स्वच्छता मानव विकास का महत्वपूर्ण कारक है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिये शारीरिक स्वच्छता उतनी ही आवश्यक है जितनी कि बाहरी स्वच्छता। बालों में अक्सर होने वाली जूँ की समस्या जितनी सामान्य है उतनी ही खतरनाक भी है। करीब पांच साल पहले जौनपुर से कुछ दूरी पर स्थित पूर्वी उत्तर-प्रदेश में कई बच्चों के लिये बालों में जूं मौत का कारण बनी। भले ही जूँ अपने आप कोई बीमारी अर्जित नहीं करती लेकिन इनके मल में उपस्थित सूक्ष्मजीव रिकेट्सिया प्रोवाज़ेकी (Rickettsia prowazekii) मानव मौत का कारण बनते हैं। इस सूक्ष्मजीव का संक्रमण ही इन बच्चों की मौत का कारण बना। यह सूक्ष्मजीव जानलेवा बीमारी “एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम” (Acute Encephalitis Syndrome) के लिये भी उत्तरदायी हैं।
बच्चों में ये समस्या आम बात है जो कक्षा या खेलते समय सिर-से-सिर के संपर्क में आने से या कपड़े, बिस्तर, या अन्य व्यक्तिगत वस्तुओं के माध्यम से फैलती है। हर साल लाखों बच्चे और वयस्क इस समस्या से ग्रसित होते हैं। सिर का जूँ परजीवी कीट पेडिकुलस ह्यूमनस कैपिटिस (Pediculus humanus capitis) है जो सिर में रहकर दिन में कई बार रक्त का सेवन करता है। निम्नलिखित कारक वर्तमान में जूं की समस्या को बढ़ा रहे हैं:
• स्क्रीनिंग या जांच का अभाव: क्योंकि जूँ के उत्पन्न होने के सामान्य लक्षण प्रदर्शित नहीं होते इसलिये जूँ वाली कंघी का उपयोग करके इनकी जांच की जा सकती है। बच्चों में इस जांच के अभाव के कारण ये समस्या बढ़ रही है।
• चुप रहना या अनदेखा करना: बच्चों में जूँ के फैलने का आभास माता पिता और शिक्षकों को हो ही जाता है जिसे अनदेखा कर दिया जाता है। माता पिता इस समस्या पर अधिक ध्यान नहीं देते और फलस्वरूप बच्चे इनसे ग्रसित हो जाते हैं।
कुछ मिथक और गलत सूचनाएं जैसे विशेष शैम्पू (Shampoo) और कंडीशनर (Conditioner) जूँ की समस्या को खत्म कर देंगे, घरेलू उपचार इस समस्या से निजात दिलायेगा, जूँ को व्यक्तिगत रूप से निकालना आसान है, आपको अपने पूरे घर को कीटाणुरहित करना होगा आदि इस समस्या को और भी बढ़ा देते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार जूँ एक परजीवी है जो कि मानव सिर की सतह पर पनपता है तथा सिर की सतह का खून चूसकर जीवित रहता है। इससे सिर की सतह में खुजली की समस्या पैदा हो जाती है जो आपकी खराब नींद का कारण भी बनती है। खुजली के कारण होने वाले घाव बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकते हैं, जो आगे की स्थिति को जटिल बना देता है। वर्तमान समय में इस खुजली की समस्या का समाधान करने के लिए विभिन्न देशों में नये उद्योग भी विकसित हो रहे हैं जिनमें निर्जलीकरण भाप उपचार, विद्युत कंघी, तप्त स्ट्रेटनर (Straightener), डायमेथिकॉन (Dimethicone) उपचार आदि का उपयोग जूँ से निजात पाने के लिये किया जा रहा है।
कई स्थानों पर इसका उपचार दवाईयों के सेवन, सिर मुंडाना, सिर में केरोसिन (Kerosene) का प्रयोग आदि के माध्यम से भी किया जा रहा है। गीले बालों में कंडीशनर के प्रयोग से जूँ को कंघी द्वारा निकाला जा सकता है। जूं की समस्या से छुटकारा पाने के लिये निम्नलिखित युक्तियाँ सहायक हो सकती हैं:
• जूं रोधी शैम्पू का प्रयोग
• गैर-कीटनाशक उपचार जैसे डायमेथिकॉन, ऑक्टेनडीओल (Octanediol) और आइसोप्रोपाइल मायरिस्टेट (Isopropyl Myristate) का उपयोग
• चाय के पौधों का तेल और मेयोनेज़ (mayonnaise) जैसे प्राकृतिक उपचार
• कच्चे प्याज़ के रस का उपयोग, आदि
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2Wpw1Yz
2. https://www.verywellhealth.com/head-lice-causes-and-risk-factors-2633641
3. https://bit.ly/2In7t8E
4. https://bit.ly/2Wo5MBE
5. https://bit.ly/2MGnVGy
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