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जौनपुर के लोग चूहों से बहुत परेशान रहते है, परन्तु जरा कल्पना कीजिए कि एक चूहा आपके घर में कंगारू की तरह उछल कूद रहा है। ये दृश्य उनके लिये एक बुरे सपने से कम नहीं होगा जो चूहों से काफी परेशान हैं। परंतु चिंता न करें, क्योंकि ये “कंगारू चूहे” केवल रेगिस्तान में रहना पसंद करते हैं।
ये कंगारू चूहे डिपोडोमिस (Dipodomys) वंश के छोटे आकार के स्तनधारी जीव हैं जो पश्चिमी उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी हैं। यह भारतीय चूहे के आकार का स्तनधारी जीव है। यह अन्य चूहों की तरह ही अनाज खाते हैं और बिलों में रहते हैं, इसकी कुछ प्राजातियां घास, अन्य हरी वनस्पति और कीड़े भी खाती हैं। कंगारू की तरह उछलने के कारण इसका यह नाम पड़ा है। कंगारू चूहे शुष्क वातावरण में जीवित रहने के लिए अनुकूलित होते है, रेगिस्तानों में कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनकी 22 में से कई प्रजातियाँ कैलिफोर्निया में ही पाई जाती हैं। इन चूहों को ज्यादातर पानी अपने भोजन अर्थात सूखे बीजों से प्राप्त होता है, इनमें सूखे बीजों को खाकर इसे पानी में बदलने की क्षमता होती है। इनमें विशेष प्रकार के वृक्क होते है जो उन्हें पानी की बहुत कम मात्रा के साथ अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन की अनुमति देते हैं। अधिकांश कंगारू चूहे, संतुलन के लिए उनकी पूंछ का उपयोग करके, अपने पीछे वाले पैरों की सहायता से उछलते हैं।
इनकी सभी प्रजातियों में लैंगिक द्विरूपता (नर मादा समान नही दिखते) पाई जाती है, जिसमें नर मादा से बड़े होते हैं। वयस्क आमतौर पर 70 से 170 ग्राम के बीच वजन के होते हैं। इनके सिर और पीछे के पैर अपेक्षाकृत बड़े तथा आगे के पैर छोटे होते हैं। इनकी पूंछ इनके शरीर और सिर दोनों से लंबी होती है। इनके कान छोटे-छोटे तथा बाल रहित होते हैं और आंखें बड़ी और चमकदार होती हैं। यह चूहे 6 फीट की दूरी तक छलांग लगा सकते हैं। ये कथित तौर पर ये लगभग 10 फीट / सेकेंड की गति से 9 फीट (2.75 मीटर) तक तेजी से भाग सकते है। ये आकार में भारतीय चूहों के समान होते है परंतु ये काफी फुर्तीले होते हैं और तो और ये भागते समय जल्दी से अपनी दिशा बदल सकते हैं। इस वीडियो (https://www.nytimes.com/2017/10/12/science/rats-escape-rattlesnakes.html) में आप देख सकते हैं कि कैसे एक कंगारू चूहा, रैटल स्नेक (Rattlesnake) का शिकार होने से बच जाता है। ये चूहे रात के शिकारियों (जैसे सांप और लोमड़ी आदि) से बचने के लिये "मूव-फ्रीज" (move-freeze) मोड का उपयोग करते हैं।
कंगारू चूहे दुनिया के आसाधारण जीव हैं जिन्हें प्रकृति ने इन्हें बहुत कम पानी के साथ जीवित रहने की क्षमता प्रदान की है। ये रेगिस्तानों में बिना पानी के भी जिंदा रह लेते हैं। हम सभी ने सुना है कि ऊंट के शरीर में पानी की थैली होती है, जिसका इस्तेमाल वो भविष्य में आपूर्ति के लिये करता है परंतु इन चूहों के शरीर में ऐसा कुछ नहीं पाया जाता है तथा प्रयोगों से पता चला है कि उनके शरीर में अन्य जानवरों की तरह ही पानी की उचित मात्रा होती है। वास्तव में, ये जो भी भोजन करते हैं, उसके माध्यम से शरीर में पानी की पूर्ति कर लेते हैं। इसके अलावा, ये दिन के समय में अपने बिलों में ही रहते हैं, जहाँ नमी होती है। ये ज्यादातर रात के समय में बाहर निकलते है जब तापमान कम होता है। ये चूहे प्रति वर्ष दो या तीन संतानों को जन्म देते हैं और इनका गर्भकाल 22-27 दिनों तक रहता है।
संदर्भ:
1. https://www.desertusa.com/animals/kangaroo-rat.html
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Kangaroo_rat
3. https://www.nytimes.com/2017/10/12/science/rats-escape-rattlesnakes.html