नागरिक बन्दूक स्वामित्व, अपराध दर को किस प्रकार प्रभावित करता है

हथियार व खिलौने
18-11-2019 01:37 PM
नागरिक बन्दूक स्वामित्व, अपराध दर को किस प्रकार प्रभावित करता है

मनुष्य को हथियार आदि काल से ही प्रिय रहे थे और यही कारण था की मनुष्य के इतिहास को बिना औजारों के इतिहास के पढ़ा नहीं जा सकता है। पुरातत्त्वविद शिवम् दुबे ने अपने शोध पत्र “फ्रॉम लिथिक टूल्स टू द गन पाउडर बेस्ड वेपन्स ऐन अल्टरनेटिव स्टडी ऑफ़ ह्यूमन एवोल्यूशन” में इस विषय पर चर्चा की है। वर्तमान काल भिन्न है और यहाँ पर प्राचीन काल की तरह हथियार रखने से मनाही है। हथियारों में मुख्य रूप से बंदूकों को रखने की मनाही है। बन्दूक के कानून विभिन्न देशों में भिन्न हैं और वे अपराध को बढाने में कई मायनों में मददगार साबित होते हैं। बन्दूक खरीदने और रखने के विषय में विभिन्न देशों में अलग अलग कानून हैं। आइये इस लेख में इस विषय पर चर्चा करते हैं।

इस विषय की शुरुआत करने से पहले हम यह जान लेते हैं की आखिर भारत में कुल कितनी बंदूकें हैं जो की 2017 के सर्वे पर आधारित है- भारत में प्रति 100 व्यक्तियों में से 5.3 व्यक्तियों के पास बंदूकें हैं जो की भारत को विश्व में 120वें स्थान पर खड़ा करता है। अब बात करते हैं भारत में कुल पाए जाने वाले बंदूकों की तो इनकी संख्या है- 7 करोड़ 11 लाख एक हजार अब इन दिए गए बंदूकों की संख्या में 97 लाख बंदूकें रजिस्टर्ड हैं और बाकी की बची 6 करोड़ 14 लाख और 1 हजार बंदूकें रजिस्टर्ड नहीं हैं। इस दिए गए आंकड़े के अनुसार यह तो साफ़ है की भारत में एक बड़ी आबादी के पास अपंजीकृत बंदूकें हैं।

हथियार की बात करें तो अमेरिका में सबसे ज्यादा बंदूकें पायी जाती हैं। भारत का बन्दूक से सम्बंधित कानून अत्यंत ही कड़ा है जिसके ही कारण यहाँ पर बंदूकों की संख्या में अन्य देशों की तुलना में काफी कमी है। हांलाकि यह कहा जाता है की भारत में अन्य देशों की अपेक्षा कम बंदूकें हैं या कम लोगों के पास बंदूकें हैं परन्तु वहीँ दूसरा आंकड़ा सुनने के बाद एक अत्यंत ही गहन सोच करने की जरूरत आन पड़ती है। भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश है जहाँ पर बन्दूक से सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। पहले स्थान पर ब्राज़ील और अमेरिका हैं।

ऐसे में यह कहा जा सकता है की भारत में बंदूकों से मरने वालों की संख्या काफी अधिक है। भारत में पहला आर्म्स एक्ट 1857 की क्रांति के बाद सन 1878 में पास किया गया था। और यही एक्ट भारत के आजादी के 12 साल बाद तक रहा। अब आइये जानते हैं आजाद भारत के आर्म्स एक्ट के बारे में यह 1959 में बना था तथा इसमें 2 श्रेणियों का उल्लेख है पहला निषिद्ध बोर और दूसरा गैर निषिद्ध बोर। एक बोर का तात्पर्य है उस बन्दूक से निकली गोली की मोटाई/व्यास। निषिद्ध बोर में पिस्टल, रिवाल्वर आदि शामिल हैं और गैर निषिद्ध बंदूकों में हैण्डगन आदि जैसे हथियार शामिल हैं इनमे स्वचालित बंदूकें भी शामिल हैं।

भारत में बन्दूक लेना एक काफी कठिन और थकाऊ प्रक्रिया है इसमें कई काग्जादों आदि के माध्यम से गुजरना पड़ता है और बन्दूक का पंजीकरण साल दर साल नवीन कराना पड़ता है। शुरूआती दौर में जिला मजिस्ट्रेट आदि द्वारा बंदूकों का पंक्जिकृत किया जाता था लेकिन सन 2008 के हमलों के बाद यह पूर्ण रूप से केंद्र सरकार के हाथ में आ गया। बंदूकों का कारखाना व बारूद आदि का क्रयविक्रय पूर्ण रूप से केंद्र सरकार के जिम्मे है और कोलकाता आदि स्थानों में उपस्थित बन्दूक कारखानों को पंजीकृत बंदूकें बनाने आदि का अधिकार प्राप्त है। पंजीकृत बंदूकों के रहने से हानि व लाभ दोनों है जैसे की चोरी डकैती आदि जैसी घटनाओं पर इनसे अंकुश लगता है लेकिन वहीँ कोई व्यक्ति मानसिक प्रताड़ना के चलते इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकता है।

सन्दर्भ:
1.
https://bit.ly/2qmDOaA
2. https://wapo.st/2qJbKhr
3. https://bit.ly/2OswWRc
4. https://legaldesire.com/what-are-gun-laws-in-india-how-can-one-get-a-gun-in-india/
5. https://n.pr/2Kr3eL5
6. https://bit.ly/3305AXv
7. https://www.bbc.com/news/world-asia-india-45719940
चित्र सन्दर्भ:-
1.
https://pxhere.com/en/photo/1595692
2. https://pxhere.com/en/photo/1249016
3. https://pxhere.com/en/photo/999339
4. https://pxhere.com/en/photo/1455857

अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.