मानव एक सामाजिक प्राणी है जो विचार विनिमय के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में आता है। किंतु ज्ञान और विचारों को संग्रहित करने के लिए इन्हें लिखित रूप देना अनिवार्य था। जिसके लिए लिपि का अविष्कार किया गया, लिपि को विभिन्न माध्यमों (शिलाओं, धातु, पाण्डुलिपि इत्यादि) में अंकित किया तथा लिपि को संग्रहित करने में सबसे प्रभावी माध्यम कागज था। जिसके अविष्कार ने मुद्रण जगत की शुरूआत की।
कागज का अविष्कार चीन में किया गया अल्बरूनी के अनुसार सर्वप्रथम चीनी कैदियों ने समरकंद में कागज के निर्माण की शुरुआत की, और इसके बाद इसे विभिन्न स्थानों पर बनाया गया। एशिया में इसकी तकनीक के प्रसार हेतु सिल्क रोड़ ने अहम भूमिका निभाई। भारत में, पहला कागज उद्योग कश्मीर में यहां के शासक सुल्तान ज़ैनुल आबेदीन (शाही खान) द्वारा 1417-67 ईस्वी में स्थापित किया था। इसकी गुणवत्ता के कारण विश्व भर में इसकी मांग बढ़ गयी। मांग में वृद्धि के साथ भारत के विभिन्न हिस्सों (पंजाब के सियालकोट, जौनपुर के जफराबाद, पटना के अजीमाबाद इत्यादि में) में कागज मिलों की स्थापना की गयी।
जफराबाद को पुराने समय में कगधी(Kagdhi) शहर के नाम से जाना जाता था। यहां बहुत ही उम्दा, चमकदार और मजबूत किस्म के बांस के कागज का उत्पादन किया गया था। आमतौर पर कागज की दो किस्में यहां उत्पादित की जाती थीं, पहला था पॉलिश पेपर, जो बेहद चमकदार था, और दूसरा बिना पॉलिश किया हुआ कागज । 1924 तक आते-आते, भारत में कागज मिलों ने कच्चे माल के रूप में बांस का उपयोग प्रारंभ कर दिया।
जफराबाद में आज भी बांस के कागजों को निर्माण किया जाता है। बांस के कागज का निर्माण आप स्वयं भी कर सकते हैं जिसकी निर्माण प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है।
निम्न उपकरणों और सामग्री की आवश्यकता होती है:
1। सोडा ऐश – आप इसे कागज निर्माताओं या कला आपूर्ति भंडार से भी ले सकते हैं।
2। लुद्दगी को उबालने के लिए स्टेनलेस स्टील(stainless steel) के कंटेनर की आवश्यकता होगी।
3। रबड़ के दस्ताने।
4। सुरक्षा चश्मे
5। ब्लेंडर(Blender)
6। 12 इंच के वर्गों में कटा हुआ सफेद फेल्ट(felt) या चादर
7। 1 से 2 पाउंड(pound) बांस के खोल को लगभग 1 से 2 इंच के टुकड़ों में काट लें।
8। मोल्ड और डेकल के लिए एक बड़ा रबर टब।
9। मोल्ड(mold) और डेकल(Deckle)।
10। (वैकल्पिक) खिड़की के कांच या कांच के कई टुकड़े। जो न्यूनतम बनने वाले कागज के आकार का होना चाहिए।
बाँस के रेशों को इकट्ठा करना और तैयार करना
शुरू करने के लिए आपको कुछ बांस के खोल एकत्रित करने होंगे। जो वसंत या शुरुआती गर्मियों में मिलते हैं। इन्हें लगभग 1 इंच वर्ग में काटने के लिए पेपर कटर का उपयोग करें। यह आपके पास कम से कम इतना उपलब्ध होना चाहिए कि लगभग गैलन कंटेनर भर जाएं। पानी के प्रत्येक एक चौथाई गैलन के लिए सोडा ऐश के लगभग ½ औंस का उपयोग करें। घोल का आदर्श pH मान 10 से 11 होना चाहिए। तंतुओं को ढंकने के लिए आपको पर्याप्त विलयन की आवश्यकता होगी, इसलिए सोडा ऐश की आवश्यक मात्रा को पानी में घोलकर उबाल लें। उबलते वक्त इसमें तंतुओं को डालें। तंतुओं को डालने के बाद इसे पुनः 2 से 3 घंटे तक उबलने के लिए रख दें, प्रत्येक 20 से 30 मिनट के भीतर इसे हिलाते रहें। जांच करने के लिए खोल के टुकड़े को निकालकर धोएं। टुकड़े से एक दाने को खींचने का प्रयास करें यदि यह आसानी से अलग हो जाता है, तो आपका रेशा तैयार है। घोल को ठंडा होने दें और छलनी के रूप में नायलॉन के टुकड़े से, उपयोग किए गए पानी को छान लें। रसायनों को पूर्ण रूप से हटाने के लिए आप इसे कई बार धो या छान सकते हैं।
कागज निर्माण प्रक्रिया
तैयार लुगदी को आपको पतला करना होगा। जिसके लिए आप मिक्सर का प्रयोग कर सकते हैं इसमें लुगदी को चार बराबर भागों में बांटकर साफ पानी मिलाएं। शीट के निर्माण के समय ध्यान रखें घोल पतला रहे नहीं तो लुगदी नीचे जम जाएगी। साथ ही बांस की एक छड़ी से हिलाते भी रहें। अब अपने मोल्ड और डेकल को गिला करें तथा मोल्ड को डेकल के ऊपर रखें। अब इन्हें बांस के तंतुओं के घोल में धीरे धीरे डालें और धीरे धीरे ऊपर उठाएं। मोल्ड को हिलाएं जब मोल्ड से पानी अलग हो जाए तो अब कागज बनाने की अगले चरण अर्थात काउचिंग की ओर बढ़ें।
काउचिंग और सुखाने की प्रक्रिया
मोल्ड और डेकल को वेट के किनारे पर रखें तथा मोल्ड को एक सिरे की तरफ करें। डेकल को इस प्रकार निकालें कि नम शीट पर किसी भी प्रकार की पानी की बूंद ना पड़े इसे रखने के लिए आपकों एक मजबूत सतह की आवश्यकता होगी, आप जिस भी कपड़े या चादर का उपयोग करें उसके चारों किनारे कागज के आकार से 1 या 2 इंच बड़े होने चाहिए। चादर (फेल्ट) को चिकनी, फर्म की सतह पर रखें तथा इसके एक सिरे पर मोल्ड को रखें। मोल्ड से गिली शीट को चादर में बिछाने के लिए एक फर्म रोलर का प्रयोग करें। आप पहली शीट के ऊपर दूसरी चादर या फेल्ट को बिछाकर उसमें अन्य शीटों को भी बिछा सकते हैं। आपके द्वारा बिछाई गयी शीटों से पानी हटाने तथा कागज को मजबूती प्रदान करने के लिए इसमें तहदार लकड़ी से दबाव दें आप इसमें दाब देने के लिए अन्य साधनों का भी उपयोग कर सकते हैं। दबाव को हटाने के बाद आप ध्यानपूर्वक चादर की पहली परत हटाएं तथा अपने बांस के कागज की पहली शीट प्राप्त करें।
शीट को सूखाने का सबसे अच्छा तरीका है इनके ऊपर बिछाई गयी चादरों सहित उन्हें अलग अलग साफ तथा सपाट स्थानों पर रखें। यह चादर इन्हें सिकुड़ने और झुर्रियां पड़ने से बचाएगी। धीरे से कागज़ को गिलास में दबाने के लिए एक रोलर का उपयोग करें, फिर धीरे धीर से चादर हटा दें। आप कांच से कागज को हटाकर पुनः किसी चादर में रख सकते हैं। पुनः आप इन शीट को एक साथ अलग-अलग चादर पर रखकर लगभग एक रात के लिए दाब दें। सुबह चादर को कागज की शीट से अलग कर दें तथा इन्हें बॉक्स(Box) में संग्रहित कर लें।
संदर्भ:
1. https://www।infinityfoundation।com/mandala/t_es/t_es_tiwar_paper_frameset।htm
2. http://bigplants।com/bamboo-uses/making-bamboo-paper/
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