आज 2 अक्टूबर के इस दिन को हम गांधी जयंती के रूप में मना रहे हैं। यह दिन विशेष रूप से ऐसे व्यक्तित्व की याद दिलाता है जिसने अपनी सुख सुविधाओं को छोड़कर भारत की स्वतंत्रता के लिए जी-जान लगा दी। उनके द्वारा किए गये अथक प्रयास इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये सभी प्रयास अहिंसा और शांति पर आधारित थे जिस कारण आज पूरे विश्व में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी नैतिकता और बुद्धिमता के धनी थे और यही कारण है कि वे भारत को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराने में सक्षम हो पाये। गांधी जी ने अपने सफर की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में एक वकील के रूप में की, जहां उन्होंने नागरिक अधिकारों के लिए स्थानीय भारतीय समुदाय के संघर्ष में उनका साथ दिया। जब वह 1915 में भारत लौटे तो यहां की दयनीय दशा को देखकर उन्होंने निम्न वर्गों के लिए एक अच्छा जीवन बनाने की अपनी इच्छा को आगे बढ़ाया। इसके बाद गांधी जी स्वतंत्रता का समर्थन करने वाली राजनीतिक पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक नेता के रूप में शामिल हुए जिसके द्वारा उन्हें विभिन्न भारतीय समुदायों के स्थानीय संघर्षों के बारे में जानने के लिए व्यापक रूप से यात्रा करने का अवसर प्राप्त हुआ। ऐसा माना जाता है कि इस दौर तक गांधी जी भारतीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो चुके थे। अपने ही गुजरात प्रांत में अत्यधिक गरीबी और अकाल को झेलते हुए, गांधी ने इस क्षेत्र की सफाई करने, नए स्कूल स्थापित करने और अस्पतालों के निर्माण की पहल की। गांधी जी तब बहुत अधिक प्रसिद्ध हुए जब उन्होंने 1920 के दशक में असहयोग आंदोलन की शुरूआत की जिसमें ब्रिटिश वस्तुओं और परंपराओं का बहिष्कार करने और आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया गया था। 1930 में गांधी जी द्वारा किए गये नमक आंदोलन से वे और भी अधिक लोकप्रिय और प्रसिद्ध हो गये थे। इस आंदोलन का जिक्र विश्व के लगभग सभी समाचार पत्रों में किया गया था।
जब भारत को अंततः 1947 में पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई तब गांधी जी 78 वर्ष के हो चुके थे। किन्तु इस आयु तक उनकी प्रसिद्धि दुनिया भर में फैल गयी थी। आज युद्ध-विरोधी प्रदर्शनकारी और लेखक उनके द्वारा प्रदान किए गए कई दिलचस्प उद्धरणों के लिए गांधी को एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में मानते हैं। अपनी मृत्यु के 20 साल बाद भी, गांधी का संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास पर गहरा प्रभाव पड़ा। गांधी जी के अहिंसा दर्शन ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर जोकि अमेरिका के एक पादरी और आन्दोलनकारी थे, को बहुत प्रभावित किया क्योंकि अहिंसा अमेरिका में नस्ल संबंधी समस्याओं का एकमात्र तार्किक दृष्टिकोण बना। उन्होंने गांधी जी के विचारों और भावनाओं से प्रेरणा ली और अमेरिका में सबसे अधिक दिखाई देने वाले प्रवक्ता और नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता बन गए। उन्होंने 1955 में मोंटगोमरी बस बहिष्कार (Montgomery bus boycott) के दौरान अहिंसक अभियान लागू किया, जिससे लाखों अफ्रीकी अमेरिकियों को नागरिक स्वतंत्रता के लिए लड़ने में मदद मिली। नेल्सन रोलीहला मंडेला जोकि 1994 से 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के प्रधानमंत्री और एक क्रांतिकारी राजनीतिज्ञ थे, उन्हें लोकप्रिय रूप से "दक्षिण अफ्रीका के गांधी" के रूप में जाना जाता है। उन्होंने गांधी जी के अहिंसात्मक सविनय अवज्ञा आंदोलन के सिद्धांतों का पालन किया। उन्होंने कहा कि -"मैं महात्मा गांधी जी द्वारा निर्धारित गरीबों के लिए नैतिकता, सरलता और प्रेम के मानक तक नहीं पहुंच सका। गांधी जी में कोई भी कमजोरी नहीं थी किंतु मुझ में कई कमजोरियां हैं।" एक ब्रिटिश गायक, गीतकार, संगीतकार, प्रसिद्ध संगीत बैंड "द बीटल्स (the Beatles)" के सह-संस्थापक जॉन लेनन ने गांधी जी के प्रभाव को अपने संगीत के रूप में संदर्भित किया। अपनी पत्नी योको ओनो के साथ, लेनन ने दुनिया में अहिंसक बातचीत के पक्ष में आवाज उठाई। इसी प्रकार वर्तमान और 14 वें दलाई लामा भी महात्मा गांधी के अनुयायी हैं जिन्होंने अपने भारत दौरे पर कहा कि- “यह देखकर खुशी होती है कि इतने वर्षों के बाद भी, गांधीजी के मूल्य, विचारधारा और सिद्धांत भारतीय जीवन शैली में गहरे निहित हैं"।
इस प्रकार हम देख सकते हैं कि न जाने कितने ही ऐसे भारतीय और गैर-भारतीय लोग हैं जो गांधी जी को अपना आदर्श मानते हैं तथा उनकी धर्म और अहिंसा भावना से प्रेरणा लेते हैं। यही कारण हैं कि जिन देशों में गांधी जी गये भी नहीं उन देशों में उनकी प्रतिमाएं आदर्श रूप में लगायी गयी हैं। उदाहरण के लिए वाशिंगटन डीसी (Washington DC) में भारतीय दूतावास के सामने गांधी जी की प्रतिमा को स्थापित किया गया है जिसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा 16 सितंबर, 2000 में किया गया था। मार्टिन लूथर किंग मेमोरियल सिटी पार्क (Martin Luther King Memorial City Park), कैलिफोर्निया स्थित फ्रेस्नो स्टेट यूनिवर्सिटी (Fresno State University) में गांधी जी की विभिन्न प्रतिमाएं लगी हुई हैं। डेवी फ्लोरिडा (Davie Florida) में गांधी की सात फुट लंबी कांस्य की प्रतिमा स्थापित की गयी है जिसका अनावरण पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा 2012 में किया गया था। 2017 में इलिनॉयस (Illinois) में गांधी जी की एक प्रतिमा लायंस इंटरनेशनल (Lions International) के मुख्यालय में भी स्थापित की गई थी।
संदर्भ:
1. https://www.livescience.com/2851-gandhi-changed-world.html
2. https://bit.ly/2md8Xv7
3. https://gandhi.gov.in/
4. https://www.wionews.com/photos/gandhis-global-influence-477#a-human-with-no-weakness-55755
5. http://biography-mahatmagandi.blogspot.com/p/followers-and-international-influence.html
6. https://bit.ly/2oh5f43
सन्दर्भ:-
1. https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Gandhi_1908.jpg
2. https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Stafford_Cripps_and_Mahatma_Gandhi_(1).jpg
3. https://bit.ly/2oR0YEO
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.