वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है अपार मुफ्त पानी और बिजली

जौनपुर

 07-11-2019 11:30 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

वर्तमान में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। दिल्ली सहित पूरा उत्तर प्रदेश ही इस समस्या से बहुत बुरी तरह से घिरा हुआ है क्योंकि यहां वायु गुणवत्ता का अच्छा स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता चला जा रहा है। इसके प्रभाव से जहां सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड रहा है, वहीं लोग श्वसन सम्बंधी बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं। वायु गुणवत्ता को वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality index -AQI) के माध्यम से मापा जाता है। यह सूचकांक बताता है कि आपकी हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव आपके लिए चिंता का विषय हो सकते हैं या नहीं। वर्तमान में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है।

दिल्ली सहित पूरा उत्तर प्रदेश ही इस समस्या से बहुत बुरी तरह से घिरा हुआ है क्योंकि यहां वायु गुणवत्ता का अच्छा स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता चला जा रहा है। इसके प्रभाव से जहां सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड रहा है, वहीं लोग श्वसन सम्बंधी बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं। वायु गुणवत्ता को वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality index -AQI) के माध्यम से मापा जाता है। यह सूचकांक बताता है कि आपकी हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव आपके लिए चिंता का विषय हो सकते हैं या नहीं। AQI कुछ घंटे या दिन प्रदूषित वायु में सांस लेने के कारण स्वास्थ्य पर पडने वाले प्रभावों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

AQI का स्तर जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर भी उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य की चिंता भी उतनी ही अधिक होगी। उदाहरण के लिए, यदि AQI, 50 है तो यह अच्छी वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है जबकि यदि AQI, 300 से अधिक है तो यह खतरनाक तथा हानिकारक वायु गुणवत्ता का प्रतीक है।

यदि जौनपुर की बात की जाए तो यहां की वायु गुणवत्ता अस्वास्थ्यकर है क्योंकि AQI रीडिंग (reading) 164 मापी गयी है। हालांकि उत्तर प्रदेश की तुलना में यह स्थिति बेहतर है क्योंकि पूरे उत्तर प्रदेश का AQI स्तर 400 मापा गया है जोकि एक आपातकालीन स्थिति को इंगित करता है। 100 से नीचे की AQI रीडिंग को आमतौर पर संतोषजनक माना जाता है। किंतु जब AQI का मान 100 से ऊपर होता है, तो वायु गुणवत्ता को लोगों के कुछ संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर माना जाता है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक के विभिन्न स्तरों को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक श्रेणी स्वास्थ्य चिंता के एक अलग स्तर से मेल खाती है। 0 से 50 तक का AQI स्तर वायु गुणवत्ता का अच्छा स्तर माना जाता है। 51 से 100 तक की वायु गुणवत्ता स्वीकार्य होती है। हालाँकि, कुछ लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह चिंता का कारण हो सकती है, जो वायु प्रदूषण के लिए असामान्य रूप से संवेदनशील हैं। 101 से 150 तक का AQI स्तर संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर होता है। हालांकि इस AQI स्तर में आम जनता के प्रभावित होने की संभावना नहीं है। 151 से 200 के बीच के AQI स्तर को अस्वस्थ स्तर माना जाता है। यदि AQI स्तर 201 से 300 के बीच है तो यह बहुत अस्वास्थ्यकर है। AQI स्तर 300 को आपातकालीन स्थिति माना जाता है।

सामान्यतः उद्योगों, कारखानों, वाहनों इत्यादि से निकलने वाली हानिकारक गैसों को ही मुख्य रूप से वायु प्रदूषण का मुख्य कारण माना जाता है। और इसलिए केवल इन ही कारकों को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है। किंतु इस प्रकार का नियंत्रण वायु प्रदूषण को अल्प समय के लिए ही नियंत्रित कर सकता है। यदि वायु प्रदूषण को पूर्ण रूप से खत्म करना है तो इसके मुख्य कारण को समझना जरूरी है। उत्तर भारत में प्रदूषण के लिए सरकार द्वारा हरियाणा और पंजाब के किसानों को दोषी ठहराया जा रहा है।

सरकार का मानना है कि फसल कटने के बाद बची डंठलों को किसानों द्वारा बहुत अधिक मात्रा में जलाने के कारण ही वायु प्रदूषण बढ रहा है। किंतु इसका वास्तविक कारण बचे उत्पाद का जलना नहीं बल्कि मुफ्त पानी, बिजली और मूर्खता (STUPIDITY) है। पंजाब और हरियाणा में चावल की खेती बहुत अधिक मात्रा में की जाती है। इतनी अधिक कि इसका संग्रहण करना मुश्किल हो जाता है और परिणाम-स्वरूप इसका निर्यात दूसरे देशों में करना पडता है। इन क्षेत्रों में मुफ्त पानी और बिजली की बहुत अधिक सुविधा है जो अनावश्यक खेती को प्रोत्साहित करती है। इससे न केवल अनावश्यक फसल उत्पादित होती है बल्कि बचने वाला उत्पाद भी बहुत अधिक मात्रा में संग्रहित हो जाता है जिसे अंततः जलाया जाता है।

संदर्भ:
1.
https://airnow.gov/index.cfm?action=aqibasics.aqi
2. https://bit.ly/33dQw9Z



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id