क्या हो सकता है कोरोना के उपचार का अंतिम उपाय

जौनपुर

 06-04-2020 03:30 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

अगर देखा जाए तो अब तक कोरोना वाइरस (Corona Virus) दुनिया भर के समस्त देशों में दस्तक दे चुका है और भारत भी आज इससे अछूता नहीं है। इस महामारी से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का अत्यंत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। कोरोना (Corona) यदि किसी मनुष्य के शरीर में स्थापित होता है तो इसका पहला कार्य होता है उसके शरीर पर पूर्ण रूप से कब्ज़ा प्राप्त करना। ऐसे में मनुष्य को फ्लू (flu) जैसे लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं और यह मनुष्य के स्वांस को बाधित करने लग जाता है। यह वाइरस (virus) अन्य वाइरसों की तरह ही मनुष्य के रोग प्रतिरोधक क्षमता के विरुद्ध लड़ना शुरू कर देता है और यह धीरे-धीरे मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ख़त्म कर देता है। जैसा कि इस महामारी की दवाई अभी तक नहीं बन सकी है तो इसके कारण ही यह विकराल रूप लेने में समर्थ है।

कोरोना के साथ एक मसला यह है कि यह 10-30 प्रतिशत तक सर्दी की तरह प्रतीत होता है और कई लोग इसे नजर अंदाज कर देते हैं। यह कमजोर व्यक्ति के शरीर में बार बार घुस सकता है। यह इकलौता कोरोना (Corona) वायरस (virus) नहीं है जो कि इस तरह संक्रमण फैला रहा है, इसके पहले भी कई बार यह वायरस (virus) आ चूका है लेकिन उसमे और अब के कोरोना (नावेल कोरोना, Novel Corona) में कई अंतर साफ़ तौर पर दिखाई दे रहे हैं।

2012 में एक गंभीर कोरोना (Corona) से आठ वर्षों में 2500 लोग संक्रमित हुए थे और उनमे से कुल 35 फीसद ऐसे थे जो कि काल के गाल में समां गये थे। जो व्यक्ति जीवित रहे थे उनमे करीब 2 वर्ष बाद यह पता लगाया जा सका कि उनके शरीर ने इस रोग के विरुद्ध अपने शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ा दिया था। यह एक सत्य बिंदु है, जब भी कोई वायरस (virus) किसी भी शरीर में घुसता है तो उसका पहला काम होता है उस शरीर की कोशिकाओं पर हमला करना। मनुष्य के शरीर में टी सेल (T Cell) नामक एक तंत्र पाया जाता है जो कि संक्रमित कोशिकाओं को मारने का कार्य करता है और यह शरीर की प्रतिरक्षा के लिए एकदम अनुकूल कार्य करता है। इंटरफेरान (Interferon) एक ऐसा पदार्थ है जो संक्रमित कोशिकाएं उत्पादित करता है, यह एक प्रकार का छोटा प्रोटीन होता है जो कि वायरस (virus) के खिलाफ प्रतिरक्षा में अहम् भूमिका निभाते हैं।

उनके अलावा एंटीबॉडी (Antibody) एक ऐसा तत्त्व है जिससे वायरस (Virus) को शरीर से बचाया जा सके, यह तब कार्य करता है जब वायरस एक भी कोशिका को विकृत नहीं कर पाया हो या सभी कोशिकाओँ को पुनः ठीक किया जाए। यह एक प्रकार का प्रोटीन (Protein) होता है जो कि रोगजनको को पहचानने का कार्य करता है। कोरोना (Corona) की बिमारी को रोकने के प्रमुख तीन तरीके है जिसमे पहला है इसके संचार को रोकना, दूसरा इसका टीका बनाकर, परन्तु अभी तक इसका टीका बनाया नहीं जा सका है और तीसरा यह पर्याप्त लोगों में फ़ैल जाए और यदि लोग इस रोग से जीवित रहते हैं तो उनका शरीर अपनी प्रतिरक्षा तंत्र को इतना मजबूत कर लेगा कि ये महामारी अपने आप ही ख़त्म हो जायेगी। यह आखिरी तरीका झुण्ड प्रतिरक्षा के रूप में जाना जा सकता है।

सन्दर्भ:
1.
https://bit.ly/3bYiJWf
2. https://n.pr/3bTPZ0B
3. https://bit.ly/2Xe8uc0
4. https://bit.ly/2X8kvjk
चित्र सन्दर्भ:
1.
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