भारत की स्वतंत्रता में थी विश्व युद्धों की महत्वपूर्ण भूमिका

जौनपुर

 26-11-2019 11:30 AM
उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

किसी भी स्थान में अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए वहां की जलवायु का अनुकूल होना बहुत आवश्यक होता है। किंतु एक अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए जिस चीज़ की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, वह है स्वतंत्रता। स्वतंत्रता के बिना एक जीवन कभी भी परिपूर्ण जीवन नहीं हो सकता। भारत अनेक वर्षों तक अंग्रेजी शासन का गुलाम रहा तथा अनेक प्रयत्नों के बाद 1947 में आज़ाद हुआ। आज हम उन सभी स्वतंत्रता सैनानियों को याद करते हैं जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने जीवन की कुर्बानी दे दी। किंतु उन सैनानियों को भुला दिया गया है जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप में न सही लेकिन अप्रत्यक्ष रूप में स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण त्याग दिए।

यहां बात की जा रही है भारतीय ब्रिटिश सेना की, जिन्होंने विश्व युद्धों के दौरान दुश्मनों को हराने के लिए अपने प्राणों की बाज़ी लगा दी और अप्रत्यक्ष रूप से भारत की स्वतंत्रता में भी अपना योगदान दिया। इस प्रकार आज़ादी में विभिन्न देशों के बीच हुए विश्व युद्ध की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। तो चलिए जानते हैं कि विश्व युद्धों ने कैसे भारत की स्वतंत्रता को प्रभावित किया।
विश्व युद्धों का औपनिवेशिक शक्तियों पर गहरा प्रभाव पड़ा क्योंकि इसने उनकी अर्थव्यवस्थाओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। हालाँकि हिटलर ने मानवता के खिलाफ अपराध किए लेकिन उसने ब्रिटेन और फ्रांस की अर्थव्यवस्थाओं को इस हद तक नष्ट कर दिया कि वे अब अपने सैन्य बलों को आर्थिक रूप से बनाए रखने में सक्षम नहीं थे।

इसलिए इस समय इनके उपनिवेशों में उठने वाले स्वतंत्रता आंदोलनों को दबाने में भी इनमें अधिक शक्ति नहीं बची थी। युद्ध के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी जिससे वित्तीय रूप से ब्रिटेन बहुत पिछड़ चुका था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ने न केवल भारत बल्कि 1946 में जॉर्डन, 1947 में फिलिस्तीन, 1948 में श्रीलंका और म्यांमार, 1952 में मिस्र और 1957 में मलेशिया आदि को भी स्वतंत्र किया। युद्ध के तुरंत बाद भारतीय राजनैतिक स्वतंत्रता आंदोलन बहुत तेज़ होने लगे थे। ब्रिटिश प्रशासक जो भारतीय राज का प्रबंधन कर रहे थे, के पास बढ़ती हुई बाधाओं से निपटने के लिए कोई उपाय भी नहीं था क्योंकि 1939 के बाद भारतीय सिविल सेवा के अधिकांश लोग स्वयं भारतीय थे।

1946 में नौसेना में एक विद्रोह हुआ जिससे सेना में व्यापक असंतोष फैला। इस युद्ध ने अंग्रेजों को भारतीय नेताओं के साथ एक समझौते के लिए मजबूर किया जिसके तहत भारत की आज़ादी का मार्ग सरल हुआ। इसके अलावा, युद्ध के बाद, ब्रिटिशों के पास इतनी पूंजी नहीं थी कि वे अपने उपनिवेशों को बनाए रखें। भारतीय स्वतंत्रता के लिए अमेरिका और ब्रिटेन के बीच हुआ समझौता ‘अटलांटिक चार्टर’ (Atlantic Charter) भी उत्तरदायी है। हालांकि आज़ादी की मांग प्रथम विश्व युद्ध के समय भी की गयी थी जब बड़े पैमाने पर भारतीय उत्पादों और सैनिकों का प्रयोग ब्रिटिश शासकों द्वारा युद्ध में किया गया था किंतु अंग्रेजों के छल से यह सम्भव नहीं हो पाया। किंतु दूसरे विश्व युद्ध के समय देश में आज़ादी के लिए आंदोलन इतना अधिक था कि अंग्रेजों के पास इसे दबाने के लिए न तो पर्याप्त सेना ही थी और न पूंजी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस समय ऐसे मुद्दों पर चर्चा की जो स्वयं की भारतीय सरकार की मांग कर रही थी।

विश्व युद्ध में लगभग 15 लाख मुस्लिम, सिख और हिंदू पुरुषों ने भारतीय अभियान बल के रूप में स्वेच्छा से भाग लिया जिनमें से कई अभियान बलों को पूर्वी अफ्रीका में पश्चिमी मोर्चे पर लड़ते हुए देखा गया। इन लोगों में से, लगभग 50,000 की मृत्यु हो गई, 65,000 घायल हुए, और 10,000 लापता होने की सूचना दी गई थी।
भारत में राष्ट्रीय आंदोलन पर प्रथम विश्व युद्ध के प्रभाव को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है:
• ब्रिटिश सरकार ने भारत को सहयोगी और जुझारू घोषित किया क्योंकि इस युद्ध में भारतीय लोगों और संसाधनों का बहुपयोग किया गया था। इस कारण भारतियों में काफी नाराज़गी पैदा हुई।
• अंग्रेज़ तुर्की साम्राज्य के खिलाफ लड़ रहे थे जिस पर खलीफा (खलीफा) का शासन था। मुसलमानों में खलीफा के लिए बहुत सम्मान था। इस प्रकार ब्रिटिशों के खिलाफ तुर्की की रक्षा के लिए खिलाफत आंदोलन में भारतीय मुसलमान शामिल हुए।
• युद्ध के दौरान, किसानों के बीच अशांति भी बढ़ी। इन आंदोलनों ने बड़ी संख्या में आंदोलन को तैयार करने में मदद की।
• एनी बेसेंट 1914 में कांग्रेस में शामिल हुईं। 1916 में उन्होंने बाल गंगाधर तिलक के साथ होम रूल (Home Rule) आंदोलन शुरू किया। होम रूल लीग ने भारतीयों को स्वशासन देने की मांग की।
• गांधीजी प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता के रूप में उभरे तथा उन्होंने आज़ादी के लिए निरंतर प्रयास किये जिसमें विशाल जन समूह उनके साथ था।

इसके बाद दूसरे विश्व युद्ध के भी कई परिणाम निकलकर सामने आये जिसने भारत की आज़ादी को प्रभावित किया:
• विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटेन में सत्ता में आई लेबर पार्टी (Labour Party) ने कांग्रेस पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया और भारत में चुनाव घोषित कर दिए गए जिससे शक्तिशाली भारतीय नेताओं के सत्ता में वापस आने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
• युद्ध के बाद ब्रिटेन आर्थिक रूप से थका हुआ था। अंग्रेजों के पास भारत को नियंत्रित करने के लिए ऊर्जा और संसाधन नहीं बचे थे।
• अमेरिकी सरकार ने ब्रिटेन पर दबाव डाला कि वह भारत को उसकी स्वतंत्रता का अधिकार दे।
• द्वितीय विश्व युद्ध के समापन के बाद, दुनिया भर के लोग अपने अधिकारों, समानता और मानवता के लिए आगे आये। उनका मानना था कि भारत और उपनिवेशों को स्वतंत्रता देने से उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी और इस तरह विश्व में शांति और कल्याण की स्थापना होगी।

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/2XCxdFi
2. https://bit.ly/2pQ6gRT
3. https://bit.ly/35tXfgu
4. https://bit.ly/2Dj7isU
5. https://bit.ly/2XNOX0q



RECENT POST

  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के खेतों की सिंचाई में, नहरों की महत्वपूर्ण भूमिका
    नदियाँ

     18-12-2024 09:21 AM


  • विभिन्न प्रकार के पक्षी प्रजातियों का घर है हमारा शहर जौनपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:23 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id