एड्स के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है, भारत

जौनपुर

 02-12-2019 11:52 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

एड्स को एक मात्र बिमारी ही कहना बेमानी है क्यूंकि यह बीमारी तो है ही परन्तु साथ ही साथ में यह महामारी भी है। कल विश्व एड्स जागरूकता दिवस था और यह पूरे विश्व भर में मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य मकसद यही है कि लोगों को एड्स के और एच आई वी के बारे में बता सके और जागरूक कर सके। आज दुनिया भर में एड्स एक बड़ी बिमारी के रूप में उभर कर सामने आया है। 2005 के दौर में यह बिमारी पूरी तरह से महामारी बन चुकी थी लेकिन समय के साथ होने वाले विकसित दवाइयों आदि के माध्यम से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम कर दिया गया है लेकिन यह अब भी घातक और बहुत घातक है।

भारत में एड्स पहली बार 1986 में प्रकाश में आया था तब से ही यहाँ के स्वास्थ विभाग में इस बिमारी को लेकर एक बड़ी जंग शुरू हुयी है और इसमें तकनिकी रूप से कई कामियाबियाँ भी मिली लेकिन अभी इस बिमारी से लड़ने के लिए एक लम्बा सफ़र तय करना बाकी है। 2017 के आंकड़े के अनुसार भारत में नए एच आई वी संक्रमित लोगों की संख्या में करीब 46 फीसद की कमी आई है और 2010 के बाद से करीब 22 फीसद की कमी इस रोग से होने वाली मौतों में आई है। अगर नए विवरण (Data) की माने तो भारत की वयस्क आबादी में करीब 0.26 फीसद की वयस्क आबादी इस रोग से पीड़ित है जो की अनुमानित 2.1 मिलियन की संख्या है।

भारत में इस रोग से प्रभावित सेक्स वर्कर, समलिंगी पुरुष, ड्रग एडिक्ट और हिजड़े हैं इनका प्रतिशत यदि देखा जाए तो क्रमशः लगभग 2.2 फीसद, 4.3 फीसद, 9.9 फीसद और 7.2 फीसद हैं। सन 2000 से सन 2015 के बीच नए संक्रमितों की संख्या में करीब 66 फीसद की गिरावट दर्ज की गयी है। इस प्रकार से सरकार ने सन 2024 तक इस रोग के उन्मूलन की योजना बनायी हुयी है जिसके ऊपर कार्य किया जा रहा है। अब वहीँ वैश्विक स्तर पर देखें तो 2017 तक के आंकड़ों को यदि देखें तो एड्स के कारण दुनिया भर में करीब 28.9 मिलियन से लेकर 41.5 मिलियन तक लोग मर चुके हैं और वहीँ करीब 36.7 मिलियन लोग इस बिमारी की गिरफ्त में हैं। यह मृत्यु का आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है और यह एक इतिहास बन चुका है। दुनिया में इस बिमारी को लेकर कई प्रकार के इलाज खोजे गये हैं, जिनके कारण 2005 में जब यह चरम पर था के बाद से इस महामारी से मरने वालों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम हुयी है।

अब भारत में इस रोग से हुए आर्थिक नुकसान की बात करें तो अब तक कुल 3447 अरब रूपए का नुकसान हो चुका है। अब इसकी प्रतिव्यक्ति आय (GDP/Capita) के हिसाब से देखें तो 4252.4 रूपए के अनुसार कुल आर्थिक नुकसान 1014 अरब रूपए का है। इससे यदि भविष्य में भी इसी तरह से नुकसान होता रहा तो करीब 420 बिलियन का नुकसान दर्ज किया जा सकता है। भारत इस रोग के उन्मूलन को लेकर प्रतिबद्ध है और यह विभिन्न तरीकों से इस रोग को फैलने से रोकने का कार्य कर रहा है।

सन्दर्भ:-
1.
https://bit.ly/2Y56q4J
2. http://naco.gov.in/national-strategic-plan-hivaids-and-sti-2017-24
3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/9069706
4. https://www.worldbank.org/en/news/feature/2012/07/10/hiv-aids-india



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id