कैमरा विज्ञान द्वारा खोजा गया एक ऐसा आविष्कार है जिसने पूरी दुनिया को एक नयी दिशा प्रदान कर दी। आज से हजार वर्ष या उससे भी पहले लोग मूर्तियाँ या चित्र बना कर अपनी यादों को सहेजते थे। यह प्रक्रिया अत्यंत ही बड़ी प्रक्रिया थी परन्तु फिर धीरे-धीरे बदलाव और वैज्ञानिक प्रयोग होने लगें जिन्होंने आज हमें ऐसे स्थान पर खड़ा कर दिया है जहाँ पर प्रत्येक व्यक्ति को कैमरा का ज्ञान हो चुका है। अब यह जानना लाजमी सा हो जाता है की आखिर कैमरा क्या होता है और इसकी ऐतिहासिकता क्या है? कैमरा एक ऐसा यंत्र है जो की प्रकाश के संयोग से स्थिर, अस्थिर एवं चलचित्रों को विभिन्न लेंसों के सहारे खींचता है। ऊपर दिए गये मुख्य चित्र के माध्यम से हमने कैमरा ऑब्स्क्योरा की कार्य प्रणाली को प्रदर्शित करने की कोशिश की है ( मुख्य चित्र में कैमरा ऑब्स्क्योरा में प्रयोग में लाया गया दृश्य डेनियल द्वारा चित्रित अटाला मस्जिद का दृश्य है)।
कैमरा शब्द लैटिन के कैमरा ऑब्स्क्योरा शब्द से हुई है। कैमरा ओब्स्क्योरा का शाब्दिक अर्थ होता है अँधेरा कमरा। यदि शुरूआती कैमरों की तकनिकी देखि जाए तो वह अँधेरे बक्से या कमरे का निर्माण कर के ही कैमरों का निर्माण किया जाता था। हम पुरानी फिल्मों में अक्सर देखते हैं की फोटो खीचने वाला कैमरा एक बक्से की तरह हुआ करता था जिसमे कैमरामैन एक चद्दर से अपना सर ढक कर फोटो खीचा करता था। इस पहले कैमरे के आविष्कार का श्रेय इराकी वैज्ञानिक इब्न-अल-हजैन को जाता है जिन्होंने करीब सन 1015-1021 ई. मे किया था। वहीँ चल कैमरा या पोर्टेबल कैमरे का आविष्कार रॉबर्ट बॉयल और रॉबर्ट हुक ने सन् 1660 के दशक में किया था। यही पोर्टेबल कैमरा आज कई बदलाव लेते हुए डिजिटल कैमरे का रूप ले चुका है।
एक अन्य कैमरा भी 19वीं शताब्दी के शुरुआत मे खोजा गया था जिसे कैमरा ल्युसीडा या प्रकाश चित्रक नाम से जाना जाता था। इसकी खोज सन् 1807 ई. मे वुलैस्टिन ने की थी। जौनपुर के कई छायाचित्र इसी तकनीकि के द्वारा बनाए गए हैं। जिसमें जौनपुर के अटाला व शाही किला प्रमुख हैं। डैनियल्स ने जौनपुर की प्राचीनतम छायाचित्रों का निर्माण किया था जो आज भी संग्रहालयों में विद्यमान हैं। अटाला मस्जिद का छायांकन डैनियल्स ने सन् 1802 ई. मे किया था। अब यदि कोई व्यक्ति कैमरा ओब्स्कुरा बनाना चाहता है तो आखिर यह बनेगा किस प्रकार से? यह आवश्यक है जानना की कैमरे का इतिहास बदला तथा कई भिन्न प्रकार के कैमरे आये परन्तु उनकी कार्य शैली आजभी ओब्स्कुरा की तरह ही है।
आइये अब जानते हैं की आखिर कैमरा ऑब्स्क्योरा का सरेअल बॉक्स कैसे बनाया जाता है? यह बनने में करीब 20 मिनट का समय लेता है तथा इसमें एक खाली डिब्बा, टेप, कैंची और पिन का प्रयोग किया जाता है। अब यह बनाने के लिए डिब्बे के ऊपर चौरस के आकार के अनुरूप डिब्बे को काट लिया जाता है तथा डिब्बे के अन्दर टेप को चिटका दिया जाता है जो की स्क्रीन का कार्य करता है अब डिब्बे के पिछले हिस्से में छेद कर दिया जाता है अब आपका कैमरा ऑब्स्क्योरा तैयार है। विभिन्न प्रकार के अन्य तकनीकों और प्रकारों के भी ओब्स्कुरा बनाए जाते हैं जिनके बारे में दिए गए लिंक को पढ़ा जा सकता है। वास्तविकता में ऑब्स्क्योरा बनाना आज के समय में एक अत्यंत आसान कार्य हो गया है जो की कभी एक अत्यंत मुश्किल भरा कार्य हुआ करता था।
सन्दर्भ:-
1. https://www.tamron.eu/magazine/blog/detail/camera-obscura-328/
2. https://pinholephotography.org/camera%20obscurer.htm
3. https://rampur.prarang.in/posts/640/Photo-of-Atala-Masjid-was-taken-in-1802
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Camera_obscura
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