क्या है संदेश को आसान बनाने वाले ईमेल का इतिहास ?

जौनपुर

 13-02-2020 01:00 PM
संचार एवं संचार यन्त्र

वर्तमान समाज एक ऐसा समाज बन चुका है जो कि अपनी ज्यादातर जरूरते ईमेल या इन्टरनेट के माध्यम से पूरी करता है। ईमेल (Email) ने सन्देश भेजने की प्रक्रिया को एकदम आसान बना दिया है। आज से करीब एक दशक पहले सन्देश भेजने का सबसे तेज साधन था तार या चिट्ठी परन्तु ईमेल के आ जाने से यह एक अत्यंत ही आसान प्रक्रिया बन गयी। ऑफिस के कार्य से लेकर बात चीत, मस्ती मजाक, शोध आदि ईमेल के जरिये ही होने लगे और यह विधा अत्यंत ही तेजी के साथ फैलने लगी। वर्तमान समय में एक बहुत ही बड़ी आबादी के पास उनका खुद का ईमेल एड्रेस (Email Address) है। इस लेख में हम ईमेल के विकास और उसके प्रसार की बात करेंगे।

लेखन के साक्ष्य हमें पुरातात्विक रूप से करीब 4100 से 3800 ईसा पूर्व से मिलना शुरू हो जाते हैं और यह वही दौर भी था जब सुमेरों से लेखन की प्रक्रिया की शुरुआत हुयी तथा अंदाजन सन्देश भेजा जाना भी इसी समय के आसपास से शुरू हुआ होगा। लेखन प्रक्रिया एक ऐसी विधा है जो कि अपने आप यूँ ही नहीं विकसित हो गयी बल्कि इसमें हजारों साल का समय लगा और लेखन एक सुध्रीणता तक पहुंचा। 900 ईसा पूर्व में चीन में डाक सेवा की शुरुआत हुयी थी। भारत में महाजनपद काल से लेकर कौटिल्य के मौर्य काल में अनेकों ऐसे उदाहरण मिलते हैं जो कि सन्देश भेजने की बात करते हैं। रोम आदि में करीब 100 ईस्वी में यह कार्य शुरू हुआ।

16 वीं से लेकर 18वीं शताब्दी का दौर था जब डाक व्यवस्था की गति तेज़ हुयी थी जिसमें उपनिवेशवाद का एक बड़ा अंग था। 1775 वह सन था जब बेंजामिन फ्रेंक्लिन (Benjamin Franklin) संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले पोस्टमास्टर जनरल (Post Master General) बने थे। डाक में क्रान्ति तब आई जब 1832 में टेलीग्राफ और कालान्तर में 1965 में ईमेल की पहली रूपरेखा का निर्माण किया गया था। ईमेल को सम्पूर्ण रूप से आने में सन 1971 तक का समय लगा। उस समय मेलबॉक्स एक ऐसी प्रक्रिया थी जिसने एक दूसरे से सीधे जुड़े हुए नेटवर्कों पर सन्देश भेजने की प्रक्रिया की शुरुआत की। यह वह दौर भी था जब इन्टरनेट की कल्पना पर कार्य शुरू हो चुका था। इन्ही शुरूआती इन्टरनेट एजेंसी में थी अरपानेट (ARPANET, The Advanced Research Projects Agency Network), यह एक ऐसा साधन था जिससे एक ही कम्प्यूटर के टर्मिनलों को बदले बिना ही अन्य कंप्यूटर से जुड़ने की परंपरा की शुरुआत हो गयी थी। अरपानेट एक अत्यंत ही सफल साधन था जिसने देश भर के विश्वविद्यालयों और सरकारी एजेंसियों को जोड़ने का कार्य किया था।

अरपानेट का समय करीब 20 वर्षों तक का रहा था और बाद में 1982 में सिंपल मेल ट्रान्सफर प्रोटोकाल (The Simple Mail Transfer Protocol, SMTP) इलेक्ट्रोनिक मेल (Electronic Mail) या ईमेल का इजाद हुआ और यह मेल के लिए इन्टरनेट का मानक बना। 1988 में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) मेल के साथ वाणिज्यिक इमेल सूट प्रदान करने वाली पहली कंपनी बन गयी। 1991 में वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) जनता के लिए उपलब्ध कराया गया था और इसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया। 1993 में एओल और डेल्फी ने इमेल सिस्टम को इन्टरनेट से जोड़ा था और इससे आसान और त्वरित साधन उपलब्ध हो पाया। 1996 में हॉटमेल पहली मुफ्त इमेल सेवा बन गयी। वर्तमान समय में इन्टरनेट और ईमेल व्यापार जगत में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण कुंजी के रूप में कार्य कर रहा है और इसी के माध्यम से एक बड़ी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। यह एक ऐसा साधन है जिससे स्टार्टअप से लेकर बड़ी से बड़ी कंपनिया अपनाती हैं और एक बड़े स्तर पर कागज़ के प्रयोग के बिना ही डाटा को सुरक्षित रखती हैं।

सन्दर्भ:
1.
https://bit.ly/2vrYgsL
2. https://email.uplers.com/infographics/evolution-of-emails/
3. https://www.bookyourdata.com/email-list-database/the-evolution-of-email
4. https://www.themediagenius.com/the-importance-of-email-in-business/



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id