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नदियां हमारे पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जहां जल के स्रोत के रूप में इन्हें जाना जाता है वहीं विभिन्न संगमों के लिए भी नदियां प्रसिद्ध होती हैं। संगम एक ऐसा जलप्रवाह या नदी प्रवाह है जो दो या दो से अधिक नदियों के मिलने से बनता है। दूसरे शब्दों में दो नदियां मिलकर जिस स्थान पर एकल प्रवाह बनाती हैं, उसे संगम कहते हैं। संगम सामान्यतः दो छोटी नदियों के सम्मिश्रित होने के परिणामस्वरूप होता है जो मिलकर एकल प्रवाह बनाता हैं।
संगम नदी के हाइड्रोडायनामिक्स (hydrodynamics) के छह अलग-अलग क्षेत्र होते हैं जिनमें ठहराव क्षेत्र, प्रवाह पहचान क्षेत्र, प्रवाह पृथक्करण क्षेत्र, अधिकतम वेग क्षेत्र, और परत क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों को संगम प्रवाह क्षेत्र भी कहा जाता है जो काफी हद तक एक दूसरे से अलग होते हैं। अफ्रीका में संगम पश्चिम, दक्षिणी और उत्तरी अफ्रीकी राज्यों में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए पश्चिम अफ्रीका में बेन्यू (Benue) नदी और नाइजर (Niger) नदी का संगम, दक्षिणी अफ्रीका में चोब (chobe) नदी और ज़म्बेजी (Zambezi) नदी का संगम, तथा सूडान की राजधानी खारतूम में सफेद नील नदी और नीली नील नदी का संगम बहुत प्रसिद्ध है। इसी प्रकार एशिया में भी दक्षिणी इराक़ में युफरेट्स (Euphrates) और टाइग्रिस (Tigris) नदी का संगम, भारत में भागीरथी और अलकनंदा नदी का संगम को विशेष रूप से जाना जाता है।
भागीरथी और अलकनंदा नदी के संगम से गंगा नदी अस्तित्व में आती है। यूं तो प्रायः दो संगम ही देखे जाते हैं किंतु प्रयागराज, इलाहबाद शहर के पास तीन नदियों का संगम होता है जिसे त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर तीन नदियों गंगा, यमुना, और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है। यह हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थल है जहां तीर्थयात्री आस्था की डुबकी लगाते हैं।
संगम समाजिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन संगमों के तटों का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और धार्मिक मंदिरों की स्थापना के लिए किया जाता है। राजनीतिक रूप से ऐसी नदियाँ राष्ट्रों, शहरों और प्रांतों के बीच सीमाओं के रूप में कार्य करती हैं। इन संगमों के तटों पर सार्वजनिक पार्क, महत्वपूर्ण स्मारक और सुंदर इमारतें भी बनी होती हैं जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।
संगम के संदर्भ में ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि नदियों के आपस में मिलने के बाद भी इनका रंग परिवर्तित नहीं होता। इसका महत्वपूर्ण उदाहरण अमेज़न (Amazon) नदी की दो बड़ी सहायक नदियां नीग्रो (Negro) और सोलीमेस (Solimoes) हैं जो उत्तरी ब्राजील में अमेज़न की राजधानी मनौस (Manaus) से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पहली नदी सोलिमेस रेत, कीचड़ और गाद के साथ प्रवाहित होती है जिस कारण यह मैली या हल्के भूरे रंग की दिखाई देती है। दूसरी नदी नीग्रो नदी है जिसमें फिनोल (phenol) युक्त वनस्पतियों के टूटने से ह्यूमिक (Humic) अम्ल उत्पन्न होता है जिस कारण यह कुछ हद तक काले रंग की होती है। ये नदियां आपस में मिलकर भी पूर्ण रूप से सम्मिश्रित नहीं होती हैं क्योंकि इनकी प्रवाह गति, घनत्व और तापमान में बहुत अधिक अंतर होता है।
सोलीमेस नदी का प्रवाह तेज और घनत्व उच्च होता है वहीं दूसरी ओर नीग्रो नदी का प्रवाह धीमा तथा घनत्व कम होता है जिस कारण दोनों संगम के बाद लगभग 6 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आपस में सम्मिश्रित होती हैं। इस प्रकार नदियों का भिन्न-भिन्न रंग उनकी प्रवाह गति, घनत्व, तापमान और संघटन पर निर्भर होता है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/33DO0Kt
2. https://bit.ly/2NL9Xjx