टमाटर की उत्‍पत्ति और उसका विकास

जौनपुर

 23-08-2019 12:56 PM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

जौनपुर की अर्थव्‍यवस्‍था का एक बड़ा हिस्‍सा कृषि से आता है। यहां आलू की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है जिसने पेप्सीको (Pepsico), पार्ले (Parle) जैसी कंपनियों (Companies) को अपनी ओर आकर्षित किया है। जौनपुर की भौगोलिक स्थिति आलू के उत्‍पादन के लिए अनुकूलित है। जौनपुर में प्रति हेक्टेयर 121 क्विंटल आलू की पैदावार हो जाती है। अपने बहुमुखी गुणों के कारण आलू को भारत में सब्‍जियों के राजा की श्रेणी में रखा जाता है। आलू एकमात्र ऐसी सब्‍जी है जिसे लगभग हर सब्‍जी के साथ उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही सिर्फ आलू से तैयार किए गए व्‍यंजन भी खाने का जायका बढ़ा देते हैं। इसके साथ ही एक और सब्‍जी ऐसी है जिसका उपयोग लगभग संपूर्ण विश्‍व में किया जाता है तथा जो भारत की भी हर रसोई का हिस्‍सा है।

आप अनुमान लगा ही चुके होंगे कि हम यहां पर टमाटरों की बात कर रहे हैं। टमाटर की उत्‍पत्ति कब, कहां और कैसे हुयी इसका स्‍पष्‍ट इतिहास तो किसी के पास मौजूद नहीं है, किंतु एक धारणा सर्वमान्‍य है कि इसकी उत्‍पत्ति दक्षिण अमेरिका से हुयी तथा यहीं से यह उपनिवेशियों के द्वारा संपूर्ण विश्‍व में फैलाया गया। तथा अपने स्‍वाद और पौष्टिकता (विटामिन ए, सी, ई, और एंटीऑक्सीडेंट/Antioxidant से भरपूर) के कारण यह विश्‍व में अपना स्‍थान बनाने में सफल रहा। मीज़ोअमेरिका (Mesoamerica) के देशों में इसे घरेलू फसल के रूप में वि‍कसित किया गया तथा 500 ईसा पूर्व तक इसका उपयोग शुरू हो गया।

यूरोप को टमाटर से क्रिस्टोफर कोलंबस ने परिचित कराया जो खुद 1493 में इसके संपर्क में आये थे। यूरोप में स्‍पेन से टमाटर की कृषि को प्रोत्‍साहन दिया गया। 19वीं सदी की शुरूआत में टमाटर अंततः एशिया पहुंचा। एशिया में इसकी खेती सीरिया से प्रारंभ हुयी और देखते ही देखते 19वीं सदी के मध्य तक, टमाटर का सीरिया, ईरान और चीन में व्यापक रूप से उपयोग प्रारंभ हो गया।

पाक कला में भारत का इतिहास काफी समृद्ध रह चुका है, जिसके ज़ायके में टमाटर ने चार चांद लगा दिए। जिस तरह भारत ने यूरोपियों को मसालों से परिचित कराया उसी प्रकार भारतियों को टमाटर से यूरोपियों ने परिचित कराया। यह माना जाता है कि 16वीं सदी में पुर्तगाली मसाला व्‍यापारियों द्वारा टमाटर भारत में लाया गया। प्रारंभ में भारत में टमाटर यूरोपीयों के खाने में उपयोग किए जाते थे, हालांकि बंगालियों और बर्मा के लोगों ने अपनी खट्टी करी में इसका उपयोग किया। भारत के पारंपरिक भोजन में खटास का विशेष महत्‍व है, जिसके लिए इमली, कोकम, सिरका, अमचूर, अनारदाना, दही आदि का उपयोग किया जाता था, आगे चलकर इनमें टमाटर भी शामिल हो गया। कई भारतीय पारंपरिक खाद्य पुस्तकों में टमाटर को विशेष स्‍थान दिया गया है, जो भोजन को खटास देने के साथ-साथ उसके ज़ायके में भी परिवर्तन कर देता है। हेरोल्ड मैकगी जैसे खाद्य वैज्ञानिक के अनुसार टमाटर की भित्ती में कई प्राकृतिक पायसीकारी और स्थिरक होते हैं, जो उच्‍च तापमान पर पकने पर ही निष्‍कासित होते हैं। भारत के अधिकांश रसोइया प्याज़-लहसुन के साथ टमाटर को पकाते हैं तो यह व्यंजन में अम्लता छोड़ता है तथा अन्‍य मसालों के लिए आधार बनता है। इसके साथ ही टमाटर से सॉस (Sauce), चटनी इत्‍यादि भी तैयार की जाती हैं जिसका आज विश्‍व में एक बहुत बड़ा व्‍यवसाय किया जा रहा है।

2009 में, दुनिया भर में टमाटर का उत्पादन 15.83 करोड़ टन हो गया था, जो पिछले वर्ष से 3.7% अधिक था। इसका सबसे बड़ा उत्‍पादक चीन (विश्‍व के कुल उत्‍पादन का 24%) था। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, तुर्की, भारत, मिस्र और इटली थे।

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/2HksYXP
2.https://bit.ly/1y1x7D2
3.https://bit.ly/2HyzPNJ
4.https://bit.ly/2Mvj21S



RECENT POST

  • महावीर जयंती पर जानिए जैन महाभारत में कितने दिलचस्प हो जाते हैं, श्री कृष्ण
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     20-04-2024 09:52 AM


  • प्राचीन भारतीय पाली व खरोष्ठी लिपियां साझा करती हैं, एक गहन इतिहास
    ध्वनि 2- भाषायें

     19-04-2024 09:30 AM


  • प्राचीन समय में यात्रियों का मार्गदर्शन करती थी, कोस मीनारें , इसलिए है हमारी धरोहर
    वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

     18-04-2024 09:28 AM


  • राम नवमी विशेष: जानें महाकाव्य रामायण की विविधताओं और अंतर्राष्ट्रीय संस्करणों का मेल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     17-04-2024 09:28 AM


  • टहनियों के ताने-बाने से लेकर, जौनपुर की सुंदर दरियों तक, कैसा रहा बुनाई का सफर?
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     16-04-2024 09:15 AM


  • विश्व कला दिवस पर जानें, कला का समाज से क्या है संबंध? एवं कलाकार की भूमिका
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     15-04-2024 09:26 AM


  • ये सभी जीव-जानवर हो चुके हैं भारत से विलुप्त, करते थे कभी दुनिया पर राज
    शारीरिक

     14-04-2024 08:33 AM


  • अंबेडकर जयंती पर जानिए आजकल उपयोग होने वाले जातिसूचक शब्दों का सही अर्थ, संदर्भ व् इतिहास
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     13-04-2024 08:48 AM


  • सरदार उधम सिंह ने बैसाखी के दिन घटे जलियांवाला बाग नरसंहार का अध्याय कुछ ऐसे किया समाप्त
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     12-04-2024 09:20 AM


  • ईद के मौके पर जानें रमज़ान में चाँद का है क्या महत्व?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     11-04-2024 09:06 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id