शीतला चौकिया धाम में बसी जौनपुर की आस्था

जौनपुर

 22-10-2019 10:00 AM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

जौनपुर की शीतला चौकिया माता का मंदिर जौनपुर जिले भर में एक ऐसी आस्था की मिसाल है जहाँ तमाम लोग अपना शीश नवाने आते हैं। यह मंदिर जौनपुर जिले में ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों में भी एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। शादियों के समय और नवरात्री के वक़्त में इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ दिखाई देती है। लोग मुंडन कराने से लेकर माता को पूरी हलवा चढ़ाने यहाँ पर आते हैं। यदि इस मंदिर की बनावट की बात की जाए तो यह मंदिर वास्तु अनुसार राजपूत वास्तु में निर्मित है जिसमें दरवाज़े, गुम्बद और नक्काशिदार झरोखे आदि बनाए जाते थे। राजपूत कला की यदि बात की जाए तो इसमें तालाब बनाने की परंपरा थी। इस काल में बने तालाबों में स्तम्भ का निर्माण कराया जाता था जो कि जल के स्तर की भी जानकारी प्रदान करता था। इस काल में बनाए गए तालाबों में चारों ओर सीढ़ियाँ बनायी जाती थीं जिसका उदाहरण हम चौकिया, राजा का तालाब जौनपुर, शिवगुलाम गंज में स्थित तालाब आदि में देख सकते हैं। यह वास्तु परंपरा 18-19वीं शताब्दी में प्रचलित हुआ करती थी।

चौकिया शीतला माता के मंदिर की ऐतिहासिकता की बात करें तो इस मंदिर के वास्तु से यह पता चलता है कि यह 18-19वीं शताब्दी में बनाया गया था, परन्तु यदि उसके पहले की बात की जाए तो ऐसे में कोई भी पुरातात्त्विक सबूत या ऐतिहासिक जानकारियाँ उपलब्ध नहीं हैं। जौनपुर की बात की जाए तो यहाँ पर शिव और शक्ति की पूजा आदिकाल से होती आ रही है। कुछ उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण हिन्दू राजाओं द्वारा कराया गया है। उस समय जौनपुर में अहीर राजाओं का राज था और हीरा चन्द्र यादव ने जौनपुर के पहले अहीर राजा के रूप में राज्य भार संभाला था। अहीर राजाओं ने चंदवक और गोपालपुर में किले का निर्माण करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण अहीर राजाओं ने कराया था लेकिन भरों का राज्य भी जौनपुर में अहीरों से पहले था और यह ज़रा तर्क सांगत लगता है कि इस मंदिर का निर्माण भरों ने करवाया था। भर अनार्य थे तथा वे शक्ति और शिव के उपासक थे।

चौकिया शब्द चौकी से आया है जो इस बात पर ज़ोर देता है कि हो सकता है कि शुरुआत में इस मंदिर की जगह यहाँ पर मात्र चौकी ही हो जिसपर देवी की प्राण प्रतिष्ठा की गयी होगी। शीतला दुर्गा माता का ही एक नाम है जो कि नीम में वास करती हैं। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए दो मार्ग हैं, एक मंदिर में स्थित तालाब के पास से जहाँ पर गाड़ियाँ आदि खड़ी करने का स्थान है और दूसरा स्थान सीधे मंदिर के प्रथम मुख्य द्वार तक पहुँचता है। मुख्यद्वार से जाने के बाद मंदिर के सामने एक और द्वार है जो कि एक आंगन में खुलता है और इसी आंगन के मध्य में माता का मंदिर स्थापित है। इस मंदिर से निकलने के दो द्वार हैं जो कि मंदिर के पीछे दायें और बाएं तरफ खुलते हैं। आज वर्तमान में यह मंदिर आस पास के जिलों में एक प्रमुख आस्था के केंद्र के रूप में जाना जाता है।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Sheetala_Chaukia_Dham_Mandir_Jaunpur
2. https://jaunpur.nic.in/tourist-place/sheetala-maata-chaukiya/
3. https://www.youtube.com/watch?v=0qgbVb8ePDo
4. https://www.hamarajaunpur.com/2016/11/blog-post_93.html



RECENT POST

  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के खेतों की सिंचाई में, नहरों की महत्वपूर्ण भूमिका
    नदियाँ

     18-12-2024 09:21 AM


  • विभिन्न प्रकार के पक्षी प्रजातियों का घर है हमारा शहर जौनपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:23 AM


  • जानें, ए क्यू आई में सुधार लाने के लिए कुछ इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स से संबंधित समाधानों को
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id