जौनपुर का त्रिलोचन महादेव मंदिर है शिव भक्ति का केंद्र

जौनपुर

 17-10-2019 10:42 AM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

जौनपुर एक प्राचीन शहर है तथा इसकी ऐतिहासिकता उत्तरी चिकनी काली मृद्भांड परंपरा या लौह युग तक जाती है। यह तथ्य ये ज़रूर ही बता देता है कि जौनपुर कमसकम 4,000 वर्ष पुराना तो है ही। जौनपुर में यदि मंदिर वास्तुकला की बात की जाए तो यहाँ पर सबसे ज़्यादा कार्य प्रतिहारों ने किया था जिनका कार्यकाल 7वीं शताब्दी से लेकर 12वीं शतब्दी माना जाता है। बगौझर की सूर्य प्रतिमा, तेज़िबजार में स्थित मंदिर के अवशेष आदि इसके परिचायक हैं। यदि उत्तर प्रदेश पुरातत्त्व की 2014 की रिपोर्ट देखें जो कि जौनपुर की 4 तहसीलों पर आधारित है तो करीब 100 से अधिक प्राचीन मंदिरों की प्रमाणिकता यहाँ से मिलती है। शिवम् दुबे के अन्वेषणों को यदि देखा जाए तो उन्होंने भी करीब 50 से ज़्यादा मंदिरों और पुरातात्विक स्थलों को इंगित किया है। जौनपुर नदियों की नगरी कही जाती है, कारण है यहाँ पर बहने वाली 5 प्रमुख नदियाँ- सई, गोमती, बसुही, वरुणा और पीली। इन नदियों के अलावा यहाँ पर अनेकों प्राकृतिक नाले और तालाब आदि हैं जो यहाँ की ऐतिहासिकता का बखान करते हैं।

जौनपुर मुख्य रूप से शिव सम्प्रदाय से सम्बंधित जिला है। यहाँ पर शिव के अलावा शक्ति की भी पूजा बड़ी संख्या में होती है। शिव मंदिरों की बात की जाए तो यहाँ का त्रिलोचन महादेव मंदिर अत्यंत ही पौराणिक महत्वों वाला है। त्रिलोचन महादेव मंदीर जौनपुर के जलालपुर थाने क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर आस्था का एक प्रमुख केंद्र है तथा यहाँ जौनपुर, लखनऊ और बनारस तीनों स्थानों से आराम से आया जा सकता है। इस मंदिर की वास्तुकला की बात की जाए तो यह उत्तर भारत में प्रचलित नागर मंदिर शैली पर आधारित है, जिसमें मंदिर के शिखर और उरुशिखर दर्शित है।

इस मंदिर से सम्बंधित कई लोककथाएं यहाँ पर प्रचलित हैं जो कि इस मंदिर की समृद्धि को और यहाँ पर स्थित लोगों के इससे जुड़े विशवास को प्रदर्शित करती हैं। एक कथा के अनुसार यह वही स्थान है जहाँ पर भगवान् शंकर ने भश्मासुर को भस्म किया था। और उसी कारण से यहाँ पर यह मंदिर स्थापित है। मंदिर के वाह्य स्वरूप को देखें तो यह अत्यंत ही नवीन प्रतीत होता है। विभिन्न पुराणों में इस मंदिर के विषय में वक्तव्य मौजूद हैं। एक अन्य कथा के अनुसार यह मंदिर दो गाँवों के मध्य में विराजित था और एक गाँव वाले इस मंदिर को अपनी सीमा में लेने के लिए मार पीट पर भी उतारू हो गए थे। कुछ वृद्ध जनों ने यह उक्ति बताई कि मंदिर के कपाट को बंद कर दिया जाए और भगवान् को खुद ही निर्धारित करने दिया जाये कि वे किस गाँव में स्थित हैं और जब कुछ समय के बाद कपाट खोले गए तो सभी आश्चर्य चकित हो गए और देखा कि शिवलिंग एक तरफ झुका हुआ था और इससे यह मान लिया गया कि यह मंदिर उस गाँव से सम्बंधित है जिस तरफ यह लिंग झुका हुआ है। ये दोनों गाँव थे रेहटी और डिंगुरपुर और शिवलिंग रेहटी की ओर झुका था।

एक कथन के अनुसार यहाँ का जल कुंड सई नदी से जुड़ा हुआ है और इसकी तलहटी में सेवार घास पायी जाती है जो कि मात्र नदियों में ही पायी जाती है। इस कुंड में नहाने से कई चर्म रोग भी ख़त्म हो जाते हैं ऐसी मान्यता यहाँ पर प्रचलित है। एक अन्य कथन के अनुसार इस मंदिर की सुरक्षा सर्प करते हैं। अभी हाल ही में आकाशीय बिजली के कारण मंदिर का शिखर टूट गया और मंदिर पर स्थित त्रिशूल भी क्षतिग्रस्त हो चुका है।

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/33FN1sm
2. https://bit.ly/31m9Gsn
3. https://www.jagran.com/uttar-pradesh/jaunpur-10619246.html
4. https://bit.ly/33yETtG
5. सुभास चन्द्र यादव, जौनपुर जिले का अन्वेषण 2012-14, उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग, बनारस संभाग।
6. जौनपुर एक खोज भाग 1-14, शिवम् दुबे (https://bit.ly/2P0DloB)



RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id