बंदरों की दुनिया एक अत्यंत ही खूबसूरत दुनिया है जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ हैं, इन्ही प्राप्त बंदरों की प्रजातियों में एक है रीसस मकाक (Rhesus macaque) बन्दर। इस लेख के माध्यम से हम इस बन्दर की इस प्रजाति के बारे में जानेंगे और इसके पारिस्थितिकी आदि के बारे में भी परिचर्चा करेंगे।
रीसस मकाक बंदरो की प्राचीतम प्रजातियों में से एक है, जो कि एशिया के बड़े भू भाग पर पायी जाती है, जिसमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, बर्मा, थाईलैंड, वियतनाम, अफगानिस्तान और दक्षिणी चीन मुख्य रूप से शामिल है। इस प्रजाति के बंदरो के शरीर का रंग भुरा या ग्रे (Grey) होता है परंतु इनके चेहरे का रंग गुलाबी होता है, पूरे शरीर पे मुलायम फ़र होते हैं। इनकी पूछ लगभग 8 से 9 इंच की होती है, एक व्यस्क नर की लम्बाई 21 इंच और वज़न लगभग 7.7 किलोग्राम होता है वहीं दूसरी तरफ़ एक मादा बंदर की लम्बाई 19 इंच और वज़न लगभग 5.3 किलोग्राम होता है। इनके दाँतो की संख्या 32 होती है और बनावट लगभग मनुष्यों की तरह ही होती है।
ये हर प्रकार की भौतिक संरचना में पाए जाते हैं, बंजर, घास के मैदान, 2500 से कम (समुद्रतल से) ऊँचाई की पहाड़ियों में, मानव से दूर जंगलों में और मानव की बस्तियों में मानव के साथ भी। इनकी कुछ क्रियाएँ मानव के समान ही हैं, इनके अंदर भी मानव के समान ही गाँव से शहर की तरफ़ पलायन पाया जाता है। इनकी अत्याधिक आबादी और विस्तृत क्षेत्र में फैले होने के कारण विलुप्त होती प्रजातियों में इन्हें सबसे नीचे रखा जाता हैं और इसी कारण से इन पर उस तरह से ध्यान भी नहीं दिया जाता है।
रीसस मकाक को आत्म जागरूक जीवों के समूह में शामिल करने की कोशिश की जा रही हैं। आत्म जागरूक समूह में उन जीवों को रखा जाता है जो ख़ुद को पहचान सकते है और ऐसा सभी जानवर नहीं कर सकते हैं। विश्व में जानवरों की कुछ ही प्रजातियाँ ख़ुद को आईने (Mirror) में पहचान सकती हैं जिनमे मनुष्य के पूर्वज अदिमानव, डॉल्फ़िन, एशियन हाथी और कम से कम 2 साल की आयु का मनुष्य का बच्चा। परंतु कुछ वैज्ञानिको ने अपने शोध के माध्यम से यह प्रमाणित करने की कोशिश की है कि रीसस मकाक भी ऐसा कर सकता हैं।
ऐसा करने वाले वैज्ञानिको में डैना रेसिस (deanna risos) जो कि संज्ञानात्मक मनोवैज्ञानिक है, हंटर कॉलेज न्यूयोर्क सिटी (Hunter College, Newyork City) में, इनके अतरिक्त इस शोध में चीन के कुछ शोधकर्ता शामिल है। इन्होंने इसको प्रमाणित करने के लिए प्रतिबिम्ब परीक्षण का प्रयोग किया जिसमें रीसस मकाक सफल हुआ परंतु एक परीक्षण को प्राप्त करने के बाद ही। उपरोक्त लिखे तथ्यों से यह सिद्ध हो जाता है की रीसस मकाक एक ऐसा बन्दर है जो की शक्ल आदि को पहचान सकने में सक्षम है।
सन्दर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Rhesus_macaque
2. https://www.wired.co.uk/article/rhesus-monkey-self-awareness-mirror-test
3. https://www.sciencemag.org/news/2017/02/monkeys-master-key-sign-self-awareness-recognizing-their-reflections
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Self-awareness#Animals
5. https://www.sciencemag.org/news/2018/11/record-number-monkeys-being-used-us-research
6. https://www.indiatoday.in/magazine/indiascope/story/19780228-government-bans-export-of-monkeys-us-forced-to-curtail-experiments-822869-2014-04-29
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