कोरोना वायरस का देश व दुनिया के व्यापार पर प्रभाव

जौनपुर

 18-03-2020 12:00 PM
कीटाणु,एक कोशीय जीव,क्रोमिस्टा, व शैवाल

जब कोई वैश्वीकरण, या उत्पादों और विचारों के वैश्विक प्रसार के बारे में सोचता है, तो आलू उद्योग सर्वप्रथम ध्यान में आने वाला शायद पहला उद्योग नही होगा। ऐसे व्यवसाय के रूप में हम कपड़ों और तकनीकी माध्यम (जैसे- कंप्यूटर) इत्यादि के बारे में सोच सकते हैं किन्तु आलू के बारे में नहीं। हालांकि, आलू ने अपने परिचय और वर्चस्व के बाद से दुनिया भर में यात्रा की है, जो पुरानी दुनिया से नई दुनिया में अपना रास्ता बनाता आया है। आलू की फसल अतीत में एक प्रधान फसल थी, जौनपुर के लोगों के लिए इसका उत्पादन अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आय, भोजन और चारे के प्राथमिक स्रोत के रूप में काम करता है। विश्व में कोरोना वायरस की महामारी के कारण अधिकतर देशों और विश्वस्तरीय व्यापार श्रृंखलाओं को भारी नुकसान और मंदी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में क्या आलू जौनपुर और देश के लिए एक उम्मीद की किरण साबित हो सकता है या वैश्विक मंदी के कारण, आलू उत्पादकों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

कोरोनावायरस (Coronavirus) एक नव विदित विषाणु (Virus) का नाम है जो कि जानलेवा होने के साथ-साथ फिलहाल लाइलाज भी है अर्थात अभी तक इसका कोई इलाज खोजा नहीं जा सका है। यह संक्रामक होने के कारण और भी ख़तरनाक हो जाता है और इसकी इसी प्रवृत्ति के कारण देश की विभिन्न गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अन्य देशों के विपरीत भारत में यह विषाणु अभी तक उतनी प्रबलता के साथ नहीं फैला है, फिर भी इसका विपरीत प्रभाव देश की आर्थिक गतिविधियों पर साफ़ दिखाई दे रहा है। लगभग सभी प्रकार के व्यवसायों पर इसका प्रभाव बुरी तरह से पड़ सकता है, ख़ास कर उस तरह के व्यवसाय जिन में लोग एक साथ एक जगह पर जुड़ते है, जैसे होटल (Hotel) जगत से जुड़े हुए वव्यसाय, त्यौहारों से जुड़े व्यवसाय या रोज़मर्रा के बाज़ारों पर भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है।

चीन में यह विषाणु अत्यंत प्रभावी रूप में विद्यमान है और इसी कारण चीन की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। चीन में लगभग हर प्रकार का वव्यसाय ठप सा हो गया है जिसका फ़ायदा कुछ मामलों में भारत को हो सकता है, जैसे कि विनिर्माण जगत में अन्य देश भारत की तरफ़ रूख कर सकते हैं। भारत को कच्चा तेल सस्ते दामों में उपलब्ध हो सकता है, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) में जहाँ अभी तक चीन का क़ब्ज़ा था तो अब वहीं भारत को लाभ मिल सकता है। इस तरह से भारत की अर्थव्यवस्था में उछाल भी आ सकता है। धातुओं के सबसे बड़े उत्पादक चीन के निर्यात में गिरावट की उमीद है जिसका सीधा फ़ायदा देश में लम्बे समय तक घरेलू उत्पादकों को मिलेगा हालांकि वर्तमान में कुछ समय के लिए माँग में गिरावट की उम्मीद है जिससे कम्पनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति प्रभावित हो सकती है, परंतु फिर भी इसका लाभ भारत को मिल सकता है। भारत प्रत्येक वर्ष चीन से लगभग 5,500 मिलियन डॉलर की धातु को आयात करता है और निर्यात लगभग 800 मिलियन डॉलर की धातु को करता है तो इस तरह से यह एक सुनहरा अवसर है भारतीय कम्पनियों को आंतरिक माँग पूरी करने का और मुनाफ़ा कमाने का।

परंतु दूसरी तरफ यदि नज़र डालें तो देश में जनसंख्या घनत्व अधिक होने के कारण देश में कोरोना से प्रभावित होने के संकट की भी सम्भावना बहुत अधिक हैं, जिसका असर विपरीत भी हो सकता है और देश में आर्थिक मंदी भी आ सकती है। कोरोना विषाणु के प्रकोप का असर खेल जगत पर दिखाई दे रहा है। मार्च के अंत में देश में क्रिकेट का महाकुम्भ आई.पी.एल. (IPL) प्रारम्भ होने जा रहा था, जिसको औपचारिक रूप से रोक दिया गया है। इस तरह पर्यटन जगत पर भी प्रभाव पड़ रहा है, विश्व के विभिन्न कोनों से आने वाले विदेशी पर्यटकों में भारी कमी हो जाने के कारण ऐसा हो रहा है। रोज़मर्रा की खरीदारी वाले बाज़ारों पर भी असर दिखाई दे रहा है, लोग एक जगह एकत्र होने से बच रहे हैं, विभिन्न दफ़्तरों में कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गयी है या फिर घर से काम करने को बोल दिया गया है। भारतीय रेल पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। यात्रियों में गिरावट दर्ज की जा सकती है। इस तरह से यह देश को जहाँ एक तरफ़ आर्थिक फ़ायदा पहुँचा सकता है तो वहीं दूसरी तरफ़ यह भारी नुक़सान की वजह भी बन सकता है।

सन्दर्भ:
1.
https://bit.ly/2Qqo1Bj
2. https://mck.co/2Qqo28l
3. https://bit.ly/2wgmxCW
4. https://bit.ly/3aTb8aR
चित्र सन्दर्भ:
1.
https://pixabay.com/it/illustrations/corona-virus-coronavirus-virus-4932576/
2. https://pixabay.com/it/illustrations/coronavirus-corona-virus-infezione-4931410/
3. https://pixabay.com/it/vectors/corona-virus-coronavirus-epidemia-4924608/
4. https://pixabay.com/it/illustrations/corona-virus-corona-virus-covid-19-4916954/



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id