गर्मियों का आगमन जल्द ही होने वाला है, इस समय तापमान में वृद्धि के साथ-साथ हमारे आस पास कीट पतंगे की संख्या में भी वृद्धि होने लगती है। गर्मियां आते ही कीट पतंगों की संख्या में उछाल सा आ जाता है, उस समय ऐसा लगता है कि इन कीटों ने मानो गर्मियों का समय हमें परेशान के लिये चुन लिया है। परंतु ऐसा नहीं हैं, इसकी असली वजह है सर्दियों में , भोजन के स्रोतों की उपलब्धता में कमी।
दरअसल कीट पतंगे एक्टोथर्मिक (Ectothermic) या ठंडे खून वाले होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके शरीर का तापमान बाहरी वातावरण पर निर्भर करता है। इसलिए गर्मियों में तापमान में वृद्धि आमतौर पर कीट गतिविधि में वृद्धि के साथ संबंधित होती है। कई कीट प्रजातियां वसंत और गर्मियों के दौरान अपनी सर्दियों की विश्राम अवस्था या शीत निष्क्रियता से बाहर निकलते है और अपने वयस्क जीवन के चरणों को शुरू करते हैं। ये अत्यधिक गतिशील, भूखे तथा उत्तेजित अवस्था वाले युवा वयस्क होते हैं जिनकी संख्या में तापमान में वृद्धि तथा भोजन के स्रोतों की उपलब्धता के कारण गर्मियों में उछाल आ जाता है।
ऐफिड सहित कीटों की अधिकांश प्रजातियां सर्दियों के दौरान पौधों के तनों, पत्तियों और छाल पर अंडे देती हैं। इन अंडो में वसंत या गर्मियों में तापमान में वृद्धि के साथ विकास भी होता हैं। इन कीटों पतंगों की संख्या में वृद्धि के साथ साथ संक्रमण, घातक रोग तथा फ्लू होने की संभवनाओं में भी वृद्धि होती है। ये कीट वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के वाहक होते है और इनके बढ़ने का एक कारण ग्लोबल वॉर्मिंग भी है। ग्लोबल वॉर्मिंग के परिणामस्वरूप, हाल के वर्षों में लाइम रोग के मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है। इस दिनों मच्छरों का आतंक भी बढ़ जाता है, जो काफी खतरनाक हो सकते हैं। ये कष्टप्रद जीव बीमारियों को फैलाने के लिए जाने जाते हैं, जिनमें से कुछ वास्तव में घातक बीमारियाँ होती हैं।
हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका में मच्छरों द्वारा फैला वेस्ट नील वायरस एक गंभीर खतरा बन गया था। साथ ही ये अन्य बीमारियों जैसे जीका वायरस, मलेरिया, डेंगू बुखार और चिकनगुनिया आदि भी फैलाते हैं। इन सभी बिमारियों के फैलने में ग्लोबल वॉर्मिंग का भी बहुत योगदान है क्योंकि वेस्ट नाइल वायरस, डेंगू बुखार और ज़िका को जीवित रहने और फैलने के लिए शुष्क और गर्म जलवायु की भी आवश्यकता होती है। जैसे जैसे तापमान गर्म होता जाता है ये तेजी से क्षेत्रों में फैलने लगते है और लोगों को संक्रमित करते है।
जैसे ही गर्म तापमान फैलता है, पहले से गर्म क्षेत्रों में फैलने वाली बीमारियाँ महाद्वीपों में फैल जाएंगी और कई और लोगों को संक्रमित कर देंगी।
ये कीट केवल संक्रमण, घातक रोग तथा फ्लू ही नहीं फैलाते बल्कि फसलों और वनस्पति को भी नुकसान पहुचाते है। ग्रीन शील्ड बग जैसे कीड़े आमतौर पर उत्तरी अमेरिका, भूमध्यसागरीय, मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के क्षेत्रों में दिखने को मिलते हैं। लेकिन कुछ साल पहले यह बग यूनाइटेड किंगडम में दिखना शुरू हुआ और ये बग सभी प्रकार की फसलों को खाने और नष्ट करने के लिए जाना जाता है।
इन कीटों और इनसे फैलने वाले संक्रमण से बचने के लिये सावधानी बरते। नियमित रूप से अपने पालतू जानवरों और परिवार की जांच कराते रहे और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें। स्थिर पानी कीटों के लिए सही प्रजनन स्थल है, इस लिये घर के आप पास पानी जमा ना होने दे। ऐसे ही कई प्रकार के सुरक्षात्मक तरीकों को अपना कर आप इन कीट पतगों के आक्रमण से बच सकते है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2F5szrK
2. https://bit.ly/2J85kkV
3. https://www.earthsfriends.com/global-warming-increase-bugs-insects/
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