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हिंदी भाषा के ऐसे अनेक शब्द हैं जिनका उच्चारण और लेखन ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने अपने तरीके से किया। इसका एक उदाहरण जौनपुर शहर का नाम भी है, जिसे उन्होंने “जौनपोर - JUANPORE" कहकर या लिखकर व्यक्त किया। उत्तर भारत में अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए अंग्रेजों ने जौनपुर शहर को एक आधार के रूप में इस्तेमाल किया। लखनऊ को अपने नियंत्रण में लेने के लिए तथा उसके बाद बनारस और आस-पास के अन्य क्षेत्रों में अपने शासन का विस्तार करने के लिए जब ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) कलकत्ता से स्थानांतरित हुई तो जौनपोर (JUANPORE) अर्थात जौनपुर उनके लिए एक महत्वपूर्ण आधार बन गया था।
इन क्षेत्रों पर हमला करने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा जौनपोर फील्ड फोर्स (JUANPORE FIELD FORCE) को तैनात किया गया, जिसका नेतृत्व ब्रिगेडियर जनरल टीएच फ्रैंक्स (Brigadier General T H Franks) ने किया। 1858 में, ब्रिगेडियर जनरल टीएच फ्रैंक्स (General T H Franks) के नेतृत्व में जौनपुर फील्ड फोर्स लखनऊ पर हमला करने के लिए, गोमती नदी के तट से रवाना हुई। इस सेना ने 1858 में नुसरतपुर की लड़ाई (उत्तर प्रदेश में स्थित) को भी अंजाम दिया। यह युद्ध नाज़िम फुज़िल अज़ीम तथा फ्रैंक्स और उसकी जौनपोर फील्ड फोर्स के बीच हुआ, जिसमें फ्रैंक्स और उसकी सेना की जीत हुई। इस युद्ध के प्रभाव से 1857 और 1859 के बाद जौनपोर नाम यूरोप में अत्यधिक लोकप्रिय हो गया। इस नाम से प्रभावित होकर अंग्रेजों ने एक जहाज़ का निर्माण किया, जिसका नाम ‘जौनपोर (Juanpore)’ रखा गया।
जौनपोर जहाज़ एक छोटा जहाज़ (बार्क/Barque) था, जिसका निर्माण थॉमस एंड जॉन लिमिटेड ब्रोकलबैंक (Thomas & John Ltd.Brocklebank) द्वारा ब्रॉन्स्टी (Bransty), व्हाइटहेवन (Whitehaven) में किया गया था। इसमें तीन मस्तूल लगे हुए थे तथा सबसे पीछे के मस्तूल को छोड़कर सभी वर्गाकार में पूरी तरह से व्यवस्थित थे। जहाज़ को 15 मई 1859 को शुरू किया गया था, जिसने 1874 में बेचे जाने तक चीन के व्यापार में ब्रोकलबैंक लाइन के लिए काम किया। जौनपोर को 15 साल बाद टी डेविस एंड कंपनी (T Davies & Co.), लंदन द्वारा खरीदा गया जिसके बाद आर. फर्ग्यूसन (R Ferguson) ने इसे खरीदा। 24 अक्टूबर 1891 को जौनपोर कोयला और कोक (Coke) के माल के साथ लॉन्गहोप (Longhope), ओर्कनी (Orkney - Sunderland) से सैंटोस (Santos) के लिए निकला किंतु उसके बाद कहीं लापता हो गया। तब से उसके बारे में कभी नहीं सुना गया।
संदर्भ:
1.https://www.wrecksite.eu/w reck.aspx?249992
2.https://books.google.co.in/books?id=IbsnAAAAYAAJ&pg=PA10&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false
3.https://wiki.fibis.org/w/Battle_of_Nusrutpore
चित्र सन्दर्भ:
1. https://www.wrecksite.eu/wreck.aspx?249992
2. https://www.scribd.com/book/259892875/History-Of-The-Indian-Mutiny-Of-1857-8-Vol-IV-Illustrated-Edition