भविष्य की आधुनिक संचार तकनीकें बनाएंगी मानव जीवन को और भी सरल

संचार एवं संचार यन्त्र
22-11-2019 11:49 AM
भविष्य की आधुनिक संचार तकनीकें बनाएंगी मानव जीवन को और भी सरल

जैसे-जैसे विज्ञान और तकनीकी का विकास होता जा रहा है वैसे-वैसे संचार के तरीके भी बदलते जा रहे हैं। पहले संचार के लिए जहां बहुत सीमित साधन उपलब्ध थे आज तकनीकी विकास के साथ उनकी संख्या कई अधिक बढ़ गयी है। आधुनिक संचार उपकरण का महत्वपूर्ण उदाहरण स्वचालित घरेलू सहायक (Automated domestic assistant) हो सकता है जो कई घरों के आसपास अब अमेज़न इको डॉट डिवाइसेस (Amazon Echo Dot devices) के रूप में उपलब्ध है। डिजिटल (Digital) उपकरणों ने बच्चों की शिक्षा और व्यवहार दोनों को विभिन्न प्रकार से प्रभावित किया है। वे अब घर बैठे ही दुनिया भर की तमाम सूचनाओं को एकत्रित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी अन्य कई आधुनिक संचार उपकरण उपलब्ध हैं जो हमारे संचार को बहुत आसान बना रहे हैं, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) जैसी तकनीकें विकसित नहीं हैं।

जैसे-जैसे साधन बढ़ते जा रहे हैं हम अपने जीवन के प्रत्येक क्षण को और भी अधिक साझा कर रहे हैं। मैसेजिंग ऐप्स (Messaging Apps) और सोशल नेटवर्क (Social Network) हमें उन क्षणों को साझा करने की अनुमति प्रदान करते हैं। इतना ही नहीं, हम उपलब्ध किसी भी स्ट्रीमिंग ऐप (Streaming app) का उपयोग करके अपने अनुभवों का लाइव (Live) प्रसारण भी कर सकते हैं। इस प्रकार हम अपने अनुभवों का एक विशाल डाटाबेस (Database) तैयार कर रहे हैं जिससे हम जान सकते हैं कि वास्तविक समय में दुनिया भर में क्या हो रहा है? इसके साथ ही फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) जैसे साधनों के ज़रिए आज हम किसी के भी व्यक्तिगत प्रोफाइल (Profile) की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अर्थात भले ही आप किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से न जानते हों किंतु उसके बारे में काफी कुछ उसके व्यक्तिगत प्रोफाइल से जान सकते हैं।

भविष्य में भी संचार परिवर्तन के कई अन्य साधन उपलब्ध होने वाले हैं जिनमें से एक संवर्धित वास्तविकता (Augmented reality) है। संवर्धित-वास्तविक प्रणाली में, आप डिजिटल तकनीकी के माध्यम से पूरी दुनिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह स्मार्टफोन (Smartphone) के समान हाथ से पकड़े जाने वाले उपकरण का रूप ले सकता है। हालांकि ऐसे कुछ फोन हैं जिनमें संवर्धित-वास्तविकता एप्लिकेशन पहले से ही उपलब्ध है। इससे आप किसी भी स्थिति में, अपने आस-पास की दुनिया को देख सकते हैं और वास्तविक समय की डिजिटल जानकारी हासिल कर सकते हैं। संवर्धित वास्तविकता का एक उदाहरण किसी रेस्तरां की समीक्षा है अर्थात इसके माध्यम से आप किसी भी रेस्तरां के सामने खड़े होकर उसकी सेवाओं के संदर्भ में ग्राहकों की समीक्षाओं को पढ़ सकते हैं।

भविष्य में संवर्धित-वास्तविकता प्रणाली लोगों तक भी विस्तारित की जा सकती है अर्थात आप एक अजनबी को देखकर ही उस व्यक्ति का नाम, फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर हैंडल (Twitter Handle) और अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। स्पष्ट रूप से, संवर्धित वास्तविकता प्रणालियां गोपनीयता और सुरक्षा के बारे में हमारी चिंताओं को और भी अधिक बढ़ाएंगी, लेकिन ऐसी प्रणालियां पहले से ही विकसित किए जाने की कगार में हैं। विडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video conferencing) भी संचार का माध्यम बन चुका है। यह प्रौद्योगिकी वर्षों से मौजूद है किंतु संयुक्त राज्य में वीडियो कॉल (Video call) अधिक लोकप्रिय नहीं हैं। इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि वीडियो कॉल लागत प्रभावी नहीं है।

संचार अब पहले से बहुत अधिक बदल गया है तथा भविष्य में भी कई ऐसे नए उत्पादों के विकसित होने की उम्मीद है जो मशीनों द्वारा एक दूसरे के साथ संवाद करने के तरीके को बदल देंगे। 3 डी इमेजिंग (3d imaging) और स्कैनिंग (Scanning) प्रौद्योगिकियों में हो रही प्रगति आपकी “वर्चुअल उपस्थिति (Virtual presence)" को एक वास्तविक रूप देने की ओर प्रयासरत है। उच्च गति स्कैनिंग की वर्तमान विधियों के द्वारा आपके चेहरे का 3d स्कैन एक सेकंड के अंश में ही प्राप्त किया जा सकता है। भविष्य में यह 3D होलोग्राफिक डिस्प्ले (Holographic display) या शेप-शिफ्टिंग नैनो-बॉट्स (Shape-shifting nano-bots) का रूप ले सकता है।

दृश्य संचार के ज़रिए हम कहीं पर भी हों, वहीं से पूरी दुनिया की हर खबर का पता लगा सकते हैं। इसने जहां लोगों के बीच की दूरियों को कम किया है वहीं संचार में आने वाली लागत को भी बहुत कम कर दिया है। बहुत कम समय और लागत में आप एक-दूसरे से बात कर सकते हैं और पूरी दुनिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अलाइव ऐप (Alive app) भारत की प्रौद्योगिकी खपत में पहला मील का पत्थर था जिसने संवर्धित वास्तविकता को कई घरों में पहुंचाया। भारत में संवर्धित-वास्तविकता या आभासी उपस्थिति उद्योग एक नवजात अवस्था में है। भारत में पिछले कुछ वर्षों में, लगभग 170 स्टार्टअप (Startup) संवर्धित-वास्तविकता या आभासी उपस्थिति के क्षेत्रों में उभरे हैं। अगले पांच वर्षों में इस उद्योग में 76% की वार्षिक वृद्धि दर की संभावना है। 2020 तक ये प्रौद्योगिकियां तीन सबसे प्रमुख बाज़ारों: मनोरंजन, विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं को केंद्रित करेंगी।

इन तकनीकों ने मानव जीवन को सरल बनाया है। यह वास्तविक अनुभव से बेहतर, विभिन्न क्षेत्रों में अनुकूल, व्यापक जानकारी उपलब्ध कराने में सहायक, तथा संचार का प्रभावी उपाय हैं। यह लोगों के साथ संवाद करने का एक नया अनुभव है। किंतु इससे सम्बंधित कुछ समस्याएं भी हैं जो निम्नलिखित हैं:
वर्चुअल तकनीक का उपयोग कर पाना हर किसी के लिए संभव नहीं है क्योंकि यह बहुत अधिक महंगा है।
यह वास्तविकता के अनुभव से मानव को दूर करता है। आभासी वास्तविकता के उपयोगकर्ताओं को कई बार यह लगता है कि वे वास्तविक दुनिया से बच रहे हैं और कभी-कभी यह भावना उनके लिए बहुत खतरनाक साबित होती है।
उपयोगकर्ता आभासी दुनिया के आदी हो जाते हैं।
यह तकनीक अभी भी प्रायोगिक अवस्था में ही है।

संदर्भ:
1.
https://blog.ferrovial.com/en/2017/10/communication-of-the-future-prediction/
2. https://electronics.howstuffworks.com/everyday-tech/future-of-communication1.htm
3. https://www.futureforall.org/communication/future_of_communication.htm
4. https://sciencenode.org/visualization/holographic-communication-reality.php
5. https://www.drpgroup.com/blog/the-role-of-augmented-reality-in-communications
6. https://bit.ly/2OyyYPI
7. https://filmora.wondershare.com/virtual-reality/pros-cons-virtual-virtual.html

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.