बेहतर रोज़गार सम्भावनाओं की तलाश में हो रहा है ग्रामीण क्षेत्रों से अत्यधिक पलायन

जौनपुर

 25-03-2020 01:30 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

विभिन्न सुविधाओं की तलाश में वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या शहरों की ओर पलायन कर रही है, जिससे शहरीकरण अत्यधिक विस्तारित होता जा रहा है। इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है, जोकि अब पूर्णतः खाली होने लगे हैं। इस घटना को ग्रामीण उड़ान (Rural flight) या ग्रामीण निर्गमन या पलायन का नाम दिया जा सकता है। यह लोगों का ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में प्रवासी पैटर्न (Pattern) है, जिसके अंतर्गत लोग गांवों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में जाकर बस जाते हैं। आधुनिक समय में, यह प्रक्रिया अक्सर ऐसे क्षेत्रों में हो रही है, जहां कृषि का औद्योगिकीकरण हो रहा है। यह प्रक्रिया तब अधिक तेज़ हो जाती है जब ग्रामीण जनसंख्या में गिरावट के कारण ग्रामीण सेवाओं (जैसे- व्यावसायिक उद्यमों और स्कूलों) की हानि होने लगती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या की और भी अधिक कमी होने लगती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में बचे लोग यहां से गायब हुई सुविधाओं की तलाश कहीं और करने लगते हैं।

औद्योगिक क्रांति से पहले ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन ज्यादातर स्थानीय क्षेत्रों में हुआ। 19वीं शताब्दी के अंत में यूरोप (Europe) में औद्योगिक क्रांति के शुरु हो जाने से खाद्य आपूर्ति बढ़ने व स्थिर होने लगी। इसके साथ औद्योगिक केंद्रों का उदय हुआ, तथा शहरों ने बड़ी आबादी का वहन करना शुरू कर दिया, जिससे ग्रामीण पलायन की शुरुआत बड़े पैमाने पर हुई। 20वीं शताब्दी के दौरान औद्योगीकरण पूरी दुनिया में फैल गया, जिससे ग्रामीण पलायन और शहरीकरण के विस्तार में भी वृद्धि हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी ग्रामीण उड़ान मुख्य रूप से औद्योगिक कृषि के प्रसार के कारण हुई थी। छोटे, श्रम प्रधान पारिवारिक खेतों को बड़े पैमाने पर मशीनीकृत और विशेष औद्योगिक खेतों द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया। इसने खेतों पर कार्य करने वाले श्रमिकों का रोज़गार छीन लिया। 2011 की जनगणना के अनुसार 1921 के बाद पहली बार, भारत की शहरी आबादी देश की ग्रामीण आबादी की तुलना में अधिक है, जिसका मुख्य कारण बड़े पैमाने पर किया जा रहा प्रवास है।

ग्रामीण आबादी की तुलना में शहरी अबादी में अधिक वृद्धि का मुख्य कारण कृषि और उससे संबंधित व्यवसायों में लाखों आजीविकाओं का पतन था। उच्च मोटराइज़ेशन (Motorization) और प्रदूषण के साथ उभरा शहरीकरण तथा ग्रामीण-शहरी प्रवास अपने साथ कई बड़ी चुनौतियां लेकर आता है। भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश तब तक महसूस नहीं किया जा सकता जब तक युवा श्रमिकों के साथ-साथ कृषि से जुए प्रवासी नई आजीविका हासिल न कर लें। ढांचागत परिवर्तन की यह तीव्रता नीति निर्माताओं के लिए तीन बड़ी चुनौतियां लेकर आती है। पहला प्रवासियों का रोज़गार, दूसरा बढ़ाता शहरीकरण और तीसरा श्रम शक्ति प्रवेशकों को बढ़ाने के लिए बेहतर शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण सुनिश्चित करना। गाँवों के युवाओं के समूह, शहरों की ओर तेज़ी से पलायन कर रहे हैं। विद्वानों द्वारा इसका मुख्य कारण कृषि श्रमिकों का बेरोज़गार होना बताया गया है, किंतु वास्तव में इसका मुख्य कारण कृषि क्षेत्रों में कम वेतन की प्राप्ति है, जोकि वास्तविक मुद्दा है।

मनरेगा ने कृषि और मैनुअल (Manual) श्रमिकों के लिए मजदूरी वेतन बढ़ाया किंतु इससे शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाला प्रवास नहीं रुका। इसका मुख्य कारण यह नहीं है कि श्रमिकों को पर्याप्त काम नहीं मिल पा रहा, इसका मुख्य कारण श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी या आय है, जोकि गाँवों में शहरों की तुलना में कम है। द जर्नल ऑफ द फाउंडेशन फॉर एग्रेरियन स्टडीज़ (The Journal of the Foundation for Agrarian Studies) के एक अध्ययन के अनुसार ग्रामीण श्रमिकों को वार्षिक वेतन (जो उन्हें संबंधित क्षेत्र की आधिकारिक गरीबी रेखा के बराबर कर दे) पाने के लिए अतिरिक्त दिनों में कार्य करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के एक गाँव में एक साल में 309 दिन का रोज़गार पाने के बाद, एक श्रमिक को आधिकारिक गरीबी रेखा के स्तर तक पहुंचने के लिए अन्य 290 दिनों की आवश्यकता थी। केंद्र सरकार का एक कर्मचारी साल में 205-210 दिन कार्य करता है, और इसके लिए उसे एक अच्छा वेतन प्राप्त होता है। इसके विपरीत मैनुअल कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारी की तुलना में अधिक दिन कार्य करता है, लेकिन उसे एक अच्छा वेतन प्राप्त नहीं हो पाता। इसके प्रभाव से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवा कृषि और गांवों को छोड़कर नौकरियों के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।

नीति निर्धारक इसे एक सकारात्मक विकास के रूप में देखते हैं। उनका मानना है कि कृषि में बहुत सारे लोग हैं, और उन्हें शहरों और गैर-कृषि व्यवसायों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। भारत में भी, कृषि में लगातार नुकसान और शहरों में अधिक रोज़गार और वेतन के कारण, ग्रामीण युवा गांवों को त्याग रहे हैं तथा बूढ़े लोगों को अपना प्रबंधन स्वयं करने के लिए छोड़ रहे हैं। यह एक दोषपूर्ण चक्र है, जिसमें अधिकांश लोग गांवों से पलायन कर रहे हैं। इसके प्रभाव से खेतों में काम करने के लिए श्रमिकों की संख्या कम हो जाती है, मानव का स्थान मशीनें लेने लगती हैं तथा गांवों की भूमि को पट्टे पर दे दिया जाता है या यूं ही छोड़ दिया जाता है। इससे गांवों में रहने वाले अन्य लोगों के लिए भी कोई श्रम नहीं बचता। परिणामस्वरूप अधिक श्रमिक पलायन करते हैं और गाँव तेज़ी से उजड़ते जाते हैं। यह एक ऐसा जाल से जिससे यदि जल्द बाहर नहीं आया गया तो भारत से सभी गाँव विलुप्त से हो सकते हैं जो कि एक बहुत ही दुखद दृश्य होगा।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Rural_flight
2. http://www.infochangeindia.org/urban-india/212-urban-india/analysis/8914-the-exodus-from-rural-india.html
3. https://www.thehindubusinessline.com/opinion/mega-challenges-of-rural-urban-migration/article29577159.ece
4. https://www.thehindubusinessline.com/opinion/theres-an-exodus-from-villages/article22995382.ece
5. https://www.thehindu.com/opinion/columns/sainath/census-findings-point-to-decade-of-rural-distress/article2484996.ece



RECENT POST

  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के खेतों की सिंचाई में, नहरों की महत्वपूर्ण भूमिका
    नदियाँ

     18-12-2024 09:21 AM


  • विभिन्न प्रकार के पक्षी प्रजातियों का घर है हमारा शहर जौनपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:23 AM


  • जानें, ए क्यू आई में सुधार लाने के लिए कुछ इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स से संबंधित समाधानों को
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:29 AM


  • आइए, उत्सव, भावना और परंपरा के महत्व को समझाते कुछ हिंदी क्रिसमस गीतों के चलचित्र देखें
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:21 AM


  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर ऊर्जा बचाएं, पुरस्कार पाएं
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id