए दार्शनिक अंश (Philosophical Excerp) देखें जो जीवन और पुनर्जन्म के महत्व को दिखाने के लिए एक अंडे का उपयोग करता है।

सन्दर्भ:
1.
https://www.youtube.com/watch?v=sbv7E8fOMeA
2. https://buildfaith.org/why-eggs-on-easter/
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Hiranyagarbha



RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id