क्या वास्तव में फसलों के लिए उपयोगी हो सकते हैं कीट?

जौनपुर

 04-11-2019 12:33 PM
तितलियाँ व कीड़े

आमतौर पर कई किसान जैसे ही फसल में कोई भी कीट को देखते हैं वे तुरंत उसे हटाने के लिए विभिन्न उपायों को करना शुरू कर देते हैं, बिना ये जाने कि फसल में जो कीट हैं वो शुत्रु कीट हैं या मित्र कीट। जौनपुर में व्यापक रूप से आलू का उत्पादन होता है और यहाँ के किसान विभिन्न कीटों से निपटने में पारंगत है, जो एक भरपूर उत्पादन में बाधा डालते हैं। लेकिन वे ये नहीं जानते कि ऐसे कीड़े भी होते हैं जो वास्तव में आलू, गोभी और टमाटर जैसी सब्जी की फसलों के उत्पादन के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

निम्न कुछ ऐसे आवश्यक कीट हैं जो आपकी फसलों को लाभ पहुंचा सकते हैं :-

लेडीबग्स (Ladybugs) :- लेडी बीटल या लेडीबर्ड बीटल के नाम से भी में जानी जाने वाली, ये परिचित छोटी बीटल बच्चों की नर्सरी कविताओं और चित्रकारी की किताबों में काफी लोकप्रिय रूप से देखी जा सकती हैं। वहीं क्या आप जानते हैं कि लेडीबग्स के पसंदीदा खाद्य पदार्थों में एफिड्स, स्पाइडर माइट्स और माइलबग्स शामिल हैं। साथ ही ये कुछ कीड़ों के अंडे का भी शिकार करती हैं, विशेष रूप से यूरोपीय कॉर्न बोरर (European Corn Borer) और कोलोराडो आलू भृंग। लेडीबग्स की कई प्रजातियां पूरे संयुक्त राज्य में पाई जाती हैं, ये आम तौर पर कृषि क्षेत्रों, बागों और बगीचों में पाए जाते हैं जहां उनके पसंदीदा खाद्य पदार्थ, एफिड्स, कीड़े और माइलबग्स होते हैं। इन्हें काफी लाभकारी कीड़ा माना जाता है जो फसल को नुकसान पहुंचाने वाले एफिड्स, माइलबग्स और अन्य विनाशकारी कीटों से छुटकारा दिलाने में काफी मदद करता है।

ग्राउंड बीटल (कोलॉप्टेरा) :- ग्राउंड बीटल लगभग वे सारी चीजें खाता है जो हिलती हैं जैसे कि एस्परगस भृंग, गोभी के कीड़े, कोलोराडो आलू भृंग, कॉर्न ईयरवर्म, कटवर्म और स्लग आदि। वहीं कुछ अपतृण के बीज का भी सेवन करते हैं। साथ ही यह ऊंची छलांग ना लगा पाने के कारण सतह पर ही रहते हैं और नम मिट्टी से कुछ इंच ऊपर ही पाए जाते हैं। अधिकांश 2,500 ग्राउंड बीटल प्रजातियां एक -आठवीं से डेढ़ इंच लंबी, काले, चमकदार और कठोर-गोलाकार के होते हैं। आकार और रंग प्रजातियों में भिन्न होता है, ये ज्यादातर भूरे से काले रंग के होते हैं। इनके लिए स्थिर आवास बनाए रखें जिसमें अच्छी तरह से सूखे हुए बारहमासी पौधे शामिल हों जिन्हें सूखे मौसम में अच्छी तरह से पानी दिया हुआ हो।

लेसविंग :- जैसा कि इनके नाम से ही पता चलता है, लेसविंग अपने विशिष्ट बड़े, फिते जैसे पंखों के माध्यम से अन्य हानिकारक कीड़ों से खुद को अलग करते हैं और उन्हें अक्सर फूलों के पराग से ही अपना भोजन करते हुए देखा जा सकता है। ये खूबसूरत जीव फूलों के बगीचे के लिए एक आशीर्वाद हैं, मुख्यतः क्योंकि वे एफिड्स, मोथ के अंडे, कैटरपिलर, थ्रिप्स और माइट्स का शिकार करते हैं।

होवर मक्खी :- होवर मक्खी अक्सर ततैया और मधुमक्खियों से भ्रमित हो जाती हैं। लेसविंग के समान, होवर का कीटडिंभ एफिड्स का भोजन करता है जो कि घनिष्ठ और पहुँच से दूर स्थानों में रहते है, स्थानों तक पहुंचने के लिए कठिन है। वहीं होवर मक्खियों का कीटडिंभ वसंत में जल्दी दिखाई देते हैं और बड़े और अधिक सुंदर रास्पबेरी और स्ट्रॉबेरी प्राप्त करने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं।

शिकारी कीड़े :- शिकारी कीड़े टमाटर में लगनेवाले होरमवर्म, थ्रिप्स, स्पाइडर माइट्स, कॉर्न ईटवर्म, लीफहॉपर निम्फ और छोटे कैटरपिलर को मारने में विशेष रूप से सहायक होते हैं। अच्छी खबर यह है कि यदि वे स्वयं नहीं आते हैं तो ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप उन्हें आकर्षित कर सकते हैं, विशेष रूप से स्थायी पौधों जैसे झाड़ियों और गुच्छा घास को लगाकर। ड्रैगनफ़्लाइ :- ड्रैगनफ़्लाइ न केवल बगीचे में होने के लिए सहायक होते हैं (क्योंकि वे एफिड्स और अन्य कीट कीड़े का भोजन करते हैं), बल्कि मच्छरों की आबादी को नियंत्रण में रखने में भी उपयोगी होते हैं।

अन्य उपयोगी कीट जैसे कि मधुमक्खियाँ, मकड़ियाँ, टैचिनीड आदि भी काफी उपयोगी हैं। साथ ही ये सारे कीट हानिकारक कीटों को खाने के परिणामस्वरूप अधिक स्वस्थ और उत्पादक पौधे हमें देते हैं। जौनपुर के किसान और वे लोग जिनके घर में बगीचे हैं यदि इन कीटों को देखते हैं तो वे बेनिश्चिंत हो सकते हैं।

संदर्भ:-
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Ground_beetle
2. https://bit.ly/32aANH5
3. https://bit.ly/34qyQI9
4. https://bit.ly/2NbtBGD



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id