ऊर्जा का संरक्षण है वक़्त की मांग

जौनपुर

 26-10-2019 12:38 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

वर्तमान समय में व्यक्तिगत, सार्वजनिक, सरकारी व सभी क्षेत्रों में पर्यावरणीय समस्याएँ एक प्रमुख चर्चा का विषय हैं। ऊर्जा के काफी अधिक उपभोग व प्राकृतिक संसाधनों के अतिदोहन ने हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। तो पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने हेतु हमें ऊर्जा का उपभोग कुशलतापूर्वक करना होगा व पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करना प्रारंभ करना होगा। संशोधित ऊर्जा क्षमता व ऊर्जा का कुशल प्रबंधन पर्यावरण को होने वाली हानि को कम करने व वित्तीय बचत में सहायक सिद्ध होगा।

वहीं उत्तर प्रदेश के लोग नियमित रूप से बिजली के अभाव का अनुभव करते आ रहे हैं क्योंकि यहाँ बिजली की मांग अक्सर आपूर्ति से अधिक होती है। पिछले 20 वर्षों में बिजली की कमी 10-15% के दायरे में बनी हुई है, वहीं गर्मी के मौसम में जब अधिक बिजली की मांग होती है तब यह दायरे और अधिक बढ़ जाते हैं। 2013 में, राज्य की मांग और बिजली की आपूर्ति के बीच 43% तक का अंतर देखा गया है। विद्युत मंत्रालय की समीक्षा बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2013-14 की गर्मियों में राज्य में बिजली की अनुमानित मांग 15,839 मेगावाट थी जिसमें 6,832 मेगावाट का अंतर रहा था।

उत्तरप्रदेश में अनियमित बिजली के कारण औद्योगिक निवेश पर भी काफी असर पड़ रहा है। साथ ही इस स्थिति ने यूपी सरकार को करीब के अन्य राज्यों से उच्च कीमतों में बिजली खरीदने के लिए मजबूर कर दिया है। उदाहरण के लिए 2011 में यूपी सरकार ने राज्य में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय निकाय से 17 रुपये प्रति यूनिट (Unit) की दर से बिजली खरीदी थी। यह अभ्यास नियमित रूप से राज्य विद्युत बोर्ड को काफी वित्तीय नुकसान पहुंचाता है और साथ ही शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे सामाजिक विकास के क्षेत्रों में राज्य के व्यय को बाधित करता है।

वहीं राज्य विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत, विभिन्न राज्य-स्तरीय बिजली नियामकों ने नवीकरणीय ऊर्जा की खरीद का दायित्व निर्दिष्ट किया है। तदनुसार, ऊर्जा का एक निश्चित प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से आना चाहिए। यूपी के मामले में यह लक्ष्य यहां केवल 5% ही निर्धारित किया गया है, जिसमें से 0.5% सौर ऊर्जा का हिस्सा है। हालांकि, लगभग 50% की कमी से यूपी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहा है। उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली के उत्पादन में देश के अन्य राज्यों से पीछे है। जबकि गुजरात सौर ऊर्जा के माध्यम से 850 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है, इसके बाद राजस्थान में 201 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है।

बिजली को बचाने के लिए हम नवीकरणीय ऊर्जाओं पर निर्भर हो सकते हैं, जैसे कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पनबिजली ऊर्जा, हाइड्रोजन (Hydrogen) और ईंधन कोशिकाएं, भूतापीय ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य रूप। वहीं भारत में कोयला, गैस, पनबिजली और पवन ऊर्जा के बाद परमाणु ऊर्जा बिजली का पांचवा सबसे बड़ा स्रोत है। मार्च 2018 तक, भारत में 7 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के संचालन में 22 परमाणु रिएक्टर (Reactor) थे, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 6,780 मेगावाट है। 2017 में परमाणु ऊर्जा ने कुल 35 TWh की आपूर्ति की और 3.22% भारतीय बिजली की आपूर्ति की। 4,300 मेगावाट की संयुक्त उत्पादन क्षमता के साथ 7 और रिएक्टर निर्माणाधीन हैं। भारत में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में परमाणु बिजली केंद्र मौजूद है। उत्तर प्रदेश में जौनपुर के करीब ‘नरौरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन’ है जो 220 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम है।

वहीं बिजली के साथ-साथ वर्तमान समय में जीवन की मूलभूत आवश्‍यकता बन चुके पेट्रोल (Petrol) और डीज़ल (Diesel) के मूल्‍य आये दिन आसमान छू रहे हैं। आज के समय में आये दिन पेट्रोल और डीज़ल के मूल्‍य में बढ़ोतरी होना एक आम सी बात हो गयी है। इस संबंध में जानते हैं कि पेट्रोल-डीज़ल का मूल्य कैसे निर्धारित किया जाता है।

पेट्रोल और डीज़ल के मूल्य को कई कारकों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इसमें पहले कच्चे तेल की लागत और दूसरा केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले कर को शामिल किया जाता है। साथ ही इसमें विक्रेताओं की दलाली को भी जोड़ा जाता है। पेट्रोल और डीज़ल मुख्य रूप से केंद्रीय और राज्य द्वारा लगे गये करों की वजह से इतने महंगे हैं। लेकिन पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों में केवल यही कारक नहीं है, चूंकि भारत 84% पेट्रोलियम (Petroleum) उत्पादों का आयात करता है, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कोई भी बदलाव देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को प्रभावित करता है। यदि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें अधिक होती हैं, तो भारत में भी इसे उच्च दर पर बेचा जाता है।

संदर्भ:
1.
https://energypedia.info/wiki/Uttar_Pradesh_Energy_Situation
2. https://bit.ly/2qMrRuH
3. http://www.altenergy.org/renewables/renewables.html
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Nuclear_power_in_India
5. https://bit.ly/2pdBySk
6. https://en.wikipedia.org/wiki/Narora_Atomic_Power_Station



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