त्रिशूल का अन्य संस्कृतियों में महत्व

जौनपुर

 22-02-2020 01:30 PM
हथियार व खिलौने

जब कभी भी हम प्रार्थना करने मंदिर में जाते हैं तो वहां मौजूद देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ उनके हथियार देखने को मिलते हैं, ऐसे ही शिव मंदिरों के गुंबदों पर त्रिशूल एक आम दृश्य है, यह जौनपुर में त्रिलोचन महादेव मंदिर के शिखर पर भी देखा जा सकता है। हिंदू किंवदंतियों और कहानियों में, शिव इस पवित्र हथियार का उपयोग नकारात्मकता से लड़ने के लिए करते थे। त्रिशूल को भारतीय वैदिक दर्शन में वर्णित तीन गुण का भी प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा जाता है, जैसे सात्विक, राजसिक और तामसिक।

हिन्दू धर्म में भी त्रिशूल को एक प्रमुख प्रतीकों के रूप में उपयोग किया जाता है। त्रिशूल को यूक्रेन (Ukraine) में 'ट्राईज़ब (tryzub)' के रूप में जाना जाता है जो वोलोडिमियर द ग्रेट (Vladimir the Great) (कीव के ग्रैंड प्रिंस (Grand Prince of Kiev) और कोवन रस (Kievan Rus) के शासक थे और जो प्राचीन स्लाव बुतपरस्ती (Slavic paganism) के एक उत्साही अनुयायी थे।) की रियासत का एक शाही प्रतीक था।

भारत और थाईलैंड में, इस शब्द का अर्थ अक्सर एक हाथ वाले हथियार से है जिसे एक डंडे पर लगाकर स्थापित किया जाता है। तीन चोंच वाले त्रिशूल के विभिन्न अर्थ और महत्व हैं, और हिंदू धर्म के लिए यह बहुत सामान्य है और इसके पीछे कई कहानियां हैं। त्रिशूल को आमतौर पर निर्माण, पालन, और विनाश; भूत, वर्तमान और भविष्य; शरीर, मानसिक आनंद और मुक्ति; करुणा, प्रेम और आध्यात्मिक आदि रूपों से संदर्भित किया जाता है। मानव शरीर में, त्रिशूल उस स्थान का भी प्रतिनिधित्व करता है जहां तीन मुख्य धारायें या ऊर्जा प्रणाली मिलते हैं।

त्रिशूल की कई अन्य मान्यताएं भी हैं :-
शिवपुराण के अनुसार, शिव स्वयंभू हैं और उनका जन्म स्वयं की इच्छा अनुसार हुआ था। वे सदाशिव के प्रत्यक्ष अवतार के रूप में उभरे थे और शुरू से ही उनके पास त्रिशूल देखा गया था।
विष्णु पुराण के अनुसार, विश्वकर्मा ने सूर्य से द्रव्य का उपयोग करके त्रिशूल बनाया और शिव को दिया था।
त्रिशुल कभी-कभी त्रिरत्न के बौद्ध प्रतीक को भी वर्णित करता है।
देवी दुर्गा के हाथों में भी त्रिशूल देखा जाता है।
नेपाल में, त्रिशूल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल का चुनाव चिन्ह है।
त्रिशूल ग्रीक शास्त्रीय पौराणिक कथाओं (Greek Mythology) और रोमन शास्त्रीय पौराणिक कथाओं (Roman Mythology) में समुद्र के देवता पोसिडॉन (Poseidon) या नेप्च्यून (Neptune) का भी हथियार है।
त्रिशूल को कभी-कभी ग्रीक शास्त्रीय कलाओं (Greek Traditional and Mythological Art) में ट्राइटन (Triton) जैसे अन्य समुद्री देवताओं द्वारा पकड़े हुए भी देखा जा सकता है।

वहीं प्राचीन काल से आधुनिक समय में त्रिशूल का उपयोग विभिन्न रूप से किया जाता है, जो निम्नलिखित है :-
• मछली पकड़ने वाला भाला :-
आधुनिक भाला मछली पकड़ने में इस्तेमाल किया जाता है, ये आमतौर पर कांटेदार दांत होते हैं, जिसमें मछली मजबूती से फंस जाती हैं। • कृषि :- इसका उपयोग किसानों द्वारा छोटे और सन जैसे पौधों के डंठल, पत्तों, बीजों और कलियों को हटाने के लिए एक परिशोधन के रूप में किया जाता है।
• मार्शल आर्ट :- डोंगपा के रूप में पहचाने जाने वाले इस त्रिशूल का उपयोग 17 वीं व 18 वीं शताब्दी में कोरियाई मार्शल आर्ट की प्रणाली में एक हथियार के रूप में किया जाता था।

संदर्भ :-
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Trishula
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Trident



RECENT POST

  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के खेतों की सिंचाई में, नहरों की महत्वपूर्ण भूमिका
    नदियाँ

     18-12-2024 09:21 AM


  • विभिन्न प्रकार के पक्षी प्रजातियों का घर है हमारा शहर जौनपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:23 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id