भला एक सुबह उठते ही पंछियों की चहचाहट सुनने से बेहतर क्या होगा? गर्मियों में कोयल की बोली, मोर की आवाज, पीले स्तन वाले बंटिंग की ट्री-ट्री, ट्रू-ट्रू की आवाज ये किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर ले। पंछियों का ये रंग उनकी चाल और उनका हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण बिंदु है। इन पंछियों की कमी हम किसी भी प्रकार से पूरी नहीं कर सकते उदाहरण के लिए डोडो को देख लेना चाहिए। जौनपुर में एक ऐसा ही पंछी पाया जाता है जो की अपनी खूबसूरती और आवाज के लिए जाना जाता है परन्तु विगत कुछ ही दशकों में यह पंछी विलुप्तता के कगार पर खड़ा है। इस पंछी को पीले स्तन वाले बंटिंग या फिर आम भाषा में गोखरू कहा जाता है। इस पंछी का वैज्ञानिक नाम अम्ब्रिजा ओरियोला है। यह पंछी यूरेशिया में पाया जाता है।
2004 तक यह पंछी कम चिंता वाला पंछी माना जाता था लेकिन 2004 के बाद इस पंछी की संख्या में बड़ी तेज़ी के साथ कमी आणि शुरू हो गयी और यह कमी ऐसी थी की इसने इस पंछी के विलुप्तप्राय पंछी की श्रेणी में खड़ा कर दिया। इस पंछी का शिकार चीन में बड़ी ही तेज़ी से किया गया। वहां के बाजारों में इनको बड़ी संख्या में मार कर बेचा जाता था। गोखरू एक छोटा पैशाइन है तथा इसकी लम्बाई 14-16 सेंटीमीटर तक होता है। इस पंछी का वजन करीब 17-26 ग्राम तक का होता है। इनमे नरों के ऊपर काली धारियां होती हैं और उपरी हिस्सा भूरा रंग का है। इनका चेहरा काले रंग का और इनके गले पर एक पट्टी बनी है। इनका पेट या स्तन का भाग पीले रंग का होता है।
विदेश की बात करें तो 1990 के दशक में जापान में पीले स्तन वाले गोखरू के संख्या में तीव्र गिरावट देखि गयी थी जिसके बाद से संरक्षणवादी संस्थाओं ने सतर्कता से कार्य करना शुरू किया था। तब से अब तक मात्र 2 से तीन दशक में इनकी संख्या में करीब 95 फीसद की गिरावट देखि गयी। 2004 से पहले गोखरू के संरक्षण की चिंता का विषय नहीं माना गया था परन्तु 2013 के बाद इसे लुप्तप्राय पंछियों या जीवों की सूची में लामबद्ध कर दिया गया। इनकी कमी का एक बड़ा कारण यह भी है की ये झुण्ड में प्रवास करती है जिसमे इनका शिकार बड़े पैमाने पर होता है।
जैसा की वर्तमान समय में संचार और परिवहन आदि में बहुत सुधार हुआ है जिसके कारण इन पंछियों की संख्या में कमी हुयी है ये विभिन्न दुर्घटना का शिकार हो जाती है। चीन में जैसा की पहले ही बताया जा चुका है की इनको राईस बर्ड के नाम से जाना जाता है अतः इनका शिकार खाने के लिए सबसे ज्यादा किया है। जैसा की 1997 के बाद से इस पंछी के शिकार को गैर कानूनी मान लिया गया है परन्तु आज भी काले बाजार में ये धड़ल्ले से बिक रही हैं। 2016 के नवम्बर माह में पूर्वी एशिया में स्थलीय पक्षी प्रजातियों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय निगरानी कार्यक्रम के तहत पीले स्तन वाले बंटिंग के संरक्षण पर बैठक का आयोजन किया गया था। इन पंछियों की संख्या के गिरावट का मुख्य कारण है इनके रहने वाले आवासों की कमी और इनके प्रवास मार्गों पर घात लगाए शिकारी।
सन्दर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Yellow-breasted_bunting
2. https://www.birdlife.org/worldwide/news/yellow-breasted-bunting-next-passenger-pigeon
3. https://bit.ly/2PXB508
4. https://bit.ly/36HNETO
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