क्या सच में भारत के आर्थिक संकट का ज़िम्मेदार एनबीएफसी है?

जौनपुर

 30-10-2019 12:38 PM
वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

वर्तमान समय में एनबीएफसी (NBFC) में संकट छाया हुआ है। एनबीएफसी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समान मानकों के अनुरूप नहीं हैं। लेकिन वे भारतीय अर्थव्यवस्था में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं। जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक खराब ऋणों के दबाव में थे और ऋण देने में असमर्थ रहे थे, तब एनबीएफसी आगे आए थे। इन्होंने निधिकरण अंतर को कम किया और विकास को आगे बढ़ाने में काफी मदद की।

नियमित बैंक लोगों के पैसे जमा करते हैं और भुगतान और निपटान प्रणाली, बचत खाते, चेक (Cheques), क्रेडिट लाइन (Credit Lines) आदि प्रदान करने सहित ज़िम्मेदारियों की एक विस्तृत श्रृंखला का आवरण करते हैं, लेकिन एनबीएफसी विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञ होते हैं। कोई एनबीएफसी सोने का ऋण प्रदान करता है तो कोई एनबीएफसी गाड़ियों पर ऋण देता है तथा यह विशेषज्ञता एनबीएफसी को बैंकिंग उद्योग में एक विशेष स्थान रखने की अनुमति देती है। क्योंकि अधिकांश एनबीएफसी को गैर-डिपोज़िट लेने वाला माना जाता है, वे कड़े भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों के अधीन नहीं होते हैं और इसने उन्हें पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ने की अनुमति दी थी। वर्तमान समय में भारत में लगभग 11,400 एनबीएफसी बैंकिंग कंपनियाँ हैं।

वहीं “असफल होने के लिए बहुत बड़ा” सिद्धांत का दावा है कि कुछ वित्तीय संस्थान इतने बड़े और इतने परस्पर जुड़े हुए हैं कि उनकी विफलता आर्थिक प्रणाली के लिए अधिक विनाशकारी होगी, और इसलिए, जब वे संभावित विफलता का सामना करते हैं, तो उन्हें सरकार द्वारा समर्थन दिया जाना चाहिए। भारत इस समय एक ऐसे ही संकट से जूझ रहा है।

वहीं कुछ लोगों का कहना है कि खपत में गिरावट, अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली एक बड़ी चुनौती, एनबीएफसी संकट के लिए ज़िम्मेदार नहीं हो सकती है क्योंकि यह इन्फ्रा ऋणदाता (Infra Lender) आईएल एंड एफएस (IL&FS) के पहले अभाव से भी पहले हो चुका था।

बैंकों के एक संघ द्वारा जब बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक वित्तपोषण संस्थान की तत्काल आवश्यकता को पाया गया था तब 1987 में आईएल एंड एफएस की स्थापना की गई थी। बाद के दशकों में, कंपनी ने 300 से अधिक समूह की कंपनियों में एक शानदार रूपांतरण और विकास किया था। साथ ही इस संकट में हाउसिंग फाइनेंस (Housing Finance) क्षेत्रों का भी हाथ है, और इस समस्या को आवास वित्त क्षेत्र में अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

इस बीच, भारतीय रिज़र्व बैंक आपदा को कम करने के लिए अस्थायी सुविधाएं दे रहा है। आरबीआई ने अपने हिस्से में प्रतिबंधों पर छूट दी है जो उन्हें इस बहु-आवश्यक वित्त पोषण अभियान को आगे बढ़ाने में सक्षम करेगा। सरकार का मानना है कि मौजूदा अनुमानों के आधार पर, प्रणाली 1 लाख करोड़ रुपये के निधिकरण अंतराल को देख सकती है और यदि इस मौके में इस अंतर को भरा नहीं गया तो यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही भयावह होगा।

संदर्भ:
1.
https://finception.in/markets/nbfc-crisis/
2. https://bit.ly/2PjCM9i
चित्र सन्दर्भ:-
1.
https://bit.ly/36a98cC
2. https://bit.ly/2MXzNll



RECENT POST

  • बैरकपुर छावनी की ऐतिहासिक संपदा के भंडार का अध्ययन है ज़रूरी
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:21 AM


  • आइए जानें, भारतीय शादियों में पगड़ी या सेहरा पहनने का रिवाज़, क्यों है इतना महत्वपूर्ण
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:18 AM


  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id