गाँवों व शहरों के नाम का एक विशिष्ट अर्थ एवं इतिहास होता है। इस संदर्भ मे पुरातत्व व पुरातात्विक अध्ययन एक प्रमुख भूमिका का निर्वहन करता है। जौनपुर जिले के मुँगराबादशाहपुर के पास स्थित मदारडीह के उत्खनन के बाद जिले मे प्रथम बार बाघों के मौजूदगी का प्रमाण मिलता है। उत्खनन मे प्राप्त बाघ का दांत चौंका देने वाला था क्युकी वर्तमान समय मे यहाँ दूर दूर तक जंगलों का कोई नामोनिशान नही है। परन्तु यहाँ आसपास के क्षेत्रों मे बसे गावों के नाम से इस बात की पुष्टी हो जाती है कि आदिकाल मे यहाँ वृहद् जंगल हुआ करता होगा तथा उसी के अनुरूप यहाँ के गावों के नाम भी कुछ जंगल, वन से सम्बन्ध रखते हैं जैसे- बगौझर (बाघ का घर या जंगल), बनगाँव, बारीगाँव इत्यादि।