भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति

जौनपुर

 11-12-2019 10:58 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

आधुनिक युग में भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय बन गया है। आज़ादी के कुछ समय के बाद ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसने लगा था। भ्रष्टाचार किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा निजी और अवैध लाभ प्राप्त करने के लिए की गई बेईमानी या आपराधिक गतिविधि है। इस गतिविधि में व्यक्ति या संगठन अपनी शक्तियों का दुरूपयोग कर लाभ प्राप्त करता है तथा दूसरों को हानि पहुंचाता है। भ्रष्टाचार के द्वारा देश की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। भारत में राजनीतिक एवं नौकरशाही के भ्रष्टाचार को व्यापक रूप से देखा जा सकता है।

शायद ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो इन अवैध गतिविधियों में सम्मिलित न हो तथा भ्रष्टाचार को बढ़ाने में अपना योगदान न दे रहा हो। भारत में न्यायपालिका, मीडिया (Media), सेना, पुलिस आदि को भी भ्रष्टाचार में संलिप्त देखा जा सकता है। भ्रष्टाचार के ज़रिए ही अंग्रेजों ने भारत को अपना गुलाम बनाया। और इसी को प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से इसे और भी अधिक बढ़ावा दिया।

आधुनिक भारत की यदि बात करें तो ऐसे कई घोटाले सामने आये जिन्होंने भारत में भ्रष्टाचार की बढ़ती व्यापकता को चिह्नित किया। बोफोर्स घोटाला, यूरिया घोटाला, चारा घोटाला, शेयर बाज़ार घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, अनाज घोटाला, कोयला खदान आवंटन घोटाला आदि इसके महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। भारत में भ्रष्टाचार सार्वजनिक क्षेत्रों से लेकर निजी क्षेत्रों तक फैला हुआ है जिसके कई दुष्परिणाम सामने आये। इसका सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव आर्थिक विकास पर पड़ा जिसने असमानता को भी जन्म दिया। राजनैतिक भ्रष्टाचार की यदि बात की जाए तो यह सर्वोच्च स्थान पर है। शिक्षा का क्षेत्र, जिसे हर नागरिक का अधिकार माना जाता है, वह भी भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है।

अक्सर भारतीयों को गरीब माना जाता है किंतु स्विस बैंक (Swiss Bank) के अधिकारियों की मानें तो भारत देश कभी गरीब नहीं रहा क्योंकि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये उनके स्विस बैंक में जमा है। ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना कर के बनाया जा सकता है या 60 करोड़ रोज़गार के अवसर दिए जा सकते हैं। यह सब परिणाम भ्रष्टाचार के फलस्वरूप ही उत्पन्न हुए हैं। सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई प्रयास किये गये हैं किंतु इसके कुछ खास परिणाम प्राप्त नहीं हुए तथा भारत में भ्रष्टाचार अभी भी पनप रहा है। भारत में अभी भी सभी सामान्य जगहों पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। यह हाई प्रोफाइल (High profile) घोटालों की एक कड़ी से स्पष्ट है, जिसने उनके प्रशासन को हिला दिया।

पंजाब नेशनल बैंक में पिछले वर्ष हुई 2 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी और राफेल घोटाला इसके महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। भ्रष्टाचार पूरे विश्व में व्याप्त है तथा इस स्थिति को भ्रष्टाचार बोध सूचंकाक (Corruption Perceptions Index -सीपीआई) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यह सूचकांक, ट्रान्सपैरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) द्वारा 1995 से प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जा रहा है जिसमें 2018 के सीपीआई में भारत 175 देशों की सूची में 78वें स्थान पर था। 2010, 2015, 2016, 2017 में भारत क्रमशः 76, 79, 81 स्थान पर था। यह सुधार भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार के प्रयासों को अभिव्यक्त करता है। ट्रेस इंटरनेशनल (Trace International) द्वारा प्रकाशित भारत में रिश्वतखोरी पर एक रिपोर्ट के अनुसार 91% रिश्वत की मांग सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई थी। 77% रिश्वत की मांग किसी भी लाभ के बजाय नुकसान से बचाव के लिए की गयी थी। इनमें से 51% रिश्वत की मांग सेवाओं के समय पर वितरण के लिए की गयी थी जिनका व्यक्ति पहले से ही हकदार था। उदाहरण, सीमा शुल्क समाशोधन या टेलीफोन कनेक्शन (Telephone Connection) लेना। भ्रष्टाचार की सीमा केवल इतनी ही नहीं है बल्कि यह देश की गहराइयों तक छिपा हुआ है।

इसके प्रभाव से देश का आर्थिक विकास और विकासात्मक लक्ष्य की उपलब्धि बहुत ही धीमी गति से हो रही है। संसाधन, और बाज़ार विकृत होने लगे हैं। वस्तुओं और मूल्यों की गुणवत्ता समाप्त होने लगी है। इसके साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी खतरा बन गया है और गरीब और कमज़ोर वर्गों को सहायताहीन कर रहा है। भारत में निम्न स्तर के भ्रष्टाचार की व्यापकता को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने एक शोध किया और देखा कि नागरिकों ने बुनियादी और रोज़मर्रा की चीज़ों को प्राप्त करने के लिए कितनी बार और कितना भुगतान किया। परिणामों से पता चला कि सबसे आवश्यक सेवाओं के लिए हर तीन लोगों में से एक ने घूस की मांग की। दिल्ली में 1,500 घरों में किए गए "इंडिया करप्शन सर्वे" (India Corruption Survey) का अनुमान है कि वहां रहने वाले लोगों ने पिछले साल में 2 बिलियन रुपये (30.8 मिलियन डॉलर) का भुगतान घूस के रूप में किया है। पुलिस के पास शिकायत दर्ज होने से लेकर, स्कूल तथा अस्पताल में प्रवेश के लिए आधिकारिक दस्तावेज़ खरीदने और यहां तक कि गैस सिलेंडर से जुड़े उत्पादों जैसी बुनियादी चीज़ के लिए भी घूस का भुगतान किया गया। सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि दिल्ली में प्रत्येक परिवार ने पिछले साल औसतन 2,846 रुपये रिश्वत में दिए थे। इनमें से लगभग 45% घर निम्न-आय वर्ग के थे। सर्वेक्षण के अनुसार, सभी रिश्वत समान नहीं हैं। "बिल्डिंग प्लान मंजूरी" प्राप्त करने के लिए 45,000 रुपये का भुगतान किया जाता है।

व्यापक रूप से फैले इस भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए एंटी-करप्शन (Anti-corruption) को अपनाया जा रहा है। इसमें ऐसी गतिविधियाँ शामिल होती हैं जो भ्रष्टाचार का विरोध करती हैं या उन्हें रोकती हैं। जिस तरह भ्रष्टाचार कई रूप लेता है, वैसे ही भ्रष्टाचार विरोधी प्रयास भी कार्यक्षेत्र और रणनीति में भिन्न होते हैं जिनका उपयोग भ्रष्टाचार को रोकने के लिए किया जाता है।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Corruption_in_India
2. https://bit.ly/2YlmRd8
3. http://cvc.nic.in/sites/default/files/CEO.pdf
4. https://on.wsj.com/3591NsU
5. https://en.wikipedia.org/wiki/Anti-corruption



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id