प्रत्येक महीने बिजली की खपत पर हुआ खर्च एक ऐसा खर्च होता है, जिसे हर किसी को एक नियमित आधार पर सहन करना ही पड़ता है और हम इससे किसी भी हालत में नहीं बच सकते हैं। परन्तु जब भी किसी महीने अगर बिजली का बिल (Bill) पिछले महीनो की तुलना में अधिक आ जाता है तो, हम वास्तव में ऐसा सोचने लगते हैं, कि यह कैसे हुआ और यह हमारे लिए एक आश्चर्य का विषय बन जाता है।
वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना होता है, कि इलेक्ट्रॉनिक मीटर (Electronic Meter), इलेक्ट्रोमेकानिकल मीटर (Electromechanical Meter) की तुलना में अधिक तेज़ी से चलता है। तो क्या यह सच है? जी नहीं, बिजली का मीटर एक ऐसा यंत्र होता है, जो घर में या किसी कार्यालय में विभिन्न उपकरणों द्वारा खर्च विद्युत ऊर्जा को मापता है। वहीं हमारे घर में लगने वाले बिजली के मीटर विभिन्न प्रकार में आते हैं, जो निम्नलिखित हैं :
इलेक्ट्रोमेकानिकल विद्युत मीटर : भारत में इलेक्ट्रोमेकानिकल विद्युत मीटर पिछले कुछ वर्षों तक बहुत आम था और आज भी यह ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत अधिक रूप से पाए जा सकते हैं। इलेक्ट्रोमेकानिकल विद्युत मीटर की कार्यप्रणाली काफी सरल होती है। इनमें एक गैर चुंबकीय धातु डिस्क (Disc) आंतरिक रूप से जुड़ी होती है, जो इससे होकर गुज़र रही ऊर्जा शक्ति के आधार पर घूमती है। यदि इससे गुज़र रही ऊर्जा शक्ति अधिक होती है, तो डिस्क तेज़ी से घूमती है और यदि ऊर्जा शक्ति कम होती है तो डिस्क धीमी गति से घूमती है। वहीं जितनी ज़्यादा या कम बार डिस्क घूमती है, बिजली मीटर पर रीडिंग (Reading) भी उसी अनुपात में बढ़ती या घटती है।
इलेक्ट्रॉनिक मीटर : इलेक्ट्रॉनिक मीटर आजकल कई शहरी क्षेत्रों में तेज़ी से लोकप्रिय होते जा रहे हैं। एक इलेक्ट्रॉनिक मीटर में एक एलईडी/एलसीडी डिस्प्ले (LED/LCD Display) होता है, जो जुड़े उपकरणों द्वारा प्रयोग की गई बिजली की खपत की रीडिंग करता है। इलेक्ट्रॉनिक मीटर में, इलेक्ट्रोमेकानिकल विद्युत मीटर के विपरीत डिजिटल (Digital) रीडिंग होती है। इलेक्ट्रॉनिक मीटर बहुत अधिक सक्षम होते हैं और ये बिजली की हर सूक्ष्म खपत की गणना करते हैं।
स्मार्ट मीटर (Smart Meter) : स्मार्ट मीटर विद्युत मीटर के प्रकार में एक नवीनतम व परिवर्तनात्मक मीटर हैं। वैसे तो ये इलेक्ट्रॉनिक मीटर की तरह ही लगते हैं, परन्तु वास्तव में यह दोनों प्रकार के विद्युत मीटर की तुलना में बेहतर ही होते हैं क्योंकि वे बाकी मीटर की तरह नियमित एवं सामान्य सेवाएं प्रदान करने के साथ, ये बिजली कंपनी से इंटरनेट (Internet) के द्वारा जुड़े भी रहते हैं।
निम्न कुछ तरीके हैं जिससे आप अपना बिजली का बिल कम कर सकते हैं :-
1) घर को और अधिक इंसुलेट (Insulate) करें : इन्सुलेशन (Insulation) वह सुरक्षा है जो आपके घर को सही तापमान को बनाए रखने में सक्षम बनाता है, ठंड के महीनों के दौरान गर्मी और गर्मी के महीनों के दौरान ठंड दोनों, और साथ ही यह बिजली की बचत भी करता है।
2) आरामदायक कपड़े पहनें : यह न केवल आपको आराम देगा बल्कि मौसम के अनुसार उपयोग किए जाने वाले उपकरणों का भी कम इस्तेमाल करवाएगा जैसे एसी (AC), हीटर (Heater) आदि।
3) एयर फिल्टर (Air Filter) को आवश्य बदलें : एयर फिल्टर का उद्देश्य धूल और पराग की तरह गंदगी को पकड़ना और वातावरण में स्वच्छ हवा को प्रसारित करना होता है। यह एचवीएसी (HVAC) को उचित कार्य करने में मदद करता है।
4) साथ ही बिजली बचाने के लिए उपकरणों का बारी-बारी से उपयोग करें, कपड़ों को ठंडे पानी में धोएं, अपने उपकरणों की अच्छे से जांच करें।
वहीं हम में से अधिकांश लोगों ने बीईई स्टार रेटिंग (BEE Star Rating) 2019 के बारे में देखा और सुना होगा, तो चलिए जानते हैं कि ये क्या है और यह हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है। बीईई स्टार रेटिंग योजना मई, 2006 में माननीय ऊर्जा मंत्री द्वारा शुरू की गई थी और वर्तमान में एयर कंडीशनर (Air Conditioner), पंखे, कलर टेलीविज़न (Colour Television), कंप्यूटर (Computer), फ्रिज (Fridge), डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर (Distribution Transformer), डीज़ल इंजन (Diesel Engine), इंडस्ट्रियल मोटर (Industrial Motor), मोनोसैट पंप (Monoset Pump), स्टेशनरी टाइप वॉटर हीटर (Stationary Type Water Heater), वॉशिंग मशीन (Washing Machine), सॉलिड स्टेट इन्वर्टर (Solid State Inverter), प्रिंटर (Printer), डीज़ल जेनरेटर सेट (Diesel Generator Set), एलईडी लैंप (LED Lamp), घरेलू गैस स्टोव (Gas Stove), कृषि पंपसेट आदि जैसे उपकरणों के लिए लागू की गई है।
स्टार रेटिंग एक उपकरण की ऊर्जा दक्षता का एक माप होता है, जितनी ज़्यादा रेटिंग एक उपकरण में पाई जाती है उतनी कम बिजली की खपत उस उपकरण द्वारा की जाती है और उतनी बेहतर बिजली की बचत होती है। वहीं सर्वोत्तम ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बईई) ने 1 जनवरी 2018 से भारत में निर्मित और बेचे जाने वाले एयर कंडीशनर के लिए एक नई स्टार रेटिंग पद्धति को शुरू किया था, जिसे भारतीय मौसमी ऊर्जा कुशल अनुपात या आई.एस.ई.ई.आर कहा जाता है। इसे ठंडा करने की ऊर्जा दक्षता के रूप में परिभाषित किया गया है।
यदि हमें यह मालूम हो जाए कि हमारे घर में उपयोग किये जाने वाले उपकरण कितनी बिजली की खपत करते हैं तब अधिकांश लोगों द्वारा बिजली की अधिक बचत की जा सकती है। निम्न तालिका में कुछ सामान्य बिजली की खपत करने वाले उपकरणों और उपकरणों की प्रति वर्ष बिजली की लागत की एक झलक है:
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2J9owMt
2. https://paylesspower.com/blog/how-to-lower-your-electric-bill/
3. https://www.beeindia.in/bee-star-rating/
4. https://www.visualcapitalist.com/what-uses-the-most-energy-home/
5. https://www.sparkenergy.com/en/blog/archive/appliance-electricity-usage-guide/
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