ईद-उल-फितर का त्यौहार इस्लामी पैगंबर मुहम्मद द्वारा प्रारंभ किया गया था। यह इस्लामिक माह शव्वाल के पहले दिन रमजान के महीने के अंत में मनाया जाता है, रमजान की अवधि के दौरान मुसलमान उपवास से गुजरते हैं।
रमजान महीने का उपवास मुस्लिम समुदाय के कई बुनियादी मूल्यों को व्यक्त करता है:- जैसे, गरीबों के लिए सहानुभूति, दान, पूजा, दृढ़ता, धैर्य आदि। उपवास कुछ विद्वानों द्वारा मौलिक दायरे को समाप्त करने के लिए एक माध्यम माना जाता है, जबकि उपवास में सभी आध्यात्मिक क्षेत्र की अधीनता को स्वीकार करते हुए आध्यात्मिक क्षेत्र की शक्ति की सराहना करते हैं। यह मुस्लिमों को सांसारिक इच्छाओं से दूर रहने और पूरी तरह से प्रभु पर ध्यान केंद्रित करने और उनके आशीर्वाद के लिए धन्यवाद करना भी सिखाता है और इस महीने के अंत में आती है ईद-उल-फितर जिसे चाँद रात वाले दिन मनाया जाता है।
ऊपर दी गयी विडियो में ईद की नमाज अदायगी को टाइमलैप्स (Time-Lapse) में संगृहीत करके प्रदर्शित किया है।
“समय के साथ धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तनों को संगृहीत करने के लिए स्थिर अंतराल पर फ़्रेम (Frame) का अनुक्रम लेने की फोटोग्राफिक (Photographic) तकनीक को दर्शाते हुए, जब फ्रेम सामान्य गति से दिखाए जाते हैं तो संगृहीत चित्रांकन बहुत तेज गति के साथ गुजरता सा प्रतीत होता है। फोटोग्राफी (Photography) की इस तकनीक को ही टाइमलैप्स (time-Lapse) नाम दिया गया है।"
सन्दर्भ:-
1. विडियो के निर्माता आशीष मलिक हैं।
2. https://www.youtube.com/watch?v=micxLoXEcx8
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