जौनपुर से प्राप्‍त 9वीं शताब्‍दी ईसा पूर्व के मृदभाण्‍ड

जौनपुर

 17-07-2019 01:42 PM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

जौनपुर अपने मध्यकालीन इतिहास, पुरातत्व और वास्तुकला के लिए जाना जाता है, किंतु इसके प्राचीन कालक्रम को जानने के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि स्‍थानीय लोगों द्वारा अक्‍सर बताया गया कि उन्‍हें अपने घर बनाते समय यहां से काले चमकदार मिट्टी के बर्तन मिले थे। वर्ष 2014 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सारनाथ सर्कल (Sarnath Circle) के एक समूह ने जौनपुर किले के अंदर एक वैज्ञानिक पुरातत्व खुदाई की, तथा इसका अध्ययन किया।

खुदाई के लिए किले को तीन अलग-अलग भागों में बांट दिया गया था:
(i)
शाही किले के सबसे ऊपरी हिस्‍से के तुर्की हम्माम का दक्षिणी भाग
(ii) शाही किले के मुख्य द्वार का पूर्वी भाग
(iii) दक्षिण-पश्चिम की ओर से लगभग 50 मीटर की दूरी पर स्थित बालूघाट या उनचेपर

इस दौरान बालूघाट टीले में नोर्दन ब्‍लेक पॉलिश वेयर (Northern Black Polished Ware -NBPW) प्राप्‍त हुए। एन.बी.पी.डब्‍ल्‍यू. मुख्‍यतः भारतीय उपमहाद्वीप की एक नगरीय लौह युग की संस्कृति है। यह 700 ईसा पूर्व में शुरू हुयी तथा 300 ईसा पूर्व तक अपने चरम पर पहुंची। नये पुरातत्‍वविदों ने इसकी कालावाधि 1200 ईसा पूर्व बताई गयी। एन.बी.पी.डब्‍ल्‍यू. वास्‍तव में कुलीन वर्गों द्वारा उपयोग की जाने वाली काले चमकीले बर्तनों की विशिष्‍ट शैली है। यह अवधि सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद से भारतीय उपमहाद्वीप के पहले बड़े शहरों के उद्भव से जुड़ी है। विद्वानों द्वारा एन.बी.पी.डब्ल्यू. और बहुत पहले हड़प्पा संस्कृतियों के बीच समानताएं देखी गयी हैं, जिनमें हाथीदांत, पासा तथा कंघी और वजन की एक समान प्रणाली, वास्तुकला में मिट्टी, पक्‍की ईंटों और पत्थर का उपयोग आदि शामिल हैं।

किले की खुदाई की तीसरी परत से लकड़ी के कोयले के नमूने प्राप्‍त हुए। इस परत के माध्‍यम से जौनपुर के एन.बी.पी.डब्‍ल्‍यू. की एक वैज्ञानिक तिथि आंकने में सहायता मिली। किंतु यहां सिमित क्षेत्र में खुदाई करने के कारण तिथि निर्धारण में कुछ सीमाएं भी हैं। इसके साथ ही यहां से अन्‍य विभिन्‍न प्रकार के पात्र जैस लाल मृद-भाण्‍ड (रेड वेयर - Red Ware), लाल ध्‍वस्त मृदभाण्‍ड, चमकीले बर्तन, काले ध्‍वस्‍त मृदभाण्‍ड, धूमिल भूरे मृदभाण्‍ड आदि भी प्राप्‍त हुए।

परत 3 को छोड़कर जिसमें से लकड़ी के कोयले के नमूने एकत्र किए गए थे, अन्य सभी परतों अर्थात् 4, 5 और 6 को प्राचीन काल के काले और लाल बर्तन और इनसे सम्बंधित वस्‍तुओं के आधार पर दिनांकित किया गया है। हालाँकि छोटे बर्तन बिना आकार के थे; इसलिए इन परतों को 12वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 9 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के समय अंतराल में रखा जा सकता है। जौनपुर में इस खुदाई ने पुरातात्विक जांच के लिए मार्ग प्रशस्त किया जो कि यहां के इतिहास और प्राचीनता के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्‍त करने के लिए आवश्यक है।

सारनाथ सर्कल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का 27वां सर्कल है, जिसकी स्‍थापना पटना सर्कल के पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और लखनऊ सर्कल के कुछ हिस्सों को एक साथ जोड़कर की गयी थी। इस क्षेत्र के कुल 142 स्मारक इसके नियंत्रण में हैं, जिनमें जौनपुर की इमारतें भी शामिल हैं। सारनाथ सर्कल के महत्वपूर्ण स्मारकों में सारनाथ और कुशीनगर के बौद्ध स्मारक, प्राचीन काशी और कौशांबी के उत्खनन के अवशेष, जौनपुर के शर्की राजवंश के स्थापत्य अवशेष, विशेष रूप से अटाला और अन्य मस्जिदें, फैजाबाद की गुलाबबाड़ी और इलाहाबाद के खुसरुबाग, अखंड स्तंभ आदि शामिल हैं।

संदर्भ:
1. https://bit.ly/2XU4kmq
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Northern_Black_Polished_Ware
3. http://www.asisarnathcircle.org/



RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id