जौनपुर की कालीन

स्पर्श - बनावट/वस्त्र
07-04-2017 12:00 AM
जौनपुर की कालीन
भारत मे कालीन का लिखित इतिहास 16 वी शताब्दी से शुरू होता है| अकबर ने फारसी कालीन बुनकरों को फारस से भारत बुलवाकर एक राजसी कार्यशाला का निर्माण अपने महल मे करवाया| अकबर ने बुनकरों को यह आदेश दिया कि वह कालीन का निर्माण ठीक फारस के फारसी कालीनों की तरह करें| इससे पहले ऑरिल स्टाइन द्वारा पूर्वी तुर्किस्तान के पुरातात्विक खुदाई से भारयीय कपड़ो व ऊनी कपडा बुनने वाले औजार के साक्ष्य मिलते हैं| अकबर के अलावा उसके बाद आनेवालें राजाओं जहाँगीर व शाहजहाँ ने कालीनों की कला को पराकाष्ठा तक पहुँचाया| भारत के अनेक प्रदेशो में विभिन्न प्रकार कि कालीनों का निर्माण होता है, जिनमे भदोही, मिर्जापुर, जौनपुर, आदि अपनी कालीनों के लिए प्रसिद्ध है| सन 1867 ई मे मिर्जापुर कालीन प्रशंसित हुई व इनाम भी जीती थी| यहाँ की कालीन मुख्य रूप से निर्यातित होती है| वर्तनाम में जौनपुर का कालीन उद्योग करीब 3500 लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है, तथा कालीन ही जौनपुर के मुख्य निर्यातित सामान है|