किलों के मुख्य 6 प्रकार होते हैं उनमे से एक है थल दुर्ग या थल किला। यह किले सपाट जमीन पर बनाये जाते थे। चित्र-1 मे प्रस्तुत किला, लाल किला है जो मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा सन् 1639 मे बनवाया गया था। लाल किले का नाम लाल किला इसमे प्रयुक्त लाल पत्थरों की वजह से पड़ा। वर्तमान मे इस किले से ही ध्वजारोहण किया जाता है। स्थलदुर्गों की यदि बात की जाये तो इनके मुख्य अंगों मे इनकी ऊँची चहारदिवारी, मानव निर्मित नहर सुदृढ बुर्ज व नुकीले दिवारों के अलावा इनमें अन्य कई प्रकार की सुरक्षा के लिये दीवारों व खुले स्थानों का निर्माण किया जाता था। यह किले खुले सपाट मैदान पर होते हैं इस वजह इनके पास प्राकृतिक सुरक्षा का अभाव होता है। उत्तर भारत (वर्तमान का पाकिस्तान भी) मे कई किलों का निर्माण हुआ है जैसा की यह क्षेत्र गंगा, यमुना, सिन्धु नदियों के आसपास का है तो यहाँ पर बने किले ज्यादातर जमीनी किले या थल किले ही होते हैं।
उत्तर भारत व पाकिस्तान के प्रमुख स्थल दुर्ग-
1. लाल किला दिल्ली
2. आगरा किला, आगरा
3. पुराना किला, दिल्ली
4. लाहौर का किला, लाहौर
5. तुगलकाबाद का किला, तुगलकाबाद
6. जौनपुर का किला
7. अकबर का किला, इलाहाबाद
8. दरावड़ का किला, बहावलपुर पाकिस्तान आदि।
उपरोक्त दिये गए किलों मे जौनपुर का किला (चित्र-2) एक मानव निर्मित टीले पर बनाया गया है जिससे यह ऊँचाई पर दिखाई देता है। ऊँचाई पर बनाये जाने के कारण इस किले के चारो ओर नहरों का निर्माण नही किया है। इस किले को एक तरफ से गोमती नदी से सुरक्षा प्राप्त होती है। अकबर का किला इलाहाबाद गंगा व यमुना के संगम पर बनाया गया है जो इसको व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण (सुरक्षा के दृष्टि से भी) सुरक्षा प्रदान करती हैं। दरावड़ का किला बहावलपुर का मुख्य अंग इसकी ऊँची दीवारे हैं जो मोटे बुर्जों द्वारा सुरक्षित की गयी हैं। थल दुर्ग उत्तर भारत मे बहुतायता से पाए जाते हैं। उपरोक्त दिए गए नामों के अलावा और भी किले हैं- रामनगर का किला, किला मुबारक, किला राय पिथौरा आदि।
1. फोर्टीफाईड सिटीज़ ऑफ़ इंडिया- ए कम्पेरेटिव स्टडी: डाइटर श्लिंग़लोफ़
2. द फोर्टीफाईड सिटीज़ ऑफ़ इंडिया: सिडनी टॉय