इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सर्दियों के महीनों के दौरान पॉइंसेट्टीया का फूल उत्सव की सजावट में रोनक ला देता है। लेकिन वे मध्य अमेरिका, विशेष रूप से दक्षिणी मैक्सिको में मूल रूप से पाए जाते हैं और वे वास्तव में फूल नहीं रंगीन पत्ते हैं। तो लोगों द्वारा इन्हें क्रिसमस की सजावट के लिए उपयोग क्यों किया जाता है?
दरसल एक पुरानी मैक्सिकन किंवदंती से इस बात का पता लगाया जा सकता है। ऐसा माना जाता था कि ‘पेपीटा’ नाम की एक युवा लड़की काफी दुखी थी कि उसे क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बाल यीशु को भेंट करने के लिए कोई उपहार नहीं मिल रहा था। तभी उसके चचेरे भाई ने उसे दिलासा देते हुए कहा कि यीशु उसके किसी भी उपहार को स्वीकार कर लेंगे, चाहे वह छोटा सा ही क्यों न हों। लेकिन कोई भी उपहार खरीदने के लिए पैसे न होने की वजह से उसने घास का एक गुलदस्ता बना दिया और उसे यीशु को भेंट करने के लिए चर्च चली गई। (कहानी के अन्य संस्करणों का कहना है कि एक स्वर्गदूत उसके पास आया और उसे पौधों को चुनने का निर्देश दिया था।) जब वह वहां पहुंची, तो उसने जन्मस्थान के तल पर घास के गुलदस्ते को छोड़ दिया। तभी अचानक, घास के गुलदस्ते सुंदर लाल फूलों में बदल गए। यही कारण है कि क्रिसमस की सजावट में मुख्यतः लाल और हरे रंग का उपयोग किया जाता है।
वहीं प्राचीन एज़्टेक इन्हें ‘क्यूतलाक्सोचितल (Cuetlaxochitl)’ कहते थे। एज़्टेक इन पत्तों का विभिन्न रूप से उपयोग करते थे जैसे, कपड़े और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए एक बैंगनी डाई (dye) बनाने के लिए और दूधिया सफेद रस का उपयोग बुखार का इलाज करने के लिए एक दवा के रूप में किया जाता था। जोएल रॉबर्ट्स पोइंसेट नाम के एक शख्स की वजह से पॉइंसेट्टीया को व्यापक रूप से जाना जाने लगा था। शरद संसार की सबसे पहली वास्तविक नारंगी किस्म की पॉइंसेट्टीया है। इन फूलों को भारत में पुणे के तुकाई एक्सोटिक्स (Tukai Exotics) द्वारा लाया गया था। ये पौधे सर्दी के मौसम में शानदार रंग प्रदान करते हैं और इनमें रंगीन पत्तियों का विकास तब होता है जब इसमें फूल आने लग जाते हैं। यह विश्व भर में गमले में उगाए जाने वाले पौधों में से सबसे लोकप्रिय हैं, साथ ही इन्हें काफी कम पानी देने की ज़रूरत होती है। मार्च में ईस्टर (Easter) के बाद, पॉइंसेट्टीया को ज़मीन से लगभग 1 फुट तक नीचे उगाएं और नवंबर की सर्दियों तक इनमें फूल दिखने लग जाते हैं।
इन्हें आप बाज़ार से भी खरीद सकते हैं या कहीं पूर्व लगे हुए पॉइंसेट्टीया की एक शाखा को काट कर भी उगाया जा सकता है। पॉइंसेट्टीया को उगाने के बाद नियमित रूप से पानी दें और कुछ हफ्तों के लिए इन्हें अंदर रखें। ध्यान रखें पौधों को पानी तभी दें जब मिट्टी सूखी हो और इतना पानी दें कि दिए गए पानी का आधा हिस्सा नीचे से रिसाव कर जाए। पॉइंसेट्टीया एक शीघ्र उगने वाला उत्पादक है और उर्वरक इसे बेहतर उगने में मदद करते हैं। वहीं सबसे महत्वपूर्ण बात जो ध्यान रखने योग्य है, वह ये है कि तुकाई एक्सोटिक्स की पॉइंसेट्टीया की किस्में दुनिया भर में पेटेंट (Patent) के अंतर्गत आती हैं और लाइसेंस (License) के बिना इनकी व्यावसायिक बिक्री निषिद्ध है।
संदर्भ:
1. https://www.rd.com/culture/poinsettias-official-christmas-flower/
2. https://www.whychristmas.com/customs/poinsettia.shtml
3. http://www.anandway.com/article/549/How-to-grow-Poinsettias-for-Christmas-in-North-India
4. https://www.indiaplants.com/plant-details.php?x=M7lD0TVzEMM=
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