जौनपुर की भर जाति का इतिहास

जौनपुर

 09-03-2019 10:00 AM
मघ्यकाल के पहले : 1000 ईस्वी से 1450 ईस्वी तक

उत्तर प्रदेश में विभिन्न जातियाँ निवास करती हैं, ऐसी ही एक है हिंदू जाति से संबंध रखने वाली भर जाति, तो आईए जानते हैं इनके बारे में। भर जाति को विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे राजभर , भरत, भरपतवा। भर शब्द आदिवासी भाषाओं जैसे, गोंडी और मुंडा से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘योद्धा’ है। नृशास्त्री रसेल और हीरालाल के अनुसार, राजभर नाम एक भूस्वामी भर का प्रतीक है। वे ज्यादातर कृषि करके अपना जीवन यापन करते हैं, कृषि के लिए वे अन्य किसी के खेतों में फसलें उगाते हैं और उन्हें कटाई की गई फसल का आधा दिया जाता है। जंगलों के आस-पास निवास करने वाले घास और लकड़ियाँ बेच कर जीवन यापन करते हैं।

उत्तर प्रदेश में इनकी संख्या लगभग 0.16 करोड़ है और ये आजमगढ़, गोरखपुर, जौनपुर, गाजीपुर, गोंडा, वाराणसी, बलिया, देवरिया, फैजाबाद, बस्ती, मऊ और महराजगंज के उपजाऊ पूर्वी जिलों के निवासी हैं। बिहार में इनकी लगभग 1,20,000 और पश्चिम बंगाल में 21,000 की संख्या है। भर एक ऐसा कबीला है जिसका मध्ययुगीन काल में गौरवशाली इतिहास रहा है, उत्तर भरत के विभिन्न हिस्सों में इसके अपने छोटे राज्य हैं।

जैसा कि इसके नाम की उत्पत्ति से स्पष्ट है, भर एक योद्धा जनजाति थी और इसने अपना एक गौरवमय इतिहास बनाया था किंतु धीरे-धीरे यह इतिहास के पन्नों से कहीं गायब हो गया। भर द्वारा पूर्वी यूपी क्षेत्र में छोटे राज्यों का गठन किया गया, लेकिन बाद के मध्य युग में राजपूत और मुस्लिम समूहों के आक्रमण से इन्हें अलग कर दिया गया। भर के अंतिम राजा की हत्या जौनपुर के सुल्तान इब्राहिम शाह शर्की द्वारा की गई थी। भर को भरशिव के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि ये शैव सिद्धांत का पालन करते थे। ऐसा माना जाता है कि उनके राजा शिव के सच्चे भक्त थे और शिव की भक्ति में उन्होंने शिवलिंग को अपने कंधे पर उठाया था। इस प्रकार उनके वंशज को भरशिव के नाम से जाना जाने लगा, लेकिन धीरे-धीरे शिव हट गया।

इनकी मातृभाषा भोजपुरी, एक इंडो-आर्यन भाषा है, इनके द्वारा हिंदी भी बोली जाती है और दोनों भाषाओं को लिखने के लिए देवनागरी लिपि का उपयोग करते हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में वे बंगाली भी बोलते हैं, जिसे बंगाली लिपि में लिखा जाता है। भर धार्मिक कारणों से गोमांस को छोड़कर सभी मांस खाते हैं। उनके मुख्य आहार में गेहूं और चावल जैसे अनाज होते हैं जो विभिन्न प्रकार की दालों, सब्जियों, फलों, दूध और डेयरी उत्पादों द्वारा पूरे किए जाते हैं। इनमें शराब का सेवन करना वर्जित नहीं है। इनमें साक्षरता का स्तर कम है और क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाओं का उपयोग करते हैं और छोटी बीमारियों के लिए हर्बल उपचार का भी उपयोग करते हैं।

भर समुदाय में अंतर्विवाह होता है,यानी वे अपने समुदाय में ही शादी करते हैं। परिवार के दोनों पक्षों में बुजुर्गों के बीच बातचीत द्वारा विवाह तय किया जाता है। भर समुदाय में बाल विवाह अभी भी प्रचलित हैं; हालाँकि वयस्क विवाह की ओर रुझान बढ़ रहा है। इसमें दहेज वर पक्ष के बजाए वधु पक्ष से लिया जाता है। भर हिंदू धर्म के सभी प्रमुख देवी-देवताओं की पूजा करते हैं जैसे शिव, विष्णु, काली, भवानी और अन्य। वे अगवन देव (अग्नि देवता), फूलमती (फूल देवी), देह बाबा और बुरो बाबा (वृद्ध ऋषि) जैसे स्थानीय देवताओं की पूजा भी करते हैं। वे बुरी आत्माओं पर विश्वास करते हैं और बुरी आत्मा के लिए सुअर का बलिदान देते हैं। इनके द्वारा दीपावली, होली, तीज और महा शिवरात्रि भी मनाई जाति है।

संदर्भ;
1. http://tiny.cc/e4pw3y
2. https://bit.ly/2VCnaO0



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id