किसी भी चीज़ की महक हमें एक अलग अनुभूति प्रदान करती है। यदि महक गंदी है, तो इसकी अनूभूति हमें अप्रिय लगती है, किंतु यदि महक अच्छी है तो यह हमारे अनुभव को सुखद बना देती है तथा हमें एक सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। इत्र या परफ्यूम (Perfume) की सुगंध भी हमारी भावनाओं या अनुभव को सुखद बना देती है। भारत उन सभी सभ्यताओं में शामिल है जहां इत्र बनाना एक संपन्न व्यवसाय था। दुनिया भर के व्यापारी अच्छी महक वाली बेहतरीन चीजों की तलाश में भारत आए। किंतु समय की गति के साथ, इस संपन्न सुगंधित व्यवसाय की चमक फीकी पड़ने लगी जिसका मुख्य कारण लोगों की व्यस्त और बदलती जीवनशैली को माना जाता है। उत्तरप्रदेश में जौनपुर शहर को इत्र निर्माण का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां तक कि वर्तमान समय में भी, चहारसू चौराहा और कोतवाली के इत्र उत्पाद यहां से विदेशी बाज़ारों में निर्यात किये जाते हैं।
हालांकि पिछले कुछ समय में जिस प्रकार से जीवनशैली उद्योगों और सौंदर्यप्रसाधन की वस्तुओं की मांग बढ़ती जा रही है, उससे परफ्यूम उद्योगों को फिर से गति प्राप्त हो सकती है। परफ्यूम उद्योग के लिए अगले कुछ साल बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं और इसमें कई तरह के बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। जैसे कि आने वाले वर्षों में आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence - AI) अर्थात कृत्रिम बुद्धि आधारित सुगंधों या परफ्यूमों का प्रचलन शुरू होगा, क्योंकि टेक्नोलॉजी (Technology) ने लगभग हर उद्योग में अपनी पहचान बना ली है तथा बहुत जल्द ही आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस आपकी पसंद और खरीददारी के पैटर्न (Pattern) को पूरी तरह समझने लगेगा। उपभोक्ता अब ऐसे परफ्यूमों की तरफ आकर्षित होंगे जोकि कम महंगे होंगे लेकिन उनकी गुणवत्ता बहुत अच्छी होगी।
विभिन्न ब्रांड (Brand) अब साइक्लोमेथिकॉन (Cyclomethicone) के साथ परफ्यूम बनाने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि, यह एक ऐसा पदार्थ है जिसमें उच्च वाष्पशीलता होती है तथा यह त्वचा द्वारा तुरंत अवशोषित कर लिया जाता है ताकि परफ्यूम त्वचा में खुजली या लाल चकत्ते का कारण न बने। पिछले एक दशक से यह देखा जा रहा है कि उपभोक्ता परफ्यूम या इत्र को अवसर के आधार पर बदलना और स्थानांतरित करना पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा तेल आधारित (Oil based) परफ्यूमों का प्रचलन भी फिर से जोर पकड़ सकता है। परफ्यूम उद्योगों को गति देने के लिए ग्राहक की ज़रूरतों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है तथा इसकी पहचान के लिए कृत्रिम बुद्धि सहायक सिद्ध हो सकती है।
कृत्रिम बुद्धि के द्वारा अब किसी महक को पहचाने या समझे बिना भी परफ्यूम का निर्माण किया जा सकता है। आईबीएम रिसर्च (IBM Research) की एक टीम ने सिम्राइज़ (Symrise - फ्लेवर और इत्र के उत्पादक) के साथ मिलकर एक कृत्रिम बुद्धि प्रणाली ‘फिलाइरा’ (Philyra) विकसित की है। यह प्रणाली उन्नत मशीन लर्निंग एल्गोरिदम (Advanced machine learning algorithms) का उपयोग करती है ताकि परफ्यूम बनाने में इस्तेमाल किये जाने वाले सैकड़ों फार्मूले (Formulae) और हजारों कच्चे माल को पहचाना या परखा जा सके तथा विभिन्न परफ्यूमों के पैटर्नों और नये संयोजनों की पहचान की जा सके। यह पूरी तरह से नयी सुगंध वाले फ़ार्मुलों को डिज़ाईन (Design) कर सकता है। सिम्राइज़ के पास विभिन्न पदार्थों के विभिन्न संयोजनों से बने 17 लाख फ़ार्मुलों का एक डेटाबेस (Database) है, जिसे फिलाइरा के साथ साझा किया गया था। डीप-लर्निंग एल्गोरिदम (Deep-learning algorithm) के साथ डेटा का विश्लेषण करने के बाद, एआई सिस्टम को ऐसी संभावनाएं प्राप्त हुई जिन्हें पहले नहीं खोजा गया था। डेटा का विश्लेषण करने और फॉर्मूलों का सुझाव देने वाले एआई की विशेषता उन सूत्रों में परिणत होती है, जो मानव ने किसी भी कारण से पहले कभी नहीं सोचा था। इस डिजिटल (Digital) युग के पहले AI-विकसित इत्र को सबसे पहले ब्राज़ील (Brazil) में पेश किया गया है।
संदर्भ:
1. https://www.entrepreneur.com/article/336891
2. https://bit.ly/2uOvzWD
3. https://bit.ly/372hzWL
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://www.pikrepo.com/fgdpv/brown-fragrance-bottle-beside-purple-rose
2. https://pxhere.com/en/photo/611532
3. https://pixabay.com/hu/illustrations/mesters%C3%A9ges-intelligencia-robot-ai-4417279/
4. https://pixabay.com/hu/illustrations/illat-palackok-parf%C3%BCm-parfum-4812658/
5. https://www.pickpik.com/back-valentine-s-day-women-s-day-woman-hair-feast-152307
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